वर्ष - 31
अंक - 48
02-12-2022

बिहार में नवादा के गढ़ पर न्यू एरिया में रहने वाले केदारनाथ गुप्ता और उनके परिवार के 5 सदस्यों ने आत्महत्या कर ली. इस घटना की जांच के सिलसिले में भाकपा(माले) की एक राज्यस्तरीय टीम विगत 11 नवंबर, 2022 को नवादा पहुंची. इस टीम में भाकपा(माले) के राज्य स्थायी समिति सदस्य और अरवल के विधायक महानंद सिंह, ऐपवा नेत्री रीता वर्णवाल, भाकपा(माले) के नवादा जिला सचिव भोला राम, राज्य कमिटी सदस्य नरेंद्र सिंह व सावित्री गुप्ता और किसान महासभा के राज्य सह सचिव राजेन्द्र पटेल शामिल थे. भाकपा(माले) नेता मिथिलेश यादव समेत नवादा जिले के कई नेता भी टीम का सहयोग कर रहे थे.

मूलतः रजौली प्रखंड के अमावां गांव के रहने वाले केदारनाथ अपने परिवार के साथ करीब तीस साल से नवादा के गढ़ पर न्यू एरिया मुहल्ले में अरूणेश शर्मा के घर में किराये पर रह रहे थे. उन्होंने फल व डोसा की एक छोटी-सी दुकान खोल रखी थी. उनके परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां तथा दो बेटे हैं. उनमें से दो बेटियों व एक बेटे की शादी हो चुकी है. बड़ी बेटी व बड़ा बेटा फिलहाल दिल्ली में रह रहे हैं. दूसरी बेटी अपने ससुराल में है.

उन्होंने अपनी दूसरी बेटी की शादी में मनीष सिंह, विकास सिंह, टुनटुन सिंह खटाल, पंकज सिंहा व रंजीत सिंह से कर्ज ले रखा था. वे हर महीने इसका भुगतान कर रहे थे. इस कर्ज में ब्याज की दर इतनी थी कि विगत 4-5 सालों से लगातार कर्ज की राशि का भुगतान करने और कर्ज का कई गुणा दे देने के बावजूद भी कर्ज अदा नहीं हो पाया था. सूदखोर उनपर बराबर दबाव बनाए रहते थे. मनीष सिंह समेत सभी सूदखोरों द्वारा उनके घर पहुंचकर बार-बार गाली-गलौज किया जाता था. उनकी बेटियों पर भी सूदखोरों की बुरी नजर रहती थी. वे उनके साथ भी अभद्र व्यवहार करते थे तथा उनके बलात्कार करने तक की धमकी दे चुके थे. केदारनाथ अपने परिवार को सुरक्षित नहीं पा रहे थे और उन्हें ऐसा लगता रहता था कि अपनी बेटियों की इज्जत बचा पाना उनके लिये बहुत ही मुश्किल है. इन्हीं परिस्थितियों में उन्होंने अपने साथ रह रहे परिवार के तमाम सदस्यों की जिंदगी खत्म करने का निर्णय लिया.

केदारनाथ गुप्ता (65 वर्ष) ने पत्नी अनीता देवी (62 वर्ष) और अपने साथ रह रही अपनी तीन बेटियों व एक बेटे क्रमशः गुड़िया कुमारी (20 वर्ष), शबनम कुमारी (18 वर्ष), साक्षी कुमारी (16 वर्ष) और बेटे ध्रुव उर्फ प्रिंस कुमार (22 वर्ष) के साथ सल्फास की गोली खाकर आत्महत्या कर ली. जहर उन्होंने शहर से दो किलोमीटर दूर मजार के पास जाकर खाया. उनके वही बच्चे बच सके जो बाहर रह रहे थे.

यह घटना सूदखोरों के आतंक के कारण ही घटी. उनकी पत्नी व दो बेटियों की लाश नवादा शहर से करीब दो किलोमीटर दूर मजार शरीफ के पास मिली. उनको तथा उनके बेटे को पुलिस द्वारा किसी तरह से अस्पताल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल जाने के दौरान रास्ते में ही केदारनाथ गुप्ता ने दम तोड़ दिय. दो बेटियों की मौत पावापुरी अस्पताल ले जाने के दौरान बीच रास्ते में हो गई.

गढ़पर न्यू एरिया मे मनीष सिंह सरीखे सूदखोरों द्वारा गरीबों की पिटाई, उनका सामान उठा ले जाने, उनकी बहन-बेटियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार घटती रही हैं. शिकायते मिलने के बावजूद पुलिस-प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं करने से दबंगों व सूदखोरों का मनोबल बढा हुआ है. अभी भी उस मुहल्ले में भय और आतंक का माहौल बना हुआ है.

इस दुखद घटना के खिलाफ 12 नवंबर 2022 को नवादा के व्यवसायी लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी. भाकपा(माले) ने भी उनके बंद का समर्थन किया. 13 नवंबर 2022 को पूरे जिले में भाकपा(माले) ने प्रतिवाद दिवस मनाया है. राज्य में महाजनी कर्ज के दबाव में आत्महत्या की बढ़ती घटनायें बढ़ती ही जा रही हैं. संज्ञान में होने के बावजूद सरकार इस पर कोई कदम नहीं उठा रही है. उसे चाहीये कि महाजनी सूदखोरी पर तत्काल रोक लगाये और जरूरत मंदों को अपने स्तर से कर्ज मुहैया कराये.

सरकार से भाकपा(माले) जांच टीम की मांग

  • (1). आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले सभी सूदखोरों को गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में उनपर हत्या का मुकदमा चलाया जाये.
  • (2). पीड़ित परिवार को कम से कम 50 लाख मुआवजा दिया जाये व परिवार के बचे सदस्यों की सुरक्षा की गारंटी की जाये.
  • (3). इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाये ताकि यह तथ्य खुलकर सामने आ सके कि केदारनाथ गुप्ता के परिवार के साथ सूदखोर आखिर ऐसा कौन-सा व्यवहार कर रहे थे कि पूरा परिवार आत्महत्या करने को मजबूर हुआ.
  • (4). महाजनी सूदखोरी समाप्त की जाये.