‘बदलो बिहार समागम’ : बिहार के बदलाव का संकल्प

[ बिहार में बदलाव के संकल्प के साथ पिछले 18 जनवरी 2025 से बदलो बिहार समागम आयोजित हो रहे हैं. ये समागम आमतौर पर प्रमंडल स्तर पर आयोजित हो रहे हैं लेकिन कुछ बड़े प्रमंडलों में एक से अधिक भी. ये समागम अगामी 9 मार्च को बिहार की राजधानी पटना में आयोजित हो रहे ‘बदलो बिहार महाजुटान’ को जन मुद्दों-जन आंदोलनों का महाजुटान बना देने के प्रयास के बतौर भी आयोजित हुए. यहां प्रस्तुत है अब तक हुए बदलो बिहार समागमों की - संक्षिप्त रिपोर्ट ]

बिहार : आजादी और संविधान पर हो रहे हमलों के खिलाफ तिरंगा मार्च

संविधान और गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के मौके पर भाकपा(माले) ने पूरे बिहार में तिरंगा मार्च का आयोजन किया. इस तिरंगा मार्च में शामिल हजारों लोगों संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ भी किया. यह कार्यक्रम पार्टी द्वारा विगत दो महीने से चलाए जा रहे संविधान बचाओ अभियान (26 नवंबर 2024 - 26 जनवरी 2025) के तहत किया गया. इस अभियान के अंतर्गत राज्य के विभिन्न हिस्सों में संविधान की उद्देशिका के शिलापट्ट भी लगाए गए. इसके जरिए संविधान और उसकी मूल भावना को बचाने के लिए एक व्यापक जन जागरूकता अभियान संगठित किया गया.

उत्तर प्रदेश : संविधान बचाओ अभियान के समापन पर निकला तिरंगा मार्च

डॉ. भीमराव अंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में की गई अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ उनके इस्तीफे की मांग करते हुए गणतंत्र दिवस पर भाकपा(माले) ने पूरे प्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने, सभा व संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ करते हुए संविधान बचाने का संकल्प लिया. तिरंगा यात्रा 26 नवंबर (संविधान अपनाने के दिन) से 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस, संविधान लागू होने के दिन) तक चले ‘संविधान बचाओ अभियान’ के समापन पर निकाली गई.

अमित शाह के इस्तीफे और मोदी से माफी की मांग पर देशव्यापी प्रदर्शन

भाकपा(माले) समेत वामपंथी दलों ने गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद (राज्य सभा) में बाबा साहब अंबेडकर का अपमान करने के खिलाफ देशव्यापी विरोध दिवस मनाते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज कर अमित शाह के इस्तीफे और मोदी सरकार से देश से माफी मांगने की मांग की.

वाम दलों – भाकपा(माले), माकपा, भाकपा, फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी – के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली में हाल में बैठक कर डॉ.. अंबेडकर के अपमान को गंभीरता से लेते हुए देशव्यापी विरोध का संयुक्त आह्वान किया था.

बीपीएससी अभ्यर्थियों का आंदोलन : छात्र-युवा आक्रोश का विस्फोट

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की पीटी परीक्षा में व्यापक धंधली और भ्रष्टाचार की खबरों ने राज्य भर में भारी आक्रोश उत्पन्न किया है. 13 दिसंबर 2023 को आयोजित बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा में पेपर लीक, देर से प्रश्नपत्र मिलने, और कई परीक्षा केंद्रों पर तकनीकी खामियों के चलते परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए थे. इसके खिलाफ बीपीएससी अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू किया, जो अब बिहार की राजनीति और प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है.

77वें शहादत दिवस पर खरसांवां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी

देश का आजादी मिलने के महज साढ़े चार महीने बाद ही अंग्रेजी भारत में हुए जालियांवाला कांड की तर्ज पर ही आजाद भारत में खरसांवां गोलीकांड हुआ जिसे उड़ीसा के राजा और उनकी पुलिस ने अंजाम दिया था.

सावित्रीबाई फुले और फातिमा शेख से प्रेरणा ग्रहण कर महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संकल्प लें !

सावित्रीबाई फुले का जन्म सन् 1831 में पुणे के नजदीक सतारा जिले के नायगांव में हुआ था. 9 साल की उम्र में इनकी शादी ज्योति राव फुले से हुई. उस समय ज्योति राव फुले की उम्र 13 वर्ष थी. पति को पढ़ता देख कर सावित्रीबाई के मन में भी पढ़ने की इच्छा जगी. सावित्रीबाई की रुचि देखकर ज्योति राव ने उन्हें पढ़ाना शुरू किया लेकिन उस समय औरतों की शिक्षा पर मनाही थी इसलिए ब्राह्मणवादियों ने उनका विरोध किया. कहा गया कि इससे तो धर्म ही खतरे में पड़ जाएगा. उनके ससुर को धमकी दी गई कि अपनी बहू को पढ़ने से रोको नहीं तो तुम्हें समाज बहिष्कृत कर दिया जाएगा.

बक्सर के भदवर मोड़ पर बने शहीद स्मारक का लोकार्पण

बक्सर जिला के भदवर मोड़ पर 49 भाकपा(माले) नेताओं की स्मृति में शहीद स्मारक का निर्माण किया गया है. 25 दिसंबर 2024 को नवनिर्मित स्मारक स्थल ग्राउंड पर ही स्मारक लोकार्पण कार्यक्रम और इसके साथ ही, 9 मार्च के ‘बदलो बिहार महाजुटान’ को सफल बनाने के लिए बक्सर जिला का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया.

आइलाज का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन उड़ीसा के कटक में सफलतापूर्वक संपन्न

ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस (आइलाज) ने 21 और 22 दिसंबर के बीच उड़ीसा के कटक में अपना दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न किया. इसमें असम, त्रिपुरा, प. बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, आदि समेत 16 राज्यों के 150 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए. आइलाज का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन मई, 2022 में कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित किया गया था.

किसान महासभा के नेतृत्व में हल्द्वानी में विशाल प्रदर्शन

23 दिसंबर 2024 को उत्तराखंड के हलद्वानी स्थित बुध मार्क में किसान महासभा के बैनर तले एक प्रदर्शन किया गया और आम सभा का आयोजन किया गया. इस प्रदर्शन में बागजाला गांव के के ग्रामीणों ने भारी तादाद में हिस्सा लिया जिन्होंल के दिनों में सरकारी नोटिस थमाकर गांव खाली करने का आदेश दिया गया है. सभा के माध्यम से चेतावनी दी गई कि अगर एक माह में सरकार ने बागजाला से नोटिस वापस नहीं लिए और विकास कार्यों पर लगी रोक नहीं हटाई गई तो आंदोलन को तेज करते हुए लालकुआं विधायक का घेराव किया जायेगा. इसके साथ ही बागजाला की मांगों पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा.