वर्ष - 28
अंक - 37
31-08-2019

भाकपा(माले) और मानवाधिकार संगठनों के प्रतिनिधियों ने 24 अगस्त को समलिया के फुलटोली जाकर मो. नेसार के परिजनों से मुलाकात की जिसकी पिछले दिनों रातू थाना हाजत में संदिग्ध तरीके से मौत हो गई थी. प्रतिनिधियों ने नेसार की पत्नी और सास से मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी ली. तहकीकात में पता चला कि रातू थाना हाजत में बंद नेसार के मामले में सारे निर्धारित कायदे कानूनों की अवहेलना कर पुलिसिया ज्यादती की गयी है. परिजनों के अनुपस्थिति में शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. नेसार ने आत्महत्या नहीं की है बल्कि उसकी हत्या हुई है और घटना की सत्यता छिपाने की लिए रातू पुलिस लगातार झूठ का सहारा ले रही है इस जांच टीम में भाकपा(माले) व एआईपीएफ के वरिष्ठ नेता बशीर अहमद, जिला सचिव भुवनेश्वर केवट, एचआरएलएन के ओंकार विश्वकर्मा, विकाश कुमार दुबे, मो. गुलजार, मो. मुन्निफ अंसारी आदि शामिल थे. मो. नासिर एक दिहाड़ी मजदूर थे.

investigation team jkd

 

23 अगस्त की रात पलामू जिले में बकोरिया गांव के वंशी टोला में उग्रवादियों की धर-पकड़ के नाम पर पहुंची पुलिस ने विनोद सिंह व बबीता देवी की 3 वर्षीय पुत्री को पटककर मार डाला. इस गांव में ही 2016 में एक फर्जी पुलिसिया मुठभेड़ में दो पारा शिक्षकों समेत 12 लोगों को मार डाला गया था. इसी बीच सहारा सिटी थाना हाजत में एक महिला के साथ बलात्कार की घटना भी सामने आई है.

रातू थाना हाजत में नेसार की मौत, सहारा सिटी थाना हाजत में बलात्कार और लातेहार में मासूम बच्ची की पटककर मौत के दोषियों को दंडित करने की मांग पर 26 अगस्त 2019 को भाकपा(माले) की रांची नगर कमिटी के बैनर तले एक प्रतिवाद मार्च निकाला गया. ‘कानून का राज या गुंडा राज, मुख्यमंत्री जवाब दो’, ‘निसार की मौत के दोषियों को सजा दो’. ‘सहारा सिटी थाना हाजत में बलात्कार और लातेहार में मासूम बच्ची की मौत के दोषी पुलिस अधिकारियों को बरखास्त करो’ के जोरदार नारों के साथ प्रतिवाद मार्च माले राज्य कार्यालय से शुरू होकर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा. प्रतिवाद मार्च को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) जिला सचिव का. भुवनेश्वर केवट ने कहा कि ये घटनायें बताती हैं कि झारखंड पुलिस मध्ययुगीन बर्बरता की ओर बढ रही है. एआईपीएफ के वरिष्ठ नेता का. बशीर अहमद ने ऐसी बर्बरतापूर्ण पुलिसिया कार्रवाई को लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक बताया. प्रतिवाद मार्च में सभी घटनाओं में दोषियों पर कार्रवाई करने और परिजनों को अविलंब मुआवजा देने की मांग की गई. कार्यक्रम में माले राज्य कमिटी सदस्य अनिल अंशुमन, भीम साहू, वीरेन्द्र श्रीवास्तव, बिनोद ठाकुर, एनामुल हक, उमेश राम, बबलू अंशारी, ऐती तिर्की, सिंगी खलखो, एल्लिसबा एक्का, सीमा कोरिया, नजिया खातून आदि शामिल थे.