वर्ष - 29
अंक - 51
19-12-2020


15 दिसंबर 2020 का दिन, समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड का पतैलिया गांव. आज यहां सुबह से ही काफी चहल-पहल है. गांव के बाहर ही तोरण द्वार बना है. और सड़क के दोनों ओर जगह-जगह हंसुआ-हथौड़ा चिन्ह वाले लाल झंडे टंगे हुए हैं. इस छोटे से गांव के बीचो-बीच सड़क से लगे एक घर के सामने सैकड़ों लोग जमा हुए हैं. किसान-मजदूर हैं, छात्र-नौजवान हैं और दर्जनों महिलायें भी हैं. वे सभी एक सभा में शामिल हैं.

समस्तीपुर जिले की सीमा पर स्थित इस छोटे-से पतैलिया गांव की बड़ी पहचान है. यह का. रामदेव वर्मा का गांव है जो बिहार के एक चर्चित कम्युनिस्ट नेता हैं और यहां से छह बार विधायक रहे हैं. उनकी पत्नी व साथी का. मंजू प्रकाश भी दो-दो बार बक्सर क्षेत्र से विधायक रहीं हैं. वे का. ज्योति प्रकाश की जो 90 दशक के शुरुआती दिनों में भोजपुर जिला (अब बक्सर) के एक जुझारू वामपंथी नेता थे और सामंती ताकतों के हाथों शहीद हुए थे, बेटी भी हैं.

पतैलिया ही वह गांव है जहां से समस्तीपुर जिले में माकपा का कामकाज की शुरुआत हुई. 70 के दशक के शुरुआती दिनों में युवा रामदेव की अगुआई में चंद्रबलि ठाकुर सरीखे इलाके के सामंतों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बज उठा. वर्षों तक चले संघर्ष व दर्जनों शहादतों की बदौलत माकपा ने भूमिहीन गरीबों व छोटे-मंझौले किसानों के बीच अपनी गहरी पैठ बनाई और अपने नेता का. रामदेव वर्मा की अगुआई में चुनावी जंग में भी फतह हासिल की.

जिले में माकपा संगठन के भीतर भारी पैमाने पर गड़बड़ियां शुरू हुईं. इन गड़बड़ियों की महज कोई स्थानीय वजह ही नहीं रही होगी क्योंकि का. रामदेव वर्मा ने जब इस पर सवाल उठाना शुरू किया तो शीर्ष नेतृत्व ने उनको अलगाव में डालना शुरू कर दिया. विगत बिहार विधानसभा चुनाव एक निर्णायक पड़ाव साबित हुआ जब का. रामदेव वर्मा ने सैकड़ों माकपा कार्यकर्ताओं समेत भाकपा(माले) में शामिल होने की घोषणा कर दी.

आज का. रामदेव वर्मा और का. मंजू प्रकाश समेत सैकड़ों लोगों ने भाकपा(माले) की सदस्यता ली और एक कम्युनिस्ट के रूप में जीने-मरने के अपने संकल्प को एक नया आयाम दिया. इस अवसर पर ‘भाकपा(माले) संगठन का विस्तार और बिहार में हमारी नई जवाबदेही’ विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित हुआ जिसे भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के सदस्यों - का. राजाराम सिंह और का. धीरेन्द्र झा ने मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित किया.  ‘समकालीन लोकयुद्ध’ के संपादक संतोष सहर, भाकपा(माले) के दरभंगा व समस्तीपुर जिला सचिव का. बैजनाथ यादव व प्रो. उमेश कुमार, वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी रहे का. फूलबाबू सिंह, खेग्रामस नेता जीवछ पासवान, किसान नेता उपेन्द्र राय, ऐपवा नेत्री प्रमिला देवी, आइसा नेत्री मनीषा कुमारी, महावीर पोद्दार, सुशील कुमार, शंकर प्रसाद यादव, फूलेन्द्र प्रसाद सिंह, सत्यनारायण महतो, अमित कुमार, प्रेमानंद सिंह, दिनेश कुमार के अलावे खुर्शीद खैर, अजय कुमार, मनोज प्रभाकर, शम्भू राय, अनिल राय, मेघन भगत, लक्ष्मीनारायण सिंह, बैजनाथ महतो, रामविनय महतो, मो. गौहर अली, चंदन कुमार आदि इस ऐतिहासिक मौके पर मौजूद थे.