भारतीय रेल से आम जनता की बेदखली के खिलाफ आरवाइए का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

रेलवे भारतीय जनता की जीवन रेखा है. यह न सिर्फ लाखों लोगों के रोजी-रोटी का साधन है बल्कि करोड़ों नागरिकों के सपनों को भी ढोती है. हजारों मजदूर काम की तलाश में, विद्यार्थी पढाई और परीक्षाऔर बीमार लोग इलाज के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर रेलवे के माध्यम से ही जा पाते हैं. मोदी सरकार ने कोविड के बहाने कई ट्रेनें बंद की, ट्रेनें फिर से शुरू हुईं तो जनरल और नन एसी स्लीपर बोगियों की संख्या घटाकर एसी बोगियों की संख्या बढ़ा दी गई और साथ ही साथ यात्री किराया भी बढ़ा दिया गया. सरकार के इस फैसले ने देश की बड़ी आवादी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी.

दिल्ली में नमाजियों के अपमान और पुलिसिया हिंसा के खिलाफ देशव्यापी प्रतिवाद कार्यक्रम

दिल्ली के इंद्रलोक में नमाजियों के अपमान और पुलिसिया हिंसा के खिलाफ भाकपा माले द्वारा आहूत दो-दिवसीय (11-12 मार्च 2024) राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस का पालन करते देशभर में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए.

असंवैधानिक, भेदभावकारी और विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून का देशव्यापी विरोध

लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले असंवैधानिक, भेदभावकारी और विभाजनकारी नागरिकता संशोधन कानून की अधिसूचना को एक गहरी राजनीतिक साजिश करार देते हुए भाकपा(माले) ने 14 मार्च 2024 को राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद आयोजित किया. इसके तहत राजधानी पटना सहित गया, दरभंगा, सुपौल, नासरीगंज, बिहारशरीफ, पटना ग्रामीण के मसौढ़ी, दुल्हिनबाजार, नवादा, बेगूसराय आदि जगहों पर विरोध दिवस का आयोजन किया.

ऐतिहासिक रहा ग्रामीण भारत बंद और औद्योगिक-क्षेत्रीय हड़ताल

16 फरवरी 2024 को एसकेएम और सीटीयू/फेडरेशनों द्वारा आहूत और देश की अन्य ट्रेड यूनियनों, खेत मजदूर, छात्र, युवा, महिला, व्यापारी, ट्रांसपोर्ट से जुड़े संगठनों का देश में औद्योगिक/सेक्टोरियल हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद का आह्वान ऐतिहासिक रहा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए देश के किसानों, मजदूरों, छात्रों, युवा, महिला संगठनों, व्यापार व ट्रांसपोर्ट से जुड़े संगठनों की अहम भूमिका रही है। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इसे ऐतिहासिक करार देते हुए आगे और भी बड़े आंदोलनात्मक अभियान चलाने का ऐलान किया है। इस हड़ताल और बंद का असर सुबह से ही दिखने लगा था, जब कई उद्योगों, स

बिहार में परिवर्तन की महत्वपूर्ण सूत्रधार बनेंगी महिलाएं

12 फरवरी, ऐपवा स्थापना दिवस के अवसर पर बिहार की राजधानी पटना में विधानसभा के समक्ष महिलाओं का प्रदर्शन आयोजित किया गया था. इसी दिन बिहार की भाजपा-जदयू सरकार को विश्वास मत हासिल करना था. राजनीतिक माहौल काफी तनावपूर्ण था और तरह-तरह की बातें हवा में थीं. ग्रामीण और शहरी इलाकों में जहां से महिलाओं को शामिल होना था वहां कई लोगों ने प्रचार कर दिया था कि प्रदर्शन नहीं होगा क्योंकि पटना में धारा 144 लगा दी गई है. कई जगह से महिला साथियों के फोन आने लगे कि कार्यक्रम होगा या नहीं. प्रदर्शन की इजाजत मिली है या नहीं.

मुजफ्फरपुर थाना हाजत हत्याकांड के खिलाफ प्रतिवाद मार्च

29 जुलाई 2023 को मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया थाना हाजत में पुलिस की बर्बर पिटाई से 18 वर्षीय मो. गोलू की मौत हो गई. दो अन्य युवकों, मो. इम्तियाज और मो. नौशाद को, पुलिस ने पीट-पीट कर अधमरा कर दिया.

चार सालाना स्नातक कोर्स और फीस वृद्धि के खिलाफ बिहार में आइसा का राजभवन मार्च

विगत 17 जुलाई 2023 को आइसा ने चार सालाना स्नातक कोर्स, फीस वृद्धि व बिहार के विश्वविद्यालयों में व्याप्त शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ राजभवन मार्च निकाला. राजभवन मार्च कारगिल चौक से निकला जिसे जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग के सहारे रोक दिया. आइसा कार्यकर्ता राज्यपाल से मिलने की मांग पर अड़े रहे एव करीब एक घंटे तक सड़क को जाम रखा. राज्यपाल बिहार में नहीं थे. बाद में प्रशासन से हुई बातचीत के बाद आइसा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के ओएसडी संजय कुमार से मिल कर ज्ञापन सौंपा.

मध्य प्रदेश में भाजपाई नेता द्वारा आदिवासी के ऊपर पेशाब करने की घटना के खिलाफ आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन

विगत दिनों मध्य प्रदेश के सीधी जिला में एक आदिवासी के ऊपर भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला द्वारा पेशाब करने की शर्मनाक घटना सामने आई. भाकपा(माले), आदिवासी संघर्ष मोर्चा और अन्य कई संगठनों ने भाजपा नेता पर कठोर कार्रवाई करने की मांग को साथ देश के विभिन्न हिस्सों में आक्रोशपूर्ण विरोध प्रदर्शन किये.

दलित-गरीबों को उजाड़े जाने के खिलाफ खेग्रामस-मनरेगा मजदूर सभा का राज्यव्यापी प्रदर्शन

विगत 11जुलाई 2023 को अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) और मनरेगा मजदूर सभा के राज्यव्यापी आह्वान पर दलित-गरीबों को  उजाड़ने की नोटिस दिए जाने के खिलाफ बिहार के 50 से ज्यादा अनुमंडल मुख्यालयों पर अक्रोशपूर्ण प्रदर्शन हुआ.

मणिपुर हिंसा के खिलाफ एआइपीएफ-इंसाफ मंच की प्रतिवाद सभा

भाजपा शासित मणिपुर में विगत 2 महीने से जारी सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ तथा वहां के मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह की तत्काल बर्खास्तगी और शांति की बहाली की मांग के साथ विगत 3 जुलाई 2023 को पटना के बुद्ध स्मृति पार्क में एआइपीएफ और इंसाफ मंच की ओर से प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया.