वर्ष - 32
अंक - 32
05-08-2023

बारसोई पुलिस गोलीकांड (26 जुलाई 2023) के मद्देनजर भाकपा(माले) के एक उच्चस्तरीय जांच दल ने विगत 28 जुलाई 2023 को बारसोई पहुंचा. जांच दल ने मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच-पड़ताल की तथा मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना प्रकट की. विदित हो कि भाकपा(माले) विधायक दल के नेता का. महबूब आलम लंबे समय से  इस क्षेत्र से विधायक हैं.

भाकपा(माले) जांच टीम में विधायक सुदामा प्रसाद (तरारी, भोजपुर) और महानंद सिंह (अरवल), केंद्रीय कमेटी के सदस्य व मीडिया प्रभारी कुमार परवेज तथा किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह शामिल थे.

गोलीकांड के लिए प्रशासन जिम्मेवार

जांच टीम ने बारसोई गोलीकांड के लिए प्रथम दृष्टया प्रशासन को जिम्मेवार ठहराया है. बिजली में कटौती और लो शेडिंग के मसले पर मुखिया संघ द्वारा आयोजित धरना कार्यक्रम की बाजाप्ता अनुमति ली गयी थी और उसकी पूर्व सूचना प्रशासन के पास थी. का. महबूब आलम ने भी एसडीओ राजेश्वरी पांडेय और डीएसपी को टेलीफान पर सूचना देकर सचेत किया था कि आम लोगों में काफी आक्रोश है इसलिए प्रशासन संयम बरतेे. इसके बावजूद प्रशासन ने अपनी ओर से किसी भी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति नहीं की और मामले को काफी हलके ढंग से लिया. धरनास्थल पर आकर आंदोलकारियों का मेमोरेंडम ले लिया गया होता तो यह घटना ही नहीं घटती. प्रशासन ने बिना किसी चेतावनी, आंसू गैस अथवा हवाई फायरिंग के सीधे हत्या करने के मकसद से गोली चलाई. जिसमें खुर्शीद व सोनू साह की मौत हो गई और मो. नेयाज जख्मी हो गये. खुर्शीद को सीने में गोली लगी जबकि सोनू साह के सीधे ललाट पर और मो. नेयाज जिनका इलाज सिलीगुड़ी में चल रहा है, की आंख पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है. भाकपा(माले) की जांच दल ने एसडीओ राजेश्वरी पांडेय को इस घटना का जिम्मेवार मानते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग की है.

पीड़ित परिजनों का बयान प्रशासन के ‘सीसीटीवी’ नरेटिव के खिलाफ

जांच दल ने घटनास्थल का दौरा करने के साथ-साथ सोनू साह के परिजनों से उनके घर पर मुलाकात की. परिजनों ने बताया कि 22 वर्षीय सोनू साह सीए का छात्र है. उसका बड़ा भाई मोनू साह बिजली विभाग में ठेके पर काम करता है. भगदड़ की खबर सुन  मां के कहने पर वह अपने छोटे भाई उदित के साथ बड़े भाई मोनू को लाने गया था. सोनू अपने दोनों पाॅकेट में हाथ डालकर खड़ा ही था कि एक गोली आकर सीधे उसके ललाट में लगी और वह वहीं गिर गया व उसकी मौत हो गई.

प्रशासन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कह रहा है कि भीड़ के बीच से किसी ने गोली चलाई. खुर्शीद की मौत जहां हुई वह जगह बिलकुल बिजली विभाग और अनुमंडल कार्यालय की जद में थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बिजली विभाग और अनुमंडल कार्यालय पर उपस्थित पुलिस ने गोली चलाई. जांच दल ने पाया कि प्रशासन के बयान के विपरीत इन दोनों जगह से यदि पुलिस अपनी राइफलों से गोली चलाती है तो किसी की भी मौत हो सकती है. अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी नहीं आ सकी है. यदि उस रिपोर्ट के साथ कोई छेड़छाड़ न हो तो स्पष्ट हो जाएगा कि हत्या पुलिस की गोली से हुई है या किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा  प्रयुक्त आग्नेयास्त्र से. भाकपा(माले) जांच दल ने पूरे घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की भी मांग की है.

का. महबूब आलम को बदनाम करने की साजिश

भाकपा(माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम ने 24-25 मई 2023 को बिजली कटौती व लो शेडिंग के सवाल पर संगमारी विद्युत स्टेशन पर धरना भी दिया था. पता चला कि स्टेशन से 33000 वोल्ट के बजाए टेक्निकल कारणों से 24000 वोल्ट ही निकल रहा है, जिसके कारण समस्याएं खड़ी हो रही हैं. उसे ठीक करवाया गया. इधर, स्थानीय विधायक की पूरी तरह से अवहलेना करते हुए 26 जुलाई 2023 का धरना कार्यक्रम रखा गया था. बारसोई नगर परिषद के मुख्य पार्षद का बेटा व आरएसएस कार्यकर्ता रिंकू सिंह, लोजपा की जिलाध्यक्ष संगीता देवी, बारसोई विधानसभा भाजपा के संयोजक पिंटू यादव, मुखिया संघ के अध्यक्ष मुअज्जम आदि लोग कार्यक्रम के आयोजक बने थे. कार्यक्रम के दौरान जब भीड़ उग्र हो गई, तो सभी नेता भाग खड़े हुए. इस कारण भी मामला काफी बिगड़ गया. मामले की सही से जांच हो तो भाजपाइयों द्वारा अशांति फैलाने व लोगों को उकसाने का भी मामला सामने आएगा. उलटे भाजपाई मानसिकता के लोग महबूब आलम को ही निशाना बनाने लगे. जदयू के जिलाध्यक्ष तनवीर आलम ने यह सवाल उठाया कि आखिर इतने बड़े कार्यक्रम में स्थानीय विधायक की उपेक्षा क्यों की गई? इसकी भी जांच की जानी चाहिए. जांच दल ने यह भी कहा कि बिहार के ऊर्जा मंत्री श्री विजेन्द्र यादव को संयम बरतते हुए इस प्रकार का कोई भी बयान नहीं देना चाहिए जिससे मामला और बिगड़ जाए. जांच टीम ने मृतकों के परिजनों के लिए सरकारी नौकरी व 20-20 लाख रूपये का मुआवजा तथा घायल नेयाज के उचित इलाज की मांग की है.