वर्ष - 31
अंक - 42
15-10-2022

विगत 8 अक्टूबर 2022 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में की गई फीस वृद्धि के खिलाफ चल रहे छात्र आंदोलन के 33वें दिन पिछले 8 दिनों से लगातार अनशन पर बैठे आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक सुल्तानवी की अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण पुलिस प्रशासन ने जबरन उन्हें उठाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया. 400% की गई फीस वृद्धि के खिलाफ महीने भर से लगातार आंदोलन विरोध प्रदर्शन जारी है. विश्वविद्यालय प्रशासन मनमाने तौर पर फीस वृद्धि कर रहा है और आंदोलन कर रहे छात्रों के साथ बातचीत प्रशासन में बैठे अधिकारियों की जिद के कारण बेनतीजा साबित हुई.

धरना स्थल पर मौजूद आइसा के राष्ट्रीय सचिव  शैलेश पासवान ने कहा कि तानाशाही का पर्याय बनी वाइस चांसलर संगीता श्रीवास्तव का रवैया बहुत निंदनीय है. इसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा होगा.

इकाई सचिव मनीष कुमार ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का छात्रा विश्वविद्यालयों को निजी हाथों में नहीं बिकने देगा और सस्ती शिक्षा उपलब्ध कराने की इलाहाबाद विश्वविद्यालय की विरासत के लिए छात्र हर स्तर पर लड़ेगा. इस लड़ाई को पुलिस के दम पर रोका नहीं जा सकता. आंदोलन अभी भी जारी है. कामरेड विवेक के अस्पताल में भर्ती होने से आंदोलन खत्म नहीं होगा.

बल्कि हमारा अगला साथी कामरेड निलेश अनशन पर बैठेंगे. यह लड़ाई फीस वृद्धि के वापसी तक और नई शिक्षा नीति वापस होन तक जारी रहेगी. प्रदर्शन स्थल पर  शशांक, अनिरुद्ध, सोनू यादव, भानु, नीलेश, नीरज, आदर्श, सुनील मौर्या, जितेंद्र,मानव इत्यादि भी मौजूद रहे.

11 अक्टूबर 2022 को आइसा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड प्रसेनजित भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अनशन स्थल पहुंचे और एकदिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400% फीस वृद्धि व एनईपी 2020 के खिलाफ चल रहे आमरण अनशन के समर्थन में धरनास्थल पर एकदिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव कॉमरेड प्रसेनजित कुमार को आइसा के राष्ट्रीय सचिव शैलेश पासवान ने जूस पिलाकर भूख हड़ताल तुड़वाया.

प्रसेनजित कुमार की जगह आइसा कार्यकर्ता गौरव सिंह यादव ने आमरण अनशन पर बैठकर आंदोलन को जारी रखने के संकल्प को आगे बढ़ाया. आंदोलन के 36वें दिन से आमरण अनशन पर बैठे आइसा नेता गौरव  को आइसा इविवि के इकाई सचिव कामरेड मनीष कुमार व संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अजय यादव सम्राट ने माला पहनाया.

फीस वृद्धि व एनईपी 2020 के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाने की घोषणा करते हुए कामरेड प्रसेनजित ने कहा कि वह इलाहाबाद से सीधे बीएचयू जाएंगें. बीएचयू प्रशासन ने भी 400% फीस बढ़ोतरी की है जिसके खिलाफ बीएचयू में आइसा कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करके आंदोलन की तैयारी करेंगें.

उन्होंने आगे कहा कि जेएनयू, डीयू व एफटीआइ पुणे में भी फीस वृद्धि हुई थी जिसके खिलाफ छात्रों ने आंदोलन करके इन संस्थानों में फीस वृद्धि वापस कराया है. लेकिन केंद्र सरकार के एनईपी 2020 को बाकी विश्वविद्यालयों लागू करते हुए फीस बढ़ा रहे हैं. सभी विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव बन्द है और छात्रों पर दमन जारी है. इलाहाबाद विश्वविद्यालय ले छात्रों ने बड़ी लड़ाई की शुरुआत की है जिसको और विस्तारित करते हुए बीएचयू, डीयू, एलयू, जेएनयू, जामिया, हैदराबाद विश्वविद्यालय, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत देश देश भर के विश्वविद्यालयों से छात्रों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एकजुट करते हुए फीस वृद्धि वापस कराने, छात्र संघ चुनाव बहाल कराने व नई शिक्षा नीति वापस कराने के लिए बड़ा कन्वेंशन किया जाएगा. इसके लिए देश भर में अभियान की शुरुआत जल्द ही होगी. साथ ही कन्वेंशन की तिथि संयुक्त संघर्ष समिति के साथ बैठक कर तय की जायेगी.

in Allahabad University

 

against fee hike continues in AU