वर्ष - 31
अंक - 5
29-01-2022

21 जनवरी 2022 की दोपहर 1.30 बजे 28 वर्षीय दिलशाद हुसैन उर्फ दिलराज की उत्तरप्रदेश के गोरखपुर सिविल कोर्ट परिसर के साइकिल स्टैंड के पास रिटायर्ड फौजी भागवत निषाद द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मौके पर स्टैंड में कार्य कर रहे एक कर्मचारी ने गोली मारने वाले को पुलिस की मदद से पकड़ लिया था.

उपरोक्त घटना की खबर मिलने के बाद दिलशाद उर्फ दिलराज के पैतृक गांव मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के मरवन पंचायत के सिस्थ विधिपुर का भाकपा(माले) और इंसाफ मंच के जांच दल ने इनौस के बिहार राज्य अध्यक्ष आफताब आलम के नेतृत्व में दौरा किया.

जांच रिपोर्ट

मृतक दिलशाद हुसैन उर्फ दिलराज के पिता मोहम्मद ताहिर हुसैन ने जांच दल को विस्तार से बताया - ‘हम लोग पचीस-तीस सालों से गोरखपुर के सिस्थ बड़लहगंज में टायर पंचर की दुकान चलाते हैं. दुकान के पास ही भागवत निषाद का घर है. उसके घर से हम लोगों का पारिवारिक संबंध था. जब 1998 में भागवत निषाद के घर में एक लड़की पैदा हुई तो उसके निमंत्रण पर हम लोग उसकी लड़की के छठियार में शामिल हुए थे और मैंने ही उसकी बेटी का नाम ममता कुमारी रखा था.’

उन्होंने आगे कहा - ‘जब लड़की कुछ सालों के बाद स्कूल जाने लगी तो भागवत निषाद ने मेरे बेटे दिलशाद हुसैन को कहा कि दिलशाद तुम मेरी बेटी ममता कुमारी को भी अपने साथ स्कूल ले जाया करो. तुम पहले उसे स्कूल छोड़ दोगे फिर तुम अपने स्कूल चले जाया करोगे, अब दोनो एक साथ ही स्कूल जाने लगे. इसी दौरान दोनो में दोस्ती और प्यार हुआ. आगे चलकर दोनो ने विवाह करने का फैसला लिया.’

विवाह के लिए धर्म बदला

उन्होंने बताया - ‘ममता कुमारी के घर के लोग शादी के लिए तैयार नही हुए तो मैने अपने बेटे को हैदराबाद भेज दिया ताकि अब बात खत्म हो जाए. लेकिन दोनों की बात होती रही. इसी बीच भागवत निषाद दूसरी जगह अपनी बेटी की शादी करने की बात चलाने लगा. ममता कुमरी ने दिलशाद हुसैन को फोन कॉल कर कहा कि अगर तुम मुझसे शादी नहीं करोगे तो मैं दोहरी घाट से कूद कर जान दे दूंगी. इसके पहले भी ममता कुमारी ने गुस्से में दो बार अपने हाथ की नस काट ली थी.’

‘ममता कुमारी से बात होने के बाद दिलशाद हुसैन हैदराबाद से फ्लाइट के जरिए गोरखपुर पहूंचा. उसने हैदराबाद से ही अपना और ममता कुमारी का टिकट बुक करा लिया था. ममता कुमारी गोरखपुर हवाई अड्डा पहुंची तो उसके घर के लोगो ने उसे शादी का जोड़ा भी दिया था और कुछ लोग हवाई अड्डा पर छोड़ने भी गये थे. दोनों के हैदराबाद पहुंचने के बाद दिलशाद हुसैन ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था और हिन्दू बन गया था. उसने अपना नाम भी बदल कर दिलराज रख लिया.’

‘13 फरवरी 2020 को दिलशाद उर्फ दिलराज ने स्थानीय आर्य समाज मंदिर में जाकर आर्य समाजी के रीति-रिवाज के अनुसार ममता कुमारी से विवाह कर लिया. शादी के बाद दोनों एक साथ मिलकर रहने लगे. इसी दौरान लड़की ने अपने पिता भागवत निषाद और परिवार के दूसरे लोगों पर मुकदमा दर्ज किया कि उनलोगों से हमारे जान को ख़तरा है’.

‘लड़की के पिता, मामा व चाचा नं हैदराबाद जाकर दिलशाद हुसैन उर्फ दिलराज पर भी झूठा केस कर दिया कि लड़की नाबालिग है. दिलराज को सजा हो गई और नाबालिग होने के इल्जाम में लड़की को भी जेल भेज दिया गया.

कुछ दिनों बाद भागवत निषाद अपनी लड़की को जेल से निकालकर अपने घर ले आया. उसके बाद लड़की ने मुझे कॉल किया कि आप जल्दी से जल्द दिलशाद हुसैन उर्फ दिलराज को जेल से बाहर निकलवाइये.’

‘दिलशाद हुसैन उर्फ दिलराज को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से 17 सितंबर 2020 को जमानत मिल गई. हत्या वाले दिन भी भागवत निषाद से दिलशाद उर्फ दिलराज की बात हुई थी. लेकिन निषाद ने धोखा देकर दिलशाद उर्फ दिलराज को अपने पास बुलाया और गोली मारकर हत्या कर दी.’

जांच दल से बात करते हुए मृतक दिलशाद के पिता मोहम्मद ताहिर हुसैन ने अपने बेटे पर लगाए जा रहे बलात्कार और अपहरण के आरोप को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा - ‘13 फरवरी 2020 को आर्य समाजी की रीति रिवाज के अनुसार दोनों की जो शादी हुई थी उसका सबूत मेरे पास मौजूद है.’

आफताब आलम ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी करारी शिकस्त को देखकर बौखलाए योगी सरकार के इशारे पर गोदी मिडिया द्वारा इस घटना को एक साजिश के तहत साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है. उन्हांने पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि मृतक दिलशाद ने न केवल शादी की थी और बल्कि इसी के लिए धर्म परिवर्तन भी किया था. उसे बलात्कारी और अपहरणकर्ता करार देना न्याय व्यवस्था के साथ मजाक है.

जांच दल में इंसाफ मंच बिहार के राज्य प्रवक्ता व भाकपा(माले) मुजफ्फरपुर जिला कमिटी के सदस्य असलम रह़मानी, इंसाफ मंच के मुजफ्फरपुर जिलाध्यक्ष फहद जमां, भाकपा(माले) नगर कमिटी के सदस्य अकबरे आजम सिद्दीकी, एजाज अहमद, भाकपा(माले) नेता सुरेश कुमार, आइसा नेता रौशन कुमार व मोहम्मद मुज्जम्मिल शामिल थे.

जांच दल ने दिलशाद उर्फ दिलराज के लिए न्याय की लड़ाई छेड़ने और समाज के हर हिस्से से इसके खिसलनाफ आवाज उठाने की अपील की.