वर्ष - 31
अंक - 40
01-10-2022

लखनऊ, 26 सितंबर 2022. भाकपा(माले) ने औरैया में शिक्षक की बेरहम पिटाई से हाई स्कूल के 15 वर्षीय दलित छात्र निखित कुमार की मौत को शर्मनाक घटना बताया है. पार्टी ने शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए दोषी शिक्षक को जेल भेजने और ऐसी कठोर सजा देने की मांग की है, जो आगे नजीर बने.

भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि राजस्थान के जालोर जिले की घटना अभी भूली भी नहीं कि औरैया में उसे करीब-करीब दोहरा दिया गया है. इंद्र कुमार मेघवाल जैसे छात्र के हत्यारे राजस्थान ही नहीं, यूपी में भी हैं.

पार्टी ने कहा कि औरैया में अछल्दा थानाक्षेत्र के फफूंद रोड स्थित आदर्श इंटर कॉलेज के 10वीं के छात्र निखित को बेरहम शिक्षक ने डंडे और लात-घूसों से इतना मारा कि वह बेहोश हो गया और इलाज के दौरान 18वें दिन उसकी मौत हो गई. उसके पिता वैशाली गांव निवासी राजू दोहरे के अनुसार, निखित का ‘अपराध’ इतना था कि उसने गत सात सितंबर को क्लास में लिए गए टेस्ट में कोई शब्द गलत लिख दिया था, जिस पर सामाजिक विज्ञान के शिक्षक अश्विनी सिंह आगबबूला हो गए और इतना पीटा कि अंततः उसकी मौत हो गई. यही नहीं, मौत से पहले छात्र की गंभीर हालत की जानकारी देने परिजन जब शिक्षक के घर पहुंचे, तो उन्हें जातिसूचक गालियां देकर भगा दिया गया.

भाकपा(माले) ने कहा कि अभी कल ही छह महीने पूरे होने पर योगी सरकार ने अपना रिपोर्ट कार्ड जारी कर विकास के कसीदे काढ़े थे. औरैया की घटना पर मुख्यमंत्री क्या कहेंगे? क्या यह घटना सामंती जातिवादी घृणा के और पुष्ट होने का सूचक नहीं है, जिसे भाजपा सरकार ने अपनी शासन पद्धति से इसे सत्ता से लेकर समाज तक संस्थाबद्ध ही किया है.

पार्टी ने कहा कि विकास खुद की पीठ थपथपा लेने से नहीं होता, न ही आंकड़ों की बाजीगरी से होता है, बल्कि इससे होता है कि हम जिस समाज में रह रहे हैं वह कितना लोकतांत्रिक हुआ.

गोपालगंज, 20 सितम्बर 2022  बैकुंठपुर थाना अंतर्गत मड़वा गांव की दलित छात्रा की सामंती मिजाज के शिक्षकों द्वारा बुरी तरह पिटायी की गई. भाकपा(माले) की पांच सदस्यीय टीम ने घटना की जांच में पाया कि 5 सितम्बर को, शिक्षक दिवस के दिन छात्रा चांदनी कुमारी ने संबिधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर की फोटो स्कूल में टांग दिया था. सामंती मिजाज के शिक्षक को यह बात नागवार लगी थी और उसी दिन से शिक्षक महोदय बेहद तनाव में रहने लगे थे. नतीजतन, 15 सितंबर को दो शिक्षक और एक शिक्षिका यानी तीन लोगों ने मिलकर बाबा साहब की फोटो की जूत्ता-चप्पलों से पिटायी शुरू कर दी. छात्रा ने जब इसका विरोध किया तो उन तीनों शिक्षकों ने मिल कर उसको स्कूल के एक कमरे में बंद कर दिया और बुरी तरह से मारा-पीटा. यह खबर सुनकर वहां पहुंचे छात्रा के परिजन उसे इलाज हेतु स्थानीय अस्पताल में ले गए जहां से डॉक्टरों ने उसे गोपालगंज के सदर अस्पताल मे रेफर कर दिया.

भाकपा(माले) ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि ये शिक्षक नहीं, सामंती गुंडे हैं जिनको तत्काल न केवल गिरफ्तार किया जाना चाहिए बल्कि स्कूल से बर्खास्त भी कर देना चाहिये. जांच टीम ने स्थानीय थाना प्रभारी पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि घटना गम्भीर है, मगर थाना प्रभारी ने इसमें सामान्य धारा के तहत  एफआईआर किया है और एससीएसटी एक्ट नहीं लगाया है. जांच टीम में भाकपा(माले) जिला कार्यालय सचिव सुबाष सिंह, रामइकबाल साह, बिजय सिंह, प्रभुनाथ गुप्ता और वकील यादव शामिल थे.