वर्ष - 29
अंक - 39
19-09-2020

उदयपुर में विगत 10 सितंबर को वाम दलों ने बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने, लाॅकडाउन के दौर का बिजली बिल माफ करने और बिजली बिलों में त्रुटियों और मीटर से जुड़ी हुई शिकायतों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पर सयुंक्त धरना दिया. धरना को भाकपा(माले) के जिला सचिव चंद्रदेव ओला, माकपा के जिला सचिव प्रताप सिंह देवड़ा, भाकपा के जिला सचिव सुभाष श्रीमाली, ऐक्टू के राज्य सचिव सौरभ नरुका और माकपा के शहर सचिव राजेश सिंघवी संबोधित किया. धरना में प्रो. आरएन व्यास, पार्षद राजेश वसीठा, हीरा साल्वी, घनश्याम तावड, शंकरलाल चौधरी, रिंकू परिहार, फरीदा, आदि उपस्थित थे.

जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर यह मांग की गई कि

  1. लाॅकडाउन अवधि के बिजली के बिल माफ किया जाए. क्योंकि इसमें लोगों का दोष नहीं.
  2. लाॅकडाउन के कारण जनता बेरोजगार हुई है, अभी तक काम-धंधा नहीं मिल रहा है. ऐसे में घरेलू बिजली की दरों में वृद्धि कत्तई उचित नहीं है. बिजली की बढ़ी हुई दरें वापस ली जाएं.
  3. लाॅकडाउन के दौरान कुछ लोगों ने बिजली बिल की राशि जमा की है लेकिन उसका पूर्ण या आंशिक समायोजन नहीं हुआ है, उसका तुरंत समायोजन कर वास्तविक देय राशि की ही मांग की जाए.
  4. गलत मीटर रीडिंग अथवा खराब मीटर के कारण बढ़ी हुई राशियों को अविलंब ठीक कर वास्तविक विद्युत व्यय की ही बिलिंग कर संशेधित बिल जारी किया जाए.
  5. बिजली विभाग बस्तियों व कालोनियों में शिविर लगाकर 10 दिनों के अंदर इन समस्याओं का निराकरण करे और तब तक वसूली का तकाजा स्थगित रखे. किसी भी स्थिति में कनेक्शन नहीं काटा जाए.
  6. कुछ बिलों मे पूर्व बकाया राशि दिखायी गयी है जबकि उपभोक्ता को आशंका है कि भुगतान हो चूका है. बिलों की जांच कर गलती सुधारी जाए.
  7. सार्वजनिक सेक्टर की बिजली कंपनियों के निजीकरण और उनमे काम की आउटसोर्सिंग पर रोक लगे. बिजली विभाग और विद्युत निगम लिमिटेड मे ठेके पर काम कर रहे कर्मचारीयों को स्थायी किया जाए.
  8. बिलिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जाए जहां सारे पुराने बिल, उपभोग और भुगतान को बिजली ग्राहक एक साथ देख सकें. कार्यालयों मे जनशिकायतों की सुनवाई की ब्यवस्था हो.