वर्ष - 31
अंक - 43
22-10-2022

बरेली बड़ा बाईपास के लिए वर्ष 2013 के अक्टूबर महीने में बर्बर लाठीचार्ज कर किसानों की तैयार धान की फसल को जेसीबी मशीन से रौंद कर जबरन भूमि अधिग्रहण किया गया था, इसका विरोध करने के कारण बरेली के रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय मे अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. इसरार खान व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला नेता कामरेड हरिनन्दन सिंह सहित कई किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

करार नियमावली उत्तर प्रदेश व पुराने भूमि अधिग्रहण कानून का इस्तेमाल कर किसानों से जबरन भूमि छीनने का यह खेल वर्ष 2012 से ही चल रहा था, परन्तु सरकार व प्रशासन कामयाब नही हो रहे थे. इस मामले में शुरू से ही स्थानीय सांसद व मोदी सरकार में दो बार मंत्रा रहे संतोष गंगवार व तत्कालीन जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश की सांठगांठ से किसानों से सस्ते में जमीन हथियाने की साजिश रही है. यही नहीं मुआवजा तय करने में भी नियमों का उल्लंघन कर मंत्री के गांव सहित तीन गांवों को सर्किल रेट से बढ़ाकर कर व इस योजना में आने वाले अन्य गांवों को सर्किल रेट से काफी कम कर के मुआवजा दिया गया.

अक्टूबर 2013 में जब किसानों से जबरन भूमि छीनना शुरू हुआ तो किसान महासभा व भाकपा(माले) ने इसका तीखा विरोध किया. पार्टी की केन्द्रीय कमेटी सदस्य कामरेड कृष्णा अधिकारी बरेली में भूख हडताल पर बैठी, किसान महासभा के नेता कामरेड ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा और कामरेड प्रेम सिंह गहलावत ने बरेली का दौरा किया और आन्दोलन मे शामिल हुए. गिरफ्तार किसान नेता जब जेल से बाहर आये तो हुई किसान पंचायत आयोजित हुई जिसमें भाकपा(माले) महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य भी ने भी शामिल होकर किसान आंदोलन को आगे बढ़ाने का आह्वान किया था.

बरेली बड़ा बाईपास भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसानों के आन्दोलन की शुरूआत डॉ. इसरार खान साहब ने की थी और उन्हीं के प्रयास से बरेली बड़ा बाईपास भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसान संघर्ष समिति अखिल भारतीय किसान महासभा से जुडी थी.

तब से लेकर आज तक लगातार बरेली बड़ा बाईपास के किसान आन्दोलन रत हैं. मगर न तो उस समय की सपा सरकार ने और न ही अभी लंबे समय से मौजूद योगी-मोदी सरकार ने इन किसानों की मांगें पूरी की है. किसानों ने पिछले महीने दो बार स्थानीय सांसद संतोष गंगवार के बरेली कार्यालय का घेराव किया. उन्हांने केद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडगरी से वार्ता कराकर मुआवजा दिलाने की बात कही परन्तु वह वार्ता अभी तक नही हुई. उचित मुआवजा समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर किसानों ने पिछले कोरोना काल से पहले भी दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे भी दो घंटों तक जाम कर दिया था.

जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन

बरेली बड़ा बाईपास भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसानों ने विगत 19 अक्टूबर 2022 को बरेली जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को कहा है कि वे 20 नवंबर 2022 तक किसानों को उचित मुआवजा दिलवायें नहीं तो बरेली बड़ा बाईपास भूमि अधिग्रहण प्रभावित किसान स्थानीय सांसद, जिलाधिकारी और भाजपा विधायकां के दरवाजों पर गिलास लेकर धरना देंगे और मांग करेंगें – ‘मुआवजा दो या फिर इस गिलास मे जहर दो.’

प्रदर्शन की अगुवाई अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष हरिनन्दन सिंह पटेल, हाजी नबी शेर खान, राममूर्ति पटेल, वीरेन्द्र, सगीर अहमद आदि ने की. प्रदर्शन में 150 के लगभग महिला-पुरूष किसान शामिल हुए.