वर्ष - 29
अंक - 36
22-08-2020

औरंगाबाद (बिहार) के दाउदनगर के अन्छा गांव में 21 अगस्त को हरवे हथियार से संगठित राजपूत दबंगों ने जनसंहार की मंशा से दलित-गरीब टोले पर जानलेवा हमला किया था. भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि लाॅकडाउन पीरियड में पूरे बिहार में सामंती-साम्प्रदायिक-अपराधी ताकतों का मनोबल बढ़ा हुआ है. दाउदनगर की घटना उसी की एक कड़ी मात्र है. अन्छा की घटना के खिला सभी अपराधियों की अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग पर आगामी 24 अगस्त को पार्टी बैनर से राज्यस्तरीय विरोध दिवस आयोजित किया जाएगा.

भाकपा(माले) की एक उच्चस्तरीय टीम ने अंछा का दौरा किया जिसकी अगुवाई पार्टी के पोलितब्यूरो मेम्बर राजाराम सिंह कर रहे थे. उनके अलावा इस टीम में का. महानंद, अनवर हुसैन, जितेन्द्र यादव, रवीन्द्र यादव और मुनारिक राम शामिल थे. इधर पटना में पार्टी के पोलितब्यूरो सदस्य का. अमर के नेतृत्व में पार्टी की एक टीम ने पीएमसीएच में भी घायल लोगों से मुलाकात की.

जांच टीम ने बताया कि 21 अगस्त को सामंती अपराधियों ने अचानक गांव के दलित-गरीब टोले पर फायरिंग आरम्भ कर दी. फायरिंग में कई लोग बाल-बाल बचे, वरना उनकी पूरी मंशा एक बड़ा जनसंहार रचाने की थी. 6 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 5 को पीएमसीएच पटना रेपर कर दिया गया. घायलों के नाम इस प्रकार हैं:

1) मनीष उर्फ बाॅबी चंद्रवंशी (16 वर्ष, पिता - दिनेश चंद्रवंशी), इनकी छाती में गोली लगी है. (2) लक्ष्मीनिया देवी (पति - भोला चौधरी, उम्र - 38 वर्ष), जांघ में गोली लगी है. (3) सोल्जर चौधरी (पिता - लक्ष्मण चौधरी, उम्र - 18 वर्ष). (4) राजेश चौधरी (20 वर्ष, पिता - बहादुर चौधरी), कनपटी में गोली लगी है. (5) विकास यादव (17 वर्ष, पिता - रामजी यादव), पीठ में गोली लगी है. (6) अमन कुमार, (13 वर्ष, पिता - दिनेश चंद्रवंशी), हाथ में गोली लगी है.

अन्छा गांव में घटना की शुरुआत विगत 14 अगस्त को हुई, जब गांधी सिंह के यहां जन्मदिन के अवसर पर एक नाच कार्यक्रम आयोजित था. उनका घर गांव के दलित मुहल्ले में है. कार्यक्रम के दौरान राजपूत समुदाय से आने वाले दबंगों ने हो-हल्ला करना आरम्भ कर दिया. मना करने पर गांधी सिंह के भगीना ने धीरज पासवान पर मोटरसाइकिल चढ़ा दी और उसके बाद धक्का-मुक्की आरम्भ कर दीमामला शांत हो गया. पिर 19 अगस्त को मुकेश कुमार (18 वर्ष, पिता - महेंद्र साव) और रौशन कुमार (19 वर्ष, पिता - ललन साव) जब दाउदनगर बाजार से घर लौट रहे थे, तो मुहल्ले में क्रिकेट खेल रहे राजपूत जाति के लड़कों ने अचानक उनपर हमला कर दिया और मारपीट कर गम्भीर रूप से उन्हें बुरी तरह से घायल कर दिया. दोनों लड़कों को इलाज के लिए बाहर भी जाने नहीं दिया गया.

आक्रोशित गरीबों ने 20 अगस्त को राजपूत जाति के कुछ मनबढुओं की भी पिटाई कर दी. यह सामंती ताकतों को नागवार गुजरा और 21 तारीख को टोले पर राइपलों से हमला कर दिया. गरीब टोले की ओर से भी प्रतिरोध हुआ, लेकिन अंधाधुंध फायरिंग में लोग घायल हो गए.

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सामंती अपराधियों द्वारा दलितों-अतिपिछड़ों पर किए गए इस जानलेवा हमले के खिलाफ भाकपा(माले) ने 24 अगस्त को राज्यव्यापी प्रतिवाद आयोजित किया. माले के पोलितब्यूरो सदस्य व ओबरा के पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने घटना का प्रतिवाद करते हुए कहा कि भाजपा-जदयू के दिन अब लद गए हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य के दलितों-गरीबों-अतिपिछिड़ों व व्यापक जनता ने इस जनविरोधी व सामंतपरस्त सरकार को सबक सिखाने का पूरी तरह से मन बना लिया है.

पार्टी राज्य कार्यालय में ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, पार्टी राज्य कमेटी सदस्य उमेश सिंह और अन्य नेताओं तथा पटना के आशियाना नगर, दीघा, कंकड़बाग, पटना सिटी आदि इलाकों में भी माले कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया.

दाउदनगर के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस राज्यव्यापी विरोध दिवस में भाग लिया. दाऊदनगर नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार दबगर, निलकोठी नगर सचिव बिरजू चौधरी, पचकठवा के महेंद्र चैधरी ने अपने प्रतिवाद दर्ज कराए. गुलजारपुर, रामनगर आदि स्थानों पर भी विरोध कार्यक्रम किया गया. इस मौके अनुमण्डल कार्यालय में प्रतिरोध सभा किया गया. दाऊदनगर प्रखंड के विभिन्न पंचायत, गांव एवं प्रखंड कार्यालय में कार्यक्रम किया गया, जिसमें अंछा गांव मे हुए इस सामंती-जातीय हमले के खिलाफ आम गरीब जनता में आक्रोश देखा गया. तरार गांव मे जनार्दन सिंह, मखरा में किसान नेता कामता यादव, रेपुरा में जिला कमिटी सदस्य नागेंद्र कुमार, मनार में मनोज मेहता, जिनोरिया में खेग्रामस नेता राजकुमार भगत, बेलड़ी में बामदेव सिंह, ठाकुर विगहा में दुधेवश्वर मेहता, बाबू अमौना में मदन प्रजापत, संसा में अलकारी देवी ने विरोध दर्ज किया. अंछा गांव में सोन कैनाल नहर रोड से अंछा तक के पइन मार्ग का अविलंब निर्माण कराने की मांग की गई. गरीब टोले के लिये 200 केवी के दो ट्रांसफाॅर्मर लगाने व गरीबों के ऊपर दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी मांग की गई. घायलों को सरकारी खर्च पर इलाज कराने एवं पीड़ित परिवार को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग प्रमुखता से उठाई गई.

अरवल, जहानाबाद, गया में विरोध दिवस में जनता की जबरदस्त भागीदारी दिखी. भोजपुर के विभिन्न इलाकों में भी प्रतिवाद हुआ. पूर्वी चंपारण के मोतिहारी-छौड़ादानो रोड, नारायण चौक पर मार्च निकालकर माले नेताओं ने लाॅकडाउन के दौरान जदयू-भाजपा के संरक्षण में दलित गरीबों पर लगातार हो रहे हमले पर रोक लगाने की मांग की. सहरसा में माले व खेग्रामस नेताओं ने मार्च निकाला. पटना जिले के धनरूआ, पतुहा, विक्रम, पालीगंज आदि इलाकों में प्रतिवाद किया गया. मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सिवान, गोपालगंज, अररिया, भागलपुर, नवादा, वैशाली आदि जिलों में भी प्रतिवाद कार्यक्रम को लागू किया गया.

– कुमार परवेज  

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