वर्ष - 29
अंक - 34
21-08-2020

मुजफ्फरपुर में भाकपा(माले) के टाउन कार्यालय पर विगत 10-11 अगस्त को अपराधियों ने लगातार जानलेवा हमले किए, लेकिन किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं होने पर माले राज्य सचिव कुणाल ने 12 अबस्त को गहरा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा-जदयू राजनीतिक कारणों से माले को निशाना बना रही हैं. नगर विकास मंत्री व मुजफ्फरपुर के स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश शर्मा के खिलाफ वहां शहर को जलजमाव से मुक्ति के लिए लगतार आंदोलन चल रहा है, उसी की खुन्नस में अपराधियों को आगे करके माले कार्यालय पर हमला करवाया गया है.

12 अगस्त को भाकपा(माले) की उच्चस्तरीय टीम मुजफ्फरपुर गई. इस टीम में पार्टी के पोलितब्यूरो सदस्य का. धीरेन्द्र झा, केंद्रीय कमेटी की सदस्य व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी तथा दरौली विधायक सत्यदेव राम शामिल थे.

जांच टीम ने मुजफ्फरपुर से लौट कर बताया कि 10 अगस्त 2020 को  कन्हौली पुलिस लाइन के निकट मुहल्ले के रास्ते के सवाल पर उसी क्षेत्र में स्थित भाकपा(माले) के टाउन कार्यालय में तीन पक्ष के पंच मिलकर फैसला कर रहे थे. कुछ देर के बाद एक पक्ष के धर्मेंद्र चौधरी (माता - शकुंतला देवी ने) फैसला मानने से इंकार करते हुए कुछ असामाजिक तत्वों को इकट्ठा कर हमला कर दिया. कार्यालय में तोड़-फोड़ की तथा पार्टी नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, कार्यालय सचिव सुरेश ठाकुर और उनके बेटा ट्टषि ठाकुर (15 वर्ष) के साथ मारपीट की और भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए हुए कार्यालय छोड़ देने की धमकी दी. फिर  पार्टी का झंडा जला दिया. इसकी सूचना तत्काल मिठनपुरा थाना को दी गई. आसपास के लोगों के जुटने और पुलिस के पहुंचने पर हमलावर वहां से हटे. इसका मुकदमा उसी शाम दर्ज किया गया जो मिठनपुरा थाना केस संख्या 126/2020 है. लेकिन पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया और न कोई कार्रवाई की, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा और उन्होंने दुबारा 11 अगस्त की सुबह पार्टी कार्यालय के पास जमा होकर हंगामा करते हुए हमला करने की कोशिश की. लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं तथा पुलिस के पहुंचने पर वे धमकी देते हुए चले गए. थोड़ी देर बाद पार्टी के जनसंगठन इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव राहुल कुमार सिंह बिस्किट लेने जब उस चैक की तरफ गए तो उनको पकड़ कर उन लोगों ने पीटना शुरू कर दिया. इसकी जानकारी पार्टी कार्यालय पर मौजूद पुलिस को दी गई, लेकिन पुलिस ने उन्हें न तो बचाने की कोशिश की और न इसका एफआईआर लिया. बल्कि कार्यालय में उपस्थित महिला कार्यकर्ताओं के बारे में महिला विरोधी बातें कीं और असमाजिक तत्वों के इस आरोप को दुहराया कि कार्यालय में ‘गलत काम’ होता है. बाद में हमलावरों की तरफ से ही मुकदमा करवाया गया जिसका नं. 128/2020 है.

11अगस्त की रात्रि मिठनपुरा थाना केस संख्या 128/2020 के बहाने थाना प्रभारी भागीरथ प्रसाद के नेतृत्व में दर्जनों पुलिस वाले कन्हौली मुहल्ले में आधी रात में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं व समर्थकों के घरों में जबरन घुस आए और उन्होंने महिलाओं के साथ बुरी तरह से मारपीट और बदसलूकी की. महिला पुलिस न होने के कारण महिलाओं ने विरोध किया तो और पुलिस बुलाकर दो घंटे तक आसपास के घरों में बार-बार घुसकर मारपीट और आतंकित करने की बर्बर पुलिस कारवाई जारी रही. 6 महिलाएं बुरी तरह से घायल हैं. इसमें रीता देवी का हाथ तोड़ दिया गया है उन्हें प्लास्टर करवाना पड़ा. कई महिलाओं के कंधे, बांह और पेट पर डंडे की गहरी चोट हैं (रात्रि में पुलिस द्वारा मारपीट का वीडियो क्लिप और घायल महिलाओं के कुछ फोटो भी उपलब्ध हैं). पुलिस उसके बाद दिन में भी जाकर लोगों को आतंकित कर रही है. महिलाएं, लड़कियां व उनके परिवार के लोग पुलिस की कार्रवाई से आतंकित हैं और घर छोड़ने को बाध्य हैं.

कांड संख्या 128/2020 में हमारे कई पार्टी कार्यकर्ता व समर्थकों सहित उनके परिवार की लड़कियों तथा कम उम्र लड़के को अभियुक्त बनाया गया है. इसके साथ दर्ज मुकदमें में इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सह माले नगर सचिव सूरज कुमार सिंह, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव राहुल कुमार सिंह, कार्यालय सचिव सुरेश ठाकुर सहित अन्य कार्यकर्ताओं व समर्थकों के नाम शामिल हैं.

इस पूरे मामले में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कुछ असामाजिक तत्व तो सक्रिय हैं हीं, मिठनपुरा थाना प्रभारी भागीरथ प्रसाद की भूमिका भी संदेहास्पद है. अभी भी पुलिस द्वारा वहां के पार्टी समर्थकों को बार-बार धमकी दी जा रही है, जबकि पार्टी कार्यालय पर हमला करने वाले धर्मेंद्र चौधरी और अन्य खुलेआम घूम रहे हैं.

इसी बीच पुलिस के संरक्षण में धर्मेन्द्र चौधरी और सुरेंद्र सिंह ने मुहल्ले में जिस रास्ते को लेकर विवाद था, वहां दो फीट की गली छोड़कर रास्ता घेर लिया और अपनी अपनी दीवार खड़ी कर ली है.

ये लोग माले कार्यालय को विवादित बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं, क्योंकि भाकपा(माले) कार्यालय रहने के कारण अपराधियों को खुली छूट नहीं मिल पाती है, और गरीब परिवार के नौजवानों को बरगला कर शराब और छोटे-छोटे अपराध कर्म करवाने में दिक्कत होती है. इसलिए माले नगर सचिव सूरज कुमार के खिलाफ मामला बनाया गया है. उस मुहल्ले के निवासी सुरेश ठाकुर गरीब होते हुए भी अपनी बेटियों को पढ़ा रहे हैं. वहां के नौजवानों को अच्छी बातें बताने की कोशिश करते हैं. इसलिए उन्हें खास निशाना बनाया गया है. उन्हें, उनकी दोनों बेटियों और 15 साल के बेटे को फंसाया गया है. छात्र संगठन आइसा की एक छात्र पर भी मुकदमा किया गया है. माले कार्यालय में आने वाली लड़कियों के बारे में अभद्र प्रचार चलाया जा रहा है.

यह सर्व विदित है कि माले और इसके जनसंगठनों के कार्यालयों में लड़कियां और महिलाएं आती-जाती हैं, रहती हैं और पार्टी को इस पर गर्व भी है कि पार्टी कार्यालय महिलाओं के सम्मान और अधिकार की लड़ाई के केंद्र होते हैं.

जांच टीम की तरफ से भाकपा(माले) की केंद्रीय कमेटी सदस्य मीना तिवारी ने बिहार के डीजीपी से मिलकर उनको सारे तथ्यों से अवगत कराया और उनसे निम्नलिखित मांग की:
1. घिनौनी सोच वाले मिठनपुरा थाना प्रभारी भागीरथ प्रसाद पर कारवाई की जाए.
2. भाकपा(माले) और ऐपवा कार्यालय पर हमला करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार किया जाए.
3. लड़कियों सहित पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों पर साजिश के तहत दर्ज मुकदमा वापस लिया जाए.

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