वर्ष - 32
अंक - 14
01-04-2023

खेग्रामस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी सरकार के बढ़ते फासीवादी हमले और गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन का संकल्प

अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक विगत 28-29 मार्च को पटना में संपन्न हुई.

खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यदेव राम, राजेश सहनी (उत्तर प्रदेश), हरबिंदर सिंग सेमा (पंजाब), एस बालासुंदराम (तमिलनाडु) और नागराज (आंध्र प्रदेश) की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा, भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के वरिष्ठतम सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद आदि नेताओं सहित 15 राज्यों के 65 से ज्यादा गांव गरीबों के नेताओं ने भाग लिया.

बैठक में मोदी सरकार के बढ़ते फासीवादी हमले और अंबानी-अदानी की मोदी सरकार की गरीब विरोधी नीतियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई.

बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा ने कहा कि मोदी सरकार मनरेगा को बजट में कटौती के साथ-साथ कई तरह के अवरोधों में फंसा रही है. जियो टैग के जरिए डिजिटल हाजिरी और जाॅब कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की अनिवार्यता लाकर मनरेगा को मारने की साजिश रची जा रही है.

मनरेगा की घोषित नई मजदूरी दर कारपोरेट लेबर लूट का प्रोजेक्ट है और यह हिंदी पट्टी में मजदूरों के पलायन को बढ़ाएगा. विदित हो कि बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी आदि राज्यों की मनरेगा मजदूरी शर्मनाक रूप से कम है. भारत सरकार द्वारा अकुशल मजदूरों के लिए तय न्यूनतम मजदूरी 429 रुपए देने से भी भाग गई है.

बिहार के लिए नई मजदूरी दर महज 228 रुपए हैं. मिट्टी काटने और ढोने जैसे कठिन काम के लिए 228 रुपए दैनिक मजदूरी दर पर क्या प्रधानमंत्री मजदूर उपलब्ध करा देंगे? केंद्र सरकार बिहार को मजदूर सप्लाई जोन बनाए रखना चाहती है.

खेग्रामस की बैठक ने दिल्ली में चल रहे मनरेगा मजदूरों के 100 दिनों के धरना का स्वागत किया है और इस धरना में अप्रैल महीना में एक सप्ताह की भागीदारी सुनिश्चित करने का एलान किया है. 17 अप्रैल को देश के हजारों प्रखंडों पर ‘मनरेगा बचाओ-मजदूर बचाओ’ कार्यक्रम आयोजित होगा और तमिलनाडु में कई जिलों में पदयात्राएं संगठित की जायेंगी. जनसंवाद-जन संपर्क के रूप में पूरे देश में अभियान चलाया जायेगा. डाॅ अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को गांव-पंचायतों में कार्यक्रम होंगे, जिसमें संविधान के प्रस्तावना को पढ़ा जायेगा और ‘संगठित हो, शिक्षित हो और संघर्ष करो’ का नारा बुलंद किया जाएगा.

संगठन ने प्रवासी मजदूरों की मांगों को आगे बढ़ाने के लिए ऐक्टू से मिलकर एक राष्ट्रीय डिजिटल प्लेटफार्म बनाने का फैसला किया है. बैठक से राष्ट्रीय स्तर मनरेगा सेल और राज्यों में मनरेगा मजदूर सभा गठित करने का फैसला किया है. गांव के दलित-गरीबों के जीवन जीविका से जुड़े सवालों का चार्टर बनाकर प्रखंडों से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा तथा हाउसिंग राइट को मौलिक अधिकार बनाने को लेकर पूरे देश में चल रहे अभियान को तेज किया जायेगा. उपरोक्त मांगों तथा गरीबों का बकाया बिजली बिल माफी और 200 यूनिट मुफ्रत बिजलीऋ तमाम वृद्धों, विध्वाओं और विकलांगों को न्यूनतम 3000 रुपए मासिक पेंशन और दलित-गरीबों पर बढ़ते हमले पर रोक की मांग के साथ आगामी 27 अप्रैल को पूरे देश के प्रखंडों पर प्रदर्शन होगा.

राष्ट्रीय सम्मेलन के उपरांत खेग्रामस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस पहली बैठक में 14 राष्ट्रीय उपाध्यक्षों और 10 राष्ट्रीय सचिवों का भी चुनाव किया गया.