वर्ष - 30
अंक - 52
25-12-2021

पंजाब में स्वर्ण मंदिर और कपुरथला के एक गुरुद्वारे में सिखों के धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को ‘अपवित्र करने’ के प्रयासों का बदला लेने के नाम पर हुई भीड़ हत्या की घटनाओं की भाकपा(माले) भर्त्सना करती है. किसी भी धर्म को अपमानित करना इन्सानों की हत्या करने का वाजिब कारण नहीं हो सकता है. लिंचिंग के अपराधियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने में पंजाब पुलिस की विफलता शर्मनाक है, जबकि एक लिंचिंग उसकी मौजूदगी में हुई थी. पंजाब की तमाम पार्टियों के राजनेताओं की टिप्पणियां भी उतनी ही शर्मनाक हैं जिसमें उन्होंने लिंचिंग को ‘अपवित्रकरण’ के प्रति जायज कार्रवाई बताया है.

अल्पसंख्यक धर्मों के पवित्र ग्रथों अथवा धार्मिक स्थलों का अपवित्रकरण और तोड़-फोड़ आम तौर पर बहुसंख्यावादी सांप्रदायिक हिंसा की कार्रवाइयां होती हैं जिसके अपराधियों को अवश्य दंड मिलना चाहिए. पिछले कई वर्षों में सिखों के पवित्र ग्रंथ के अपमान की ऐसी अनेकानेक घटनाओं की संतोषजनक जांच-पड़ताल करने और उनके अपराधियों की शिनाख्त करने में पंजाब सरकार, पुलिस और प्रशासन की विफलता निश्चय ही निंदनीय है. लेकिन इसको भीड़ हिंसा और इन्सानों की हत्याओं को जायज ठहराने का कारण नहीं माना जा सकता है.

भाकपा(माले) पंजाब में हुई हाल की भीड़-हत्याओं के अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा देने की मांग करती है.