वर्ष - 31
अंक - 9
26-02-2022

पटना जिले के धनरुआ पुलिस थाने में पिछले दिनों हुए अशोक मांझी हत्याकांड के खिलाफ 20 फरवरी 2022 को भाकपा(माले) की अगुआई में किश्तीपुर-चनाकी के पास पटना-गया रोड को 4 घंटे तक जाम किया गया और धनरूआ थाना अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग की गई.

भाकपा(माले) के नेतृत्व में हजारों ग्रामीणों ने रोड जाम कर धनरूआ थाना पुलिस द्वारा अशोक मांझी की हत्या की न्यायिक जांच कराने, धनरूआ थाना अध्यक्ष को बर्खास्त करने, मृतक के परिजनों को 10 लाख रु. का मुआवजे के साथ  पक्का मकान व साल भर तक मुफ्रत राशन देने तथा पुलिस द्वारा गरीबों के घरों में मारपीट तथा छापेमारी पर रोक लगाने की मांग की.

इस रोड जाम का नेतृत्व भाकपा(माले) केंद्रीय कमेटी के सदस्य व फुलवारी के विधायक गोपाल रविदास, भाकपा(माले) पटना जिला कमेटी के सदस्य कमलेश कुमार, मुखिया व माले नेता वीरेंद्र प्रसाद, पूर्व मुखिया प्रमोद यादव, महिला नेता दमयंती सिन्हा, रिंकी देवी, पंचायत समिति सदस्य चितरंजन प्रसाद, राजकिशोर प्रसाद यादव आदि कर रहे थे.

विदित हो कि विगत 16 फरवरी की रात धनरूआ प्रखंड के सांडा गांव में धनरूआ थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस दल पहुंचा और शराब के नाम छापामारी पर अशोक मांझी  की गिरफ्तार कर बेरहमी से उनकी पिटाई की. धनरूआ थाना ले जाकर अगले दिन 17 फरवरी को उनको फुलवारी के कैंप जेल भेज दिया गया. पिटाई की वजह से अशोक मांझी की हालत खराब हो गई और पीएमसीएच ले जाकर इलाज कराने की कोशिश के दौरान उनकी मौत हो गई.

उनकी मौत होने के बाद भी परिजनों को झूठा दिलासा दिलाया जाता रहा कि पीएमसीएच में उनका इलाज चल रहा है. परिजन जब वहां उनसे मिलने गए तो उन्होंने देखा कि अशोक मांझी मर चुके हेैं और वहां उनकी लाश पड़ी हुई है. मृतक को देखते ही उनकी पत्नी दहाड़ मार कर रोने लगी. मौत की खबर सुनकर ही भाकपा(माले) के नेतृत्व मे ग्रामीणों ने किस्र्तीपुर-चनाकी के बीच में पटना-गया रोड पर जाम लगाया.

जाम में शामिल लोग धनरूआ थानाध्यक्ष को बर्खास्त करने तथा उन पर 302 का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहेक थे. 4 घंटे बाद मसौढ़ी के एसपी, आरक्षी निरीक्षक और अंचलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों के साथ वार्ता की. प्रदर्शनकारियों ने हत्या के जवाबदेह थाना अध्यक्ष पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने और उनको पद से बर्खास्त करने की मांग की.

एसपी ने मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी और अगर पोस्टमार्टम में कहीं भी चोट के निशान पाए जाएंगे तो थानेदार पर मुकदमा दर्ज होगा और वे बर्खास्त किये जाएंगे. तत्काल मृतक परिवार के परिजनों को परिवारिक लाभ योजना से 20 हजार रु. और 6 महीना का राशन उपलब्ध कराया गया. परिजनों ने थानेदार पर हत्या के मुकदमा दर्ज करने के लिए एएसपी को एक लिखित आवेदन भी दिया है.