वर्ष - 32
अंक - 15
08-04-2023

23 सितंबर 2022 की रात समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड के सातनपुर के वार्ड संख्या 7 में स्वाति (नाम बदला हुआ) नाम की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म व उसके बाद उसकी हत्या का जघन्य मामला सामने आया. ततमा जाति के अत्यंत ही निर्धन परिवार की इस बच्ची के पिता विनोद दास बड़ी बेटी की शादी में लदे कर्ज को चुकाने के लिए दिल्ली में दिहाड़ी मजदूर का काम करते हैं. मां फूलपरी देवी उस दिन अपनी बीमार मां को देखने मायके गई हुई थीं. उस रात में केवल उसका 9 वर्षीय छोटा भाई था जो बगल के कमरे में सोया हुआ था. स्वाति बगैर दरवाजे के एक कमरे में सोई हुई थी. छोटे भाई नेे सुबह तकरीबन 5 बजे जब जगा तो उसने अपनी बहन को फंदे से लटकता देखा. रोते-चिल्लाते हुए उसने अपने चाचा को बुलाया. पड़ोसी भी जुट गए. सबने देखा कि स्वाति की देह फंदे से झूल रही है, उसके गुप्तांगों और शरीर पर जख्म के गहरे निशान हैं, एक पैर टूटा हुआ है और शरीर पर कीचड़ लगा हुआ है. उसकी पैंटी उसके मुंह में ठूंसी हुई है और कान से खून निकल रहा है.

यह खबर जब मां तक पहुंची तो वह रोते-बिलखते घर पहुंची. उन्होंने बच्ची के मुंह में ठूंसी पैंटी को बाहर निकाला. स्पष्ट था कि लड़की ने अपने साथ हुई जबरदस्ती का जमकर विरोध किया था और शोर मचाने की कोशिश की थी. मां ने थाने में सामूहिक बलात्कार व हत्या का मामला दर्ज कराया और पुलिस को बताया कि गांव के ही अपराधी मो. इम्तियाज ऊर्फ रिंकू, जो चौदह महीने के बाद हत्या के एक मामले में जमानत पर बाहर आया है, दो दिन पहले ही मोबाइल काॅल कर उनकी बेटी को रेप की धमकी दे रहा था. उसके दोस्त रुमान अहमद सावरी भी इसमें शरीक था. अपने बेटी द्वारा यह बताने पर वह उसी दिन रात के 9 बजे रिंकू के घर पहुंच कर उससे इस बाबत पूछताछ करने पहुंची थी लेकिनं रिंकू ने हंसी-मजाक की बात कहकर उनके मोबाइल से अपना नंबर डिलीट कर दिया. उन्होंने बताया कि मो. रिंकू स्वाति पर शारीरिक संबंधों का दबाव बनाता था जिससे इंकार करने के बाद उसने इस कृत्य को अंजाम दिया. उसी दिन घटनास्थल पहुंची भाकपा(माले) जांच टीम को भी यह पता चला कि मो. रिंकू गांव की अन्य लड़कियों पर भी ऐसा ही दबाव बनाते रहता है.

इस मामले में उजियारपुर थाना कांड संख्या 309/22 दर्ज तो हुआ लेकिन थाना प्रभारी गैंगरेप और हत्या के इस मामले को छुपाने का लगातार प्रयास करता रहा. उसने पोस्टमार्टम के दौरान बिसरा टेस्ट कराना तक जरूरी नहीं समझा. नामजद एफआईआर होने के बावजूद मुख्य अभियुक्तों से मधुर संबंध होने के कारण उसने किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया.

पुलिस द्वारा साक्ष्यों को मिटाने और मामले की लीपापोती के प्रयासों के खिलाफ भाकपा(माले) द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद डीएसपी सक्रिय तो हुए लेकिन उन्होंने भी वही किया जो थाना प्रभारी कर रहा था. कहा कि मामला सामूहिक बलात्कार व हत्या का नहीं, बल्कि प्रेम प्रसंग में हुई आत्महत्या का है. डीएसपी द्वारा अपराधियों के पक्ष में दिए गए बयान से लोगों में आक्रोश पनपना स्वभाविक था.

प्रशासन द्वारा अपराधियों के बचाव में लगातार खड़े रहने से आक्रोश का भड़कना स्वभाविक था. इस आक्रोश को संगठित करते हुए 9 अक्टूबर को उजियारपुर थाने का घेराव करने का निर्णय लिया गया. अपराधियों, शराब के धंधेबाजों और पुलिस गठजोड़ का नंगा नाच थाना परिसर में हुआ. थाना का घेराव कर रहे भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं पर पहले से बुलाकर रखे गए गुंडों द्वारा संगठित हमला करवाया गया, सबको लाठी व बांस का फट्टे मुहैया कराए गए, मुंह ढकने के लिए काला गमछा और मास्क दिया गया, शराब पिलायी गयी और इस दौरान बाजार में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे बंद करवा दिए गए.

इतना ही नहीं, महिला पुलिस रहने के बाबजूद भी पुरुष सिपाहियों एवं भाड़े पर बुलाए गए नकाबपोशों ने भाकपा(माले) नेता, पूर्व विधायक एवं महिला आयोग के पूर्व अध्यक्ष का. मंजू प्रकाश पर भी हमला किया और उनके साथ बदसलूकी की कोशिश की. जिले के चर्चित पार्टी नेता फुलबाबू सिंह को जान से मारने की साजिश भी रची गई थी, लेकिन जनता ने अपनी सूझबूझ से उसे नाकाम कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम का विडियो व फोटो आदि भी मौजूद हैं. भाकपा(माले) ने इसे बेहद संगीन अपराध मानते हुए बिहार के मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने डीएसपी व स्थानीय थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने, पीड़िता के परिजनों की सुरक्षा की गारंटी करने, पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने, पीड़िता के परिजन को उचित मुआवजा देने तथा मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी.

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समस्तीपुर में शुरू हुआ आमरण अनशन 

स्वाति हत्याकांड व गैंगरेप मामले में छह माह गुजर जाने के बाद भी पुलिसिया कार्रवाई रत्ती भर आगे नहीं बढ़ी न अपराधी गिरफ्तार हुए और न ही थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई हुई. शासन-प्रशासन की इस आपराधिक भूमिका के खिलाफ लोगों के बढ़ते विक्षोभ को एक बार पुनः संगठित करने और गरीब की बेटी कोन्या दिलाने के लिए भाकपा(माले) ने नये सिरे से आंदोलन छेड़ने की योजना बनाई और विगत 27 मार्च 2023 से समस्तीपुर जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष भाकपा(माले) के उजियारपुर प्रखंड सचिव का. गंगा प्रसाद पासवान, स्वाति की मां फूलन देवी, भाकपा(माले) नेता बिरजू साह, सुधांशु प्रियदर्शी, श्याम कुमार, मो. शकूर और रीता देवी ने सामूहिक आमरण अनशन शुरू कर दिया.

सामूहिक आमरण अनशन और धरना का यह कार्यक्रम एक सप्ताह पूरा कर चुका है. दिन गुजरने के साथ ही सामूहिक अनशन व धरना कार्यक्रम में हर रोज समस्तीपुर जिले के विभिन्न हिस्सों से लोगों की अच्छी-खासी भागीदारी होने लगी. साथ ही शहर से भी दर्जनों माले कार्यकर्ता, समर्थक और नागरिक इसमें शामिल होने लगे.

विधानसभा में उठा यह मामला

भाकपा(माले) विधायक का. गोपाल रविदास ने बिहार विधानसभा सत्र के दौरान विगत 31 मार्च 2023 को स्वाति दुष्कर्म-हत्याकांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने, अपराधियों को गिरफ्तार करने एवं घटना को दबाने वाले उजियारपुर के थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह को बर्खास्त करने की मांग की. उन्होंने सदन को बताया कि इस मामले में कारबाई की मांग को लेकर भाकपा(माले) विधायक पुलिस अधीक्षक से मिले और माले प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से मुलाकात की लेकिन अबतक कोई ठोस कारबाई नहीं की गई है.

जिलाधिकारी के समक्ष ऐपवा का प्रदर्शन

विगत 1 अप्रैल 2023 को आमरण अनशन के 6ठे दिन अनशनकारियों की बिगड़ती स्थिति से आक्रोशित महिलाओं  ने ऐपवा जिला अध्यक्ष वंदना सिंह और आइसा जिला सचिव मनीषा कुमारी के नेतुत्व में ऐपवा के बैनर तले आक्रोश मार्च निकालकर जिला समाहरणालय पर एसपी- डीएम के समक्ष प्रदर्शन किया और जनसभा आयोजित की. सभा को संबोधित करते हुए खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव और भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के सदस्य का. धीरेन्द्र झा ने संबोधित करते हुए कहा कि स्वाति हत्याकांड में भाजपा के नेता संलिप्त है और स्थानीय सांसद के संरक्षण के कारण पुलिस स्वाति हत्याकांड को रफा- दफा करने में लगी हुई है. भाकपा माले न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेगी.

4 अप्रैल को होगा समस्तीपुर बंद 

इस दौरान सदर एसडीएम और सदर डीएसपी से वार्ता हुई लेकिन कारबाई करने में उनकी आना-कानी से कोई नतीजा नहीं निकला. अनशनकारियों की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर 1 अप्रैल को संपन्न हुई जिला सथायी समिति की आपात बैठक में आमरण अनशन को जारी रखते हुए इसके समर्थन में 3 अप्रैल की संध्या अनशन स्थल से मशाल जुलूस निकालने व 4 अप्रैल को हजारों लोगों की भागीदारी के साथ समस्तीपुर बंद करने की घोषणा की गई.

का. सत्यदेव राम व शशि यादव की प्रेस वार्ता 

2 अप्रैल को समस्तीपुर पहुंचे भाकपा(माले) विधायक दल के उपनेता व खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यदेव राम,और ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव ने कहा कि छह माह गुजर जाने के बाद भी स्वाति हत्या व सामूहिक रेप कांड में दर्ज उजियारपुर थाना कांड संख्या 309/2023 मेंनामजद अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने और अपराधियों के साथ थाना प्रभारी की मिलीभगत के पुख्ता सबूत पाये जाने बाद भी उसका थाने में बने रहना यह दिखलाता है कि जिला प्रशासन इस मामले में आपराधिक भूमिका निभा रहा है. पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा दिलाना राज्य सराकर व नागरिक समाज का कर्तव्य है. प्रशासन क्या इसलिए उदासीन है कि स्वाति एक दलित मजदूर की बेटी थी?

महागठबंधन के उजियारपुर व कल्याणपुर से प्रत्याशी रहे क्रमशः फूलबाबू सिंह और रंजीत राम, खेग्रामस के जिला अध्यक्ष उपेंद्र राय और अन्य संगठनों के नेता भी आगामी 4 अप्रैल से आमरण अनशन की घोषणा की.

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4 अप्रैल 2023: असरदार समस्तीपुर बंद

आमरण अनशन आंदोलन के 9वें दिन, 4 अप्रैल 2023 को असरदार समस्तीपुर बंद आयोजित हुआ.

झंडे, बैनर और फेस्टून के साथ सैकड़ों बंद समर्थकों का जुलूस मालगोदाम चौक से नारे लगाते हुए स्टेशन रोड, टुनटुनिया गुमटी, पुरानी पोस्ट आफिस रोड, ओवरब्रिज चौराहा होते हुए  जिलाधिकारी आवास तक गया और वहां से स्टेडियम गोलंबर व स्टेडियम मार्केट होते हुए पुनः ओवरब्रिज चौराहा पहुंचा. वहां सड़क जाम कर मांगों से संबंधित जोरदार नारेबाजी शुरू हुई. ओवरब्रिज चौराहा 3 घंटे से अधिक समय तक जाम रहा. लेकिन लाचार, बीमार, ऐंबुलेंस, इमरजेंसी वाहन को बंद समर्थक भाकपा(माले) कार्यकर्ता मदद पहुचाते रहे और उन्हें जाम में फंसने नहीं दिया गया.

मौके पर सदर अनुमंडलाधिकारी व मुख्यालय डीएसपी ने पहुंचकर भाकपा(माले) नेताओं से वार्ता की. नेताओं ने मौके पर सभा का आयोजन किया, वार्ता को सकारात्मक बताया लेकिन उजियारपुर थानाध्यक्ष को हटाने तक अनशन जारी रखने की घोषणा करते रहे.

बंद का नेतृत्व भाकपा(माले) जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, जिला कमेटी सदस्य महावीर पोद्दार, ललन कुमार, फूलबाबू सिंह, जीवछ पासवान, अजय कुमार, अमित कुमार, दिनेश कुमार, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, रंजीत राम, आसिफ होदा, उपेंद्र राय, प्रमिला राय, मनीषा कुमारी, रामचंद्र प्रधान,  खुर्शीद खैर, सविता सिंह आदि समेत आइसा, इनौस, खेग्रामस, किसान महासभा, ऐपवा, ऐक्टू, इंसाफ मंच व जसम के नेताओं ने किया और वहां आयोजित सभा को संबोधित किया.

प्रो. उमेश कुमार ने बताया कि दुकान, वाहन, स्कूल, कार्यालय बंद रखकर जिला वासियों ने पुलिस जुल्म के खिलाफ बंद को व्यापक समर्थन दिया. बंद को मिले इस व्यापक समर्थन के लिए जिले के नागरिकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन करते हुए उन्होंने उजियारपुर के भ्रष्ट, शराब माफिया एवं गुंडों के संरक्षक थानाध्यक्ष को हटाने तक अनशन एवं अनशन के समर्थन में अन्य आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. अंततः शाम को जिला प्रशासन से आंदोलनकारियों की वार्ता हुई और 15 दिनों के अंदर थाना प्रभारी को हटाने तथा माह भर के भीतर अपराधियों पर कार्रवाई के ठोस आश्वासन के बाद अनशन समाप्त हुआ और इसतरह स्वाति मामले में न्याय पाने की उम्मीद एक बार फिर से जिंदा हुई.


‘स्वाति को न्याय दो’ आंदोलन: एक नजर

26 सितंबर 2022: भाकपा(माले) सातनपुर चौक पर विरोध सभा आयोजित की. पार्टी नेताओं ने  फिर से पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाते हुए कहा कि पुलिस बलात्कार व हत्या के साक्ष्यों को मिटाने में लगी हुई है.

27 सितंबर 2022: का. फूलबाबू सिंह के नेतृत्व में भाकपा(माले) की जांच टीम ने पीड़ित परिवार व ग्रामीणों से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली.

28 सितंबर 2022: ऐपवा के बैनर तले सातनपुर चौक पर प्रदर्शन कर 9 अक्टूबर 2022 को उजियारपुर थाना का घेराव करने की घोषणा की गई.

1 अक्टूबर 2022: मालती चौक पर थाना अध्यक्ष का पुतला दहन कर सभा आयोजित की गई. चांदचौर पश्चिमी मंगल चौक पर नुक्कड़ सभा कर थानाध्यक्ष का पुतला दहन कर रहे उजियारपुर प्रखंड सचिव गंगा प्रसाद पासवान पर शराब कारोबारियों व लंपटों के एक गिरोह ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया.

9 अक्टूबर 2022: भाकपा(माले) ने स्वाति के लिए न्याय की मांग को लेकर उजियारपुर थाना घेरा. थाना प्रभारी द्वारा जुटाये गये अपराधियों ने कार्यक्रम  पर हमला किया.