वर्ष - 29
अंक - 41
03-10-2020

‘युवा स्वाभिमान पदयात्रा’ जो शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्म दिवस के मौके पर 28 सितंबर को इलाहाबाद के चंद्रशेखर आजाद पार्क से शुरू हुई थी और जिसका समापन आगामी 9 अक्टूबर को लखनउफ में होना था, प्रदेश की योगी सरकार की पुलिस के जरिए रोक दी गई. यह यात्रा 25 किलोमीटर की दूरी तय  कर जब अपने पहले ठहराव स्थल नवाबगंज में पहुंची. तो रात्रि में ही सभी युवा पदयात्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

इस यात्रा को छात्र-युवाओं, कर्मचारियों, मजदूरों, महिलाओं, किसानों, अधिवक्ताओं, शिक्षकों समेत समाज के हर तबके का पुरजोर समर्थन मिल रहा था और इस मौके पर सम्मानजनक रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा के लिए संघर्ष तेज करने का जो संकल्प लिया जा रहा था – योगी सरकार उसी से डर गई.

पदयात्रा में युवा स्वाभिमान मोर्चा के संयोजक डा. आरपी गौतम, सहसंयोजक सुनील मौर्य, शैलेश पासवान, अमर बहादुर, गौतम राम अवन, ठाकुर प्रसाद, सोनू यादव, शशि सिद्धार्थ, अनिल कुमार, धर्मराज कोल, शिव कुमार कोल, सुवासचंद्र वर्मा, आनंद राजभर, बबलू बियार, रोशन लाल,  मंगला प्रसाद, करन, विमलेश गौतम आदि शामिल थे.

यात्रा की शुरूआत करते हुए युवा स्वाभिमान मोर्चा के संयोजक डा. आरपी गौतम ने कहा कि रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार अगर युवाओं को रोजगार नहीं दे सकती तो उनको सम्मानजनक युवा स्वाभिमान भत्ता दे. कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020  का आधार प्रधानमंत्री का सबसे मशहूर जुमला ‘आत्मनिर्भर’ होने का  है अर्थात् सरकार सामाजिक एवं आर्थिक रूप से हाशिए पर स्थित समुदायों को प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही है. प्रदेश सरकार भी एससी-एसटी छात्रों के निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था खत्म करने के साथ छात्रावृत्ति व शोधवृत्ति को कम  कर रही है ताकि गरीब, वंचित समाज के छात्र शिक्षा से व महंगे प्रोफेशनल कोर्स में दाखिल होने से ही बाहर हो जाएं.

सह संयोजक सुनील मौर्य ने कहा कि दो करोड़ नौकरियां हर साल देने का वादा कर सत्ता में आये मोदीजी ने अपने कार्यकाल में उल्टे दो करोड़ से ज्यादा रोजगार छीन लिया. अब सरकारी क्षेत्रों – रेलवे, कोल इंडिया, एलआइसी, बीपीसीएल, एयर इंडिया, एचएएल आदि का निजीकरण कर वह बची हुई नौकरियों पर भी हमला बोल रहे हैं.

युवा स्वाभिमान पदयात्रा को इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडे, एक्टू के राष्ट्रीय सचिव डा. कमल उसरी और एडवोकेट बीएम सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. कर्मचारी नेता अजय भारती,  इरफात अली, महिला नेता गायत्री गांगुली, मजदूर नेता राम सागर, अनु सिंह, अनिल कुमार, रामनिवास, बृजेश कुमार, तथा राजवेंद्र सिंह, आशुतोष कुमार, प्रमोद कुमार, अनुज कुमार, संतोष, अखिलेश पांडे (सभी एडवोकेट) और  छात्र-युवा नेताओं विकास स्वरुप, रितेश विद्यार्थी, शिवानी, नेहा यादव, सुनील यादव, अंतस सर्वानंद, शक्ति रजवार आदि ने आजाद पार्क पहुंचकर अपना समर्थन दिया था.

प्रदेश तमाम लोकतांत्रिक शक्तियों ने सरकार की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की तीखी भर्त्सना की है.

 

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