वर्ष - 31
अंक - 48
02-12-2022

झारखंड की राजधानी रांची में विगत 12 नवंबर, 2022 को ऐपवा ने अपना 6ठा राज्य सम्मेलन सफलता पूर्वक सम्पन्न किया. सम्मेलन की शुरुआत वरिष्ठ महिला साथी मीरा घोषाल के हाथों से झंडोत्तोलन से हुई.

ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी सम्मेलन का उदघाटन करते हुए कहा कि सांप्रदायिक-पफासीवादी भाजपा सरकार ने देश के पूंजीपतियों के फायदे में पूरे देश पर बेरोजगारी व कमर तोड़ महंगाई थोप दिया है, 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के महिला सम्मान पर भाषण के तुरत बाद ही गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई बिलकिस बानो के बलात्कारियों और उनके परिवार के हत्यारों को सरकारी दवाब से छोड़ दिया गया और उससे भी शर्मनाक यह कि जेल से बाहर आते ही संघ-भाजपा से जुड़े संगठनों की ओर से उन्हें सम्मानित करते हुए गाजा-बाजा के साथ जुलूस निकालया गया. इसके बाद से ही पूरे देश, खासकर झारखंड में महिला हिंसा की बाढ़-सी आ गई. दुमका व रांची जिलों में महिला हिंसा की घटनाएं हर रोज ही हो रही हैं, उन्होंने कहा कि डायन के नाम पर हिंसा की समस्या के खिलाफ भी ऐपवा को मजबूती के साथ लड़ाई लड़नी पड़ेगी.

पर्यवेक्षक ऐपवा राष्ट्रीय परिषद की सदस्य चंद्रस्मिता की देखरेख में सम्मेलन ने 39 सदस्यीय राज्य कमिटी और 15 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव किया. गीता मंडल को राज्य सचिव और सविता सिंह को अध्यक्ष चुना गया. लक्ष्मी देवी, शांति सेन, ऐती तिर्की, सिंघी खलखो, शिमैला मुंडा, सरिता सिंह, सरोज देवी, जयंती चौधरी, सरिता साहू, मुन्नी मंडल, नीता बेदिया, झुमा घोषाल, सुषमा मेहता, रजनी मिर्धा, प्रीति भास्कर, नीलम सुहासिनी, शमीमा खातून, सुशीला तिग्गा, पूनम महतो, मीना दास, कौशिल्या दास, पिंकी भारती, सरिता महतो, लखिमनी मुंडा, सोनी तिरिया, नंदिता भट्टाचार्य भी राज्य कमेटी में चुनी गईं.

बेखौफ आजादी पर प्रीति भास्कर के नृत्य व बुंडू व संथालपरगना की साथियों द्वारा जनभाषा में गाये गीत ने सम्मेलन में जोश भर दिया.

– नन्दिता भट्टाचार्य