वर्ष - 32
अंक - 38
15-09-2023

ऑल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआइसीडब्लूएफ) के देशव्यापी आह्वान पर, मजदूर वर्ग पर बढ़ते फासीवादी-काॅरपोरेट हमले और मजदूरों के निबंधन व सामाजिक सुरक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ 14 सितम्बर को ऐक्टू से सम्बद्ध बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन व असंगठित कामगार महासंघ से जुड़े सैकडों मजदूरों ने भागलपुर उपश्रमायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन का नेतृत्व ऐक्टू के राज्य सचिव व एआइसीडब्लूएफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मुकेश मुक्त, ऐक्टू के जिला उपाध्यक्ष अरुणाभ शेखर, जिला संयुक्त सचिव राजेश कुमार दास व असंगठित कामगार महासंघ के सर्वोदय प्रसाद सिंह आदि ने किया.

प्रदर्शनकारी मजदूरों के संबोधित करते हुए का. मुकेश मुक्त ने कहा कि विनाशकारी मोदी शासन में अधिकारों पर हो रहे हमले के खिलाफ मजदूरों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है. सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाले हितलाभों के वितरण, मजदूरों का ऑनलाइन निबंधन व कल्याण बोर्ड से मजदूरों की सदस्यता के रिन्यूअल की जटिल प्रक्रिया आदि में उलझा कर मजदूरों को बरसों-बरस परेशान किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को शामिल किये जाने से भ्रष्टाचार में भारी बढ़ोतरी हुई है.

श्रम विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. दरअसल ये सब विनाशकारी मोदी सरकार की मजदूर विरोधी लेबर कोड को लागू करने और मजदूरों को प्राप्त सामाजिक सुरक्षा के अधिकार को खत्म करने की कवायद के तहत किया जा रहा है. श्रम सुधार के नाम पर मोदी सरकार लगातार अपने काॅरपोरेट आकाओं के हित और मजदूरों के विरोध में काम कर रही है. इसके खिलाफ देशभर के मजदूर लामबंद हो रहे हैं और 2024 में फासीवादी मोदी सरकार को सबक सिखाने की तैयारी कर रहे हैं.

प्रदर्शन की पूर्व लिखित सूचना दिए जाने के बावजूद लेबर सुपरिटेंडेंट आज कार्यालय में नहीं थी. भागलपुर उपश्रमायुक्त के कार्यालय में स्थायी लेबर सुपरिटेंडेंट का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उनके अनुपस्थित रहने की वजह से प्रदर्शन के नेतृत्वकारी प्रतिनिधिमंडल की मजदूरों की मांगों पर वार्ता नहीं हो सकी. उनके सीनियर उपश्रमायुक्त व सहायक श्रमायुक्त ने अनुरोध किया कि प्रतिनिधिमंडल कल 15 सितम्बर को कार्यालय आकार वार्ता करे, जिसे नेतृत्वकारियों ने स्वीकार कर लिया.

प्रदर्शन में उपरोक्त नेतृत्वकारी के सहित ऐक्टू नेत्री बुधनी उरांव, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के मो. सुदीन, इनोद पासवान, चंचल पंडित, असंगठित कामगार महासंघ के अमित गुप्ता, पूनम देवी, रूबी देवी, मो. रुस्तम, लूटन तांती, मो. इरफान, मुकेश साह, अमलेश प्रसाद सिंह, सागर सिंह, बीबी हलीमा, रजनी देवी, बासुकी दास आदि सैकडों महिला-पुरुष मजदूर शामिल हुए. 

– मुकेश मुक्त