वर्ष - 31
अंक - 9
26-02-2022

बिहार में आरएसएस-भाजपा से समर्थित हिन्दुत्ववादी संगठनों का मनोबल लगातार बढ़ता ही जा रहा है. समस्तीपुर जिले में इन संगठनों द्वारा अपने ही सहयोगी सरकारी दल जदयू के नेता खलील रिजवी की माॅब लिंचिंग की घटना यह साबित कर रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इनके समक्ष पूरी तरह से घुटने टेक दिए हैं.

इस मामले की जांच कर लौटे इंसाफ मंच और भाकपा(माले) के संयुक्त जांच दल ने कहा कि बिहार में माॅब लिंचिंग और हिन्दुत्ववादी उन्माद-उत्पात की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी बेहद चिंताजनक है. हालिया घटनायें यह बता रही हैं कि नीतीश कुमार ऐसी ताकतों को लगाम लगाने में इतने बेबस हो चुके हैं कि अपनी ही पार्टी से जुड़े मुस्लिम नेताओं को भी माॅब लिंचिंग से नहीं बचा पा रहे हैं.

नीतीश कुमार का असली चेहरा अब सबके सामने है. वे और कुछ नहीं भाजपा के मुस्लिम विरोधी नफरत भरे अभियान को ही आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. लेकिन बिहार की अमन पसन्द जनता ऐसा कभी होने नहीं देगी.

23 फरवरी को भाकपा(माले) नेता व इंसाफ मंच के राज्य सचिव क्यामुद्दीन अंसारी, इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष व इंसाफ मंच बिहार के उपाध्यक्ष आफताब आलम तथा भाकपा(माले) के समस्तीपुर जिला सचिव उमेश कुमार के नेतृत्व में भाकपा(माले) व इंसाफ मंच की एक टीम माॅब लिंचिंग के शिकार हुए जदयू नेता मोहम्मद खलील रिजवी के सराय रंजन प्रखंड स्थित घुरैया गांव (रूपौली पंचायत) पहुंची. जांच टीम में इंसाफ मंच के राज्य प्रवक्ता असलम रहमानी, राज्य सह सचिव रेयाज खान, जिला अध्यक्ष आफताब आलम, सचिव खुर्शीद आलम, इनौस के जिला सचिव आसिफ होदा, मो. इर्शादूर उर्फ गोरे, मो. आले, मो. निसार, मो. अनस व मो. अतीक आदि शामिल थे.

मो. सितारे ने जांच टीम को बताया कि विगत 16 फरवरी को खलील रिजवी एक स्थानीय चिकित्सक डाॅक्टर संजय के पास इलाज के लिये गए थे. जब वे शाम तक घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी ने उनको मोबाइल काॅल किया. उस वक्त उनसे बात हुई लेकिन इसी दौरान किसी ने उनका मोबाइल छीन लिया और वह बंद हो गया. अगले दिन तक कोई सुराग नहीं मिलने पर 17 फरवरी को मुसरीघरारी थाना में केस दर्ज कराया गया.

उनकी खोजबीन के दौरान 18 फरवरी जब पुलिस ने शक के आधार पर विपुल झा को पकड़ा और उससे पूछताछ की तो पता चला कि राजेश मिश्र और किशन झा आदि ने मोहम्मद खलील रिजवी की हत्या कर दी है और उनके शव को वासू देवपुर के चौर में स्थित एक पाॅल्ट्री फार्म के कैम्पस में गाड़ दिया है. वहां से पुलिस ने लाश की बरामदगी की. 19 फरवरी को मृतक मोहम्मद खलील को सुपुर्द-ए- खाक किया गया. बाद में, 21 फरवरी को अनुराग झा नाम के व्यक्ति के इंस्टाग्राम एकाउंट से एक वीडियो वायरल होने के बाद ही यह साफ-साफ पता चला कि उनकी माॅब लिंचिंग की गई है और जीते-जी जला कर उनकी हत्या कर दी गई है. जिला प्रशासन मो. खलील की हत्या को माॅब लिंचिंग की घटना मानने से इनकार कर रहा है और अपनी कमजोरी छिपाने के लिए इसे सामान्य हत्या का केस बता रहा है जबकि अभियुक्त पूरी घटना का विडियो बना कर इसके जरिये मुस्लिम विरोधी उन्माद व हिंसा फैलाने का संदेश दे रहे हैं. अपने ही दल के नेता की हत्या के मामले में जदयू नेताओं की चुप्पी भी हैरत में डाल रही है.

जांच टीम ने मोहम्मद खलील रिजवी के हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने, मृतक के परिवार को 20 लाख रूपए मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए हत्या में शामिल लोगों व संगठनों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

मो. खलील रिजवी की माॅब लिंचिंग की इस घटना के के खिलाफ इंसाफ मंच और भाकपा(माले) ने 28 फरवरी को पूरे बिहार मे न्याय मार्च निकाला है.