वर्ष - 29
अंक - 42
09-10-2020

 

बिहार विधानसभा के चुनाव घोषित हो चुके हैं. बिहार की फौरी जरूरत है -- बदलाव और लोकतांत्रिक रूपांतरण. इसके लिए मतदान करने का बिहार के मतदाता बेताबी से इंतजार कर रहे हैं. बिहार के लोग उस मौके का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जबकि वे 2015 के प्रचंड भाजपा विरोधी जनादेश को हड़पने और बिहार के मतदाताओं का अपमान करने वाले जदयू और भाजपा को सबक सिखा सकेंगे; सबक सिखाना है,“सुशासन” के नाम पर किए गए खोखले और झूठे वायदों के लिए;  लॉकडाउन के दौरान प्रवासी बिहारी मजदूरों के साथ किए गए क्रूर व्यवहार के लिए; जिस  तरीके से बिहार के युवाओं से शिक्षा, रोजगार का अधिकार लूट लिया गया, उसके लिए सबक सिखाना है; सबक सिखाना है, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और महिला स्कीम वर्कर्स के श्रम का शोषण करने के लिए; और बिहार के सामाजिक राजनीतिक माहौल को सांप्रदायिक और सामंती घृणा और हिंसा से विषाक्त करने की कोशिश करने वालों को भी सबक सिखाना नितांत आवश्यक है.

भाकपा(माले) व्यापक विपक्षी गठबंधन के साथ मिल कर 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. जिन सीटों पर भाकपा(माले) चुनाव लड़ रही है, उन इलाकों में पार्टी की भूमिहीन गरीबों और वंचित तबकों के लिए संघर्ष की एक लंबी शानदार परंपरा रही है. ये तमाम संघर्ष, चरम सामंती प्रतिक्रिया के विरुद्ध छेड़े गए और जीते गए तथा इन संघर्षों ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल दिया. आज भाकपा(माले), स्कीम वर्कर्स (आशा, आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन रसोइया महिलाओं तथा संविदा शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों) के संघर्ष की अगली कतार में है; तमाम आवश्यक आधुनिक सुविधाओं से लैस सरकारी स्कूलों, उच्च शिक्षा संस्थानों और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के संघर्ष; तथा बिहार के अंदर स्थायी एवं सम्मानजनक रोजगार की लड़ाई के मोर्चे पर भी पार्टी अग्रिम पांत में खड़ी है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने यह पुनः सिद्ध किया है कि देश भर में और देश से बाहर भी बिहार के प्रवासी मजदूरों के संकट के समय उनके साथ यदि कोई पार्टी मजबूती से खड़ी रही है तो वो भाकपा(माले) है.

महिला अधिकारों और महिलाओं की आज़ादी के संघर्षों  की विश्वसनीय ताकत के रूप में भाकपा(माले) की पहचान रही है. बिहार में हर तरह की सांप्रदायिक हिंसा और आतंकवाद विरोधी जांच के नाम पर मुस्लिमों को फर्जी आरोपों में फंसाने की तमाम कोशिशों के विरुद्ध इंसाफ की लड़ाई में मजबूती से खड़े रहना, हमारे विधायक और कार्यकर्ताओं की विशिष्ट पहचान रही है.

हमारे जितने भी प्रत्याशी हैं, वे उक्त सभी संघर्षों को संगठित करने वाले कार्यकर्ता हैं. ऑनलाइन क्राउड फंडिंग की अवधारणा तो हाल के वर्षों में शुरू हुई है. परंतु भाकपा (माले) हमेशा से सच्चे अर्थों में “क्राउड फंडिंग” यानि जनता द्वारा दिये गए आर्थिक सहयोग से चलने वाली पार्टी रही है, बड़े पूँजीपतियों या कॉरपोरेट के पैसे की आस, हमने कभी नहीं लगाई. संदिग्ध इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मार्फत आने वाले काले पैसे के दम पर चुनाव को खरीदने की कोशिश करने वाले प्रत्याशियों के हम सख्त खिलाफ हैं. आप जानते हैं कि जनता के अधिकारों, सांप्रदायिक राजनीति का प्रतिरोध करने और विधानसभा के अंदर और बाहर के छल-छद्म की हर कोशिश के खिलाफ भाकपा(माले) के विधायक, हमेशा से सर्वाधिक विश्वसनीय ताकत रहे हैं और आगे भी रहेंगे. किसी भी समय से अधिक, इस समय जरूरी है कि बिहार विधानसभा में भाकपा(माले) की मज़बूत उपस्थिति हो.

हम आपसे अपील करते हैं की सामर्थ्यानुसार भाकपा(माले) के चुनाव अभियान में उदारता पूर्वक आर्थिक सहयोग कीजिये.

बैंक/ भुगतान संबंधी जानकारी :
बैंक के जरिये भुगतान( भारतीय नागरिकों द्वारा)

खाता धारक का नाम :  CPI(ML)
खाता संख्या : 90502010057518
आईएफ़एससी कोड : SYNB0009050
एमआईसीआर संख्या : 110025038
बैंक : सिंडीकेट बैंक
निर्माण विहार दिल्ली- 110092

चेक, ड्राफ्ट, पे ऑर्डर ‘CPI(ML)’ के नाम पर जारी करें
पता :भाकपा(माले) केंद्रीय कार्यालय
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सहयोग की अपेक्षा में
केन्द्रीय कमेटी, भाकपा माले