वर्ष - 31
अंक - 52
24-12-2022

झारखंड हाईकोर्ट ने नियोजन नियमावली 2021 को रद्द करते हुए, तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं पर रोक लगाते हुए परीक्षा कैलेंडर को वापस लेने का आदेश दिया है. इस वजह से लाखों झारखंडी युवा जो नौकरी की तैयारी में लगे थे, परीक्षाएं दे रहे थे, उनका भविष्य अधर में लटक गया है. युवा संगठन आरवाईए ने इसके खिलाफ विगत 21 दिसंबर 2022 को राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाते हुए पूर्वनियोजित सभी परीक्षाओं को समय पर करानेे, झारखंड नियोजन नीति 2022 को अविलंब लागू करने और राज्य में रिक्त 3.5 लाख सरकारी पदों पर बहाली सुनिश्चित करने की मांग की है.

झारखंड बनने के 22 साल बाद भी झारखंडियों के हित में कोई नियोजन नीति नहीं बन पाने का ही परिणाम है कि झारखंडी युवाओं को लगातार नौकरियों के बजाय कोर्ट का दरवाजा देखना पड़ता है. पहली बार विधानसभा में सर्वसम्मति से नियोजन नीति 2022 पारित हुआ है परंतु केंद्र की भाजपा सरकार राजनीतिक विद्वेष की वजह से इसे लागू नहीं होने दे रही है. झारखंडी युवा राजनीतिक उठापटक, कानूनी दांव -पेंच का शिकार बन कर रह गये हैं. वे इन सबकेे खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और सड़कों पर उनका गुस्सा फूट रहा है. 21 दिसंबर का राज्यव्यापी प्रतिवाद उसी की एक अभिव्यक्ति था.

21 दिसंबर को गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड में आरवाईए राज्य अध्यक्ष संदीप जयसवाल के नेतृत्व में विरोध सभा किया गया. का. संदीप ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार कानून के पीछे छुपते हुए छात्र-युवाओं के अधिकारों पर हमला कर रही है. आरवाईए छात्र-नौजवानों के हित में आंदोलन को तेज करते हुए राजनीतिक रोटी सेंकने वाले संगठनों को करारा जवाब देगी.

गांवा प्रखंड में सैकड़ों युवाओं ने पोस्ट ऑफिस से बाजार तक विरोध मार्च निकालते हुए सभा किया. इसमें सैकड़ों छात्र-नौजवान शामिल थे. सभा को सम्बोधित करते हुए जिला सचिव अशोक मिस्त्री ने कहा कि सरकार नियमावली में सुधार करते हुए 3.5 लाख रिक्त पदों पर अविलंब बहाली शुरू करे. सभा में मुख्य रूप से आरवाईए के जिला कमेटी सदस्य संजय दास, पवन कुमार, लालो भुइयां, जावेद अंसारी, सुधीर भुइयां, दिनेश यादव, मुकुल यादव, सुधीर यादव आदि मौजूद थें.

देवरी प्रखंड में भी आरवाईए ने विरोध मार्च और सभा आयोजित किया. सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए राज्य कार्यकारिणी सदस्य कुलदीप राय ने कहा कि छात्रा बहुत मुश्किल से तैयारी करते हैं. ऐसे में झारखंड सरकार को सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में छात्रों को उलझाने के बजाए वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अविलंब बहाली प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. सभा में मुख्य रूप से बलवीर कुमार, पिंटू यादव, अजीत शर्मा, मुस्तकीन अंसारी, इस्लाम अंसारी, रघुनंदन राय आदि मौजूद थें.

राज्यव्यापी विरोध दिवस के अवसर पर गिरिडीह शहर में भी कार्यक्रम किया गया जिसमें राज्य उपाध्यक्ष अखिलेश राज ने कहा कि कोर्ट द्वारा नियोजन नीति रद्द करना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके खिलाफ आरवाईए के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र-युवा सड़कों पर उतर रहे हैं. अगर सरकार तत्काल नीतियों को दुरुस्त करते हुए बहाली प्रक्रिया शुरू नही करेगी तो आंदोलन और तीव्र गति पकड़ेगा और सरकार ही इसकी जिम्मेवारहोगी. गिरिडीह के सरिया प्रखंड में भी विरोध कार्यक्रम संपन्न हुआ.

हजारीबाग जिले के चुरचू प्रखंड में भी आरवाईए राज्य उपाध्यक्ष शिव सिंह, जिला उपाध्यक्ष कृष्ण महतो, पप्पू सिंह, आमोद सिंह, छोटन भूमिया, विनोद राम, विकास राम के साथ सैकड़ों युवाओं की मौजूदगी में  विरोध प्रदर्शन हुआ.

धनबाद जिले के सिंदरी में भुजा मोड़ पर प्रदर्शन किया गया और कानूनी अड़चनों को दूर करते हुए तत्काल बहाली प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई. प्रदर्शन में मुख्य रूप से  कृष्ण जी, सुधीर, आसमान मरांडी, विशाल सायरन, रमेश भैरी, अर्जुन ठाकुर, टप्पू कुमार, राजू बाउरी उपस्थित थे.

आरवाईए जिलाध्यक्ष नीलांबर मंडल के नेतृत्व में देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड बाजार में विरोध मार्च निकाला गया. युवाओं ने कहा कि रोजगार नीति नहीं बनाने और रोजगार नही होने के वजह से युवा आक्रोश में हैं और इसीलिए आज सड़कों पर उतर रहे हैं. मार्च में मुख्य रूप से शंभू तुरी, भारत यादव, जीतू तुरी, विजय तांती, सोनू भारती,अशोक सिंह आदि शामिल थे.

पलामू जिले के मेदिनीनगर में सैकड़ों की संख्या में जुटे छात्र-युवाओं ने छह मुहान से विरोध मार्च निकाला जो जिला समाहरणालय तक गया. वहां एक सभा आयोजित की गई. सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए केंद्रीय परिषद सदस्य दिव्या भगत ने कहा कि झारखंड में लगातार इस तरीके से युवाओं को छला जा रहा है. पहले तो नियोजन नियम और नीति नही बनते हैं, और बनने के बाद भी उसे कोर्ट द्वारा खारिज व निलंबित किया जाता है. इस वजह से  लाखों युवाओं की उम्र सीमा पार हो गई और हो रही है. सरकार की मंशा रोजगार देने की दिखती ही नहीं है. ऐसे में आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है. सभा को आरवाईए जिला सचिव पवन विश्वकर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष व इजहार हैदर और घनश्याम ने भी संबोधित किया.

राज्य में युवाओं के हो रहे आक्रोश और 21 दिसंबर के राज्यव्यापी प्रदर्शन के मद्देनजर विधानसभा की पांच सदस्यीय समिति ने युवाओं की मांग से सहमति जताते हुए पुराने फार्म पर ही परीक्षा लेने का आश्वासन दिया है. साथ ही, 21 दिनों के अंदर नियोजन नीति को लागू कराने का वादा किया है.

– अविनाश रंजन