वर्ष - 31
अंक - 46
12-11-2022

‘उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में योगी सरकार ने अघोषित आपातकाल लागू कर रखा है. यहां मजिस्ट्रेट पर थानेदार भारी है और जो काम मजिस्ट्रेट को करना है वह काम भी थानेदार ही कर रहा है. लोकतंत्र और संबिधान यहां की पुलिस के लिए कोई मायने नहीं रखता. उत्तर प्रदेश में दलित महिला ओं और अल्पसंख्यकों पर पुलिस उत्पीड़न में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. जो भी जमीन, रोजगार व सम्मान की बात करता है योगी सरकार उसका दमन कर रही है. या तो उसे फर्जी मुकदमो में फंसा कर जेल भेज रही है या फिर उस पर प्रतिबंध लगा कर हमेशा के लिए लोकतंत्र की आवाज को कुचल रही है’ – सीतापुर जिला मुख्यालय पर विगत 7 नवंबर 2022 से भूख हड़ताल पर बैठे भाकपा(माले) जिला सचिव कामरेड अर्जुन लाल ने ये बातें कही हैं.

भूख हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे अखिल भारतीय किसान महासभा प्रदेश अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि कामरेड अर्जुन लाल जिला पंचायत के सदस्य भी हैं. थानेदार द्वारा उनको दुबारा नोटिस देकर एक जिला पंचायत सदस्य के लोकतांत्रिक अधिकारो को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है. भाकपा(माले) और उसके जन संगठनो पर लगाए गये प्रतिबंध को सहन नहीं किया जायेगा और इसके खिलाफ पूरे प्रदेश में जनांदोलन तेज किया जायेगा. भूख हड़ताल पर बैठे कामरेड अर्जुन लाल के साथ ही कासंतराम, का. रामसनेही वर्मा, सुरेशपाल सिंह, सरोजनी देवी, जय देबी, ललन, अनिल भारतीय, कन्हैया लाल, ज्ञान प्रकाश व मेवालाल भी भूख हड़ताल पर बैठे.