वर्ष - 32
अंक - 14
01-04-2023

लोकतंत्र व न्याय की हत्या कर आनन-फानन में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ भाकपा(माले) ने पिछले दिनों पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया.

उत्तर प्रदेश

वगत 27 मार्च को भाकपा(माले) ने उत्तर प्रदेश में राज्यव्यापी प्रतिवाद किया. कार्यक्रम के तहत जिला इकाइयों द्वारा धरना, प्रदर्शन, जूलूस व मार्च निकालकर राष्ट्रपति व लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित ज्ञापन भेजे गए. ज्ञापन में सदस्यता रद्द करने की त्वरित कार्रवाई को संविधान, लोकतंत्र व न्याय पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की गई.

प्रतिवाद कार्यक्रम के तहत प्रदेश की राजधानी लखनऊ में परिवर्तन चौक से जिला अधिकारी कार्यालय तक जुलूस मार्च निकाला गया, जिसे कार्यालय पहुंचने के पहले ही पुलिस ने रोककर ज्ञापन लिया. इस दौरान सड़क पर ही सभा की गई. जुलूस का नेतृत्व भाकपा(माले) जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर, राज्य कमेटी सदस्य राधेश्याम मौर्य, ऐक्टू जिला अध्यक्ष मधुसूदन मगन, आइसा की जिला अध्यक्ष अंजलि, ऐपवा की सहसंयोजक कमला गौतम, आरवाईए के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव गुप्ता, जसम के मो. कलीम आदि लोगों ने किया.

इलाहाबाद में नागरिक समाज व भाकपा(माले) के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शन में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रविकिरन जैन, भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य डाॅ. कमल उसरी, इंनौस के राज्य सचिव सुनील मौर्य, ऐक्टू के प्रदेश सचिव अनिल वर्मा आदि शामिल थे.

रायबरेली जिले में ऐक्टू के प्रदेश अध्यक्ष विजय विद्रोही के नेतृत्व में 26 मार्च को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया. मथुरा में जिला मुख्यालय पर जुझारू प्रदर्शन किया गया. यह प्रदर्शन जिला एवं सत्र न्यायालय गेट सं 3 के सामने से जिलाधिकारी कार्यालय तक गया. प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्त्ता जोश में केंद्र व राज्य सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. सभा को सम्बोधित करते हुए राज्य स्थायी कमेटी के सदस्य एडवोकेट नशीर शाह व जिला सचिव गिरधारी लाल चतुर्वेदी ने गौतम अडानी द्वारा शेयर घोटाले में करीव बीस हजार करोड़ रूपये के भ्रस्टाचार के वारे में बताते हुए कहा कि मोदी सरकार ने राहुल गांधी व विपक्षियों की आवाज दबाने के लिए संसद को नहीं चलने दिया.

प्रतिरोध प्रदर्शन में एडवोकेट शिवकुमार, विशन चंद, कमल सिंह, नईम शाह, कामिल, नोहबत शाह, यादवेन्द्र कुमार भारद्वाज उर्फ लड्डू गोपाल, श्रीमती सावित्री, नगमा परवीन कल्लू खान, अख्तर, शहजाद, जाकिर, विजयपाल, रुबीना, सलीम, हीमा, गुलशन, सीमा, रुखसत, सोहिल अल्वी, शनि परमार ठाकुर, जाहिद, हरिराम, मनोहर सहित कई लायर्स व अन्य लोग शामिल थे.

जालौन में जिला सचिव राजीव कुशवाहा की अगुआई में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित मांगे पत्रा नगर मजिस्ट्रेट को दिया.

बलिया कलेक्ट्रेट पर भाकपा(माले) ने मोदी सरकार के खिलाफ मार्च करते हुए सभा आयोजित की. बरेलीे के बहेड़ी तहसील में प्रतिवाद कार्यक्रम कर ज्ञापन दिया गया.

गोरखपुर में भाकपा(माले) जिला सचिव राजेश साहनी राजेश साहनी के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. मऊ में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया.

अयोध्या में सदर तहसील पर प्रतिवाद करते हुए राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन तहसीलदार सदर को सौंपा गया.

मिर्जापुर के मड़िहान बाजार में मार्च किया गया. पार्टी नेताओं ने भाजपा द्वारा लोकतंत्र पर किये जा रहे हमलों के खिलाफ विपक्ष से एकजुट होकर सड़कों पर संघर्ष करने का आह्वान किया.

बलिया में जिला सचिव लाल साहब व लक्ष्मण यादव के नेतृत्व में स्थानीय रोडवेज बस स्टेशन से कलेक्ट्रेट तक लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ रैली निकाल कर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने ‘फासीवाद मुर्दाबाद-ताना शाही नहीं चलेगी-लोकतंत्र बहाल करो’ का जोरदार नारा लगाया, जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान जिला सचिव का. लाल साहब ने नरेद्र मोदी की सरकार पर अघोषित आपातकाल थेपने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह संविधान और लोकतंत्र दोनो के लिए भारी खतरा है. रामानन्द गोंड ने राहुल गांधी के उपर अदालत के फैसले के तुरन्त बाद उनकी संसद की सदस्यता खत्म कर लोकतंत्र पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताया. अशोक पाण्डेय ने मोदी सरकार को पूंजीपतियों की सरकार बताया. लक्ष्मण यादव ने कहा कि समय की मांग है कि विपक्ष एक जुट हो, लोकतंत्र को बचाने के लिए सड़क पर उतरे.

कार्यक्रम में वशिष्ठ राजभर, भागवत बिंद, नियाज अहमद, रामप्रवेश शर्मा, नागेन्द्र भारती, जितेन्द्र पासवान, शिव विलाश शाह, राधेश्याम चौहान, विनय खरवार, रमेश बिंद, राजेश गोंड, डीपी सोनी, जयप्रकाश शर्मा सहित दर्जनों लोग शामिल रहे. कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मण यादव ने किया.

इसके अलावा गाजीपुर, सोनभद्र, बनारस, आजमगढ़, सीतापुर और मुरादाबाद में भी विरोध प्रदर्शन हुए.

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झारखंड

26 मार्च 2023 को अल्बर्ट एक्का चैक पर ऐपवा, आइसा, आदिवासी संघर्ष मोर्चा, फादर स्टैंड स्वामी न्याय मोर्चा, इंसाफ मंच, एआईपीएफ व भाकपा(माले) सहित कई जन संगठनों और बुद्धिजीवियों ने लोकतंत्र पर बढ़ते हमले और राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किए जाने के खिलाफ प्रतिरोध मार्च किया. प्रतिवाद मार्च का संचालन नदीम खान और अध्यक्षता जगन्नाथ उरांव ने किया.

प्रतिवाद मार्च में झारखंड के जाने-माने लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी विनोद ने अपना वक्तव्य रखते हुए कहा कि यह मामला सिर्फ राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने का नहीं है. यह मामला लोकतंत्र में लोगों की अभिव्यक्ति पर रोक लगाने का है. भाजपा के खिलाफ, तानाशाही सरकार के खिलाफ अब कोई कुछ बोलेगा तो सरकार उसे या तो जेल में डाल देगी या फिर उसकी पहचान को खत्म करने की कोशिश करेगी.

उन्होंने कहा कि हम सब को इस लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होना होगा और आगे आना होगा तथा भाजपा जैसी सांप्रदायिक और अलोकतांत्रिक ताकतों को खत्म करने में लग जाना होगा.

फादर स्टेन स्वामी न्याय मोर्चा के फादर टाॅम ने कहा कि देश के कई शहीदों ने इस लोकतंत्र के लिए अपनी जान की आहुति दी है. हम इतनी आसानी से इस लोकतंत्र को तानाशाही सरकार और पूंजीपतियों के हाथ में बिकने या खत्म होने नहीं दे सकते हैं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) नगर सचिव नन्दिता भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी की तानाशाही सरकार ने मीडिया को ‘गोदी मीडिया’ बना दिया है और अब न्यायालय द्वारा भी अपने फैसले थोप रही है. इसे बिलकिस बानो और राहुल गांधी मामले में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. संसद पर अधिकार जनता का है और उन प्रतिनिधियों का हैं जिन्हें जनता ने चुनकर भेजा है. अब सरकार जानता के इस अधिकार पर चोट कर रही है. लोकतंत्र के खात्मे की और बढ़ती इस तानाशाही सरकार को सत्ता से हटाना जरूरी हो गया है.

इस कार्यक्रम में इंसाफ मंच के नदीम खान, आदिवासी संघर्ष मोर्चा के जगन्नाथ उरांव, राज कपूर, बुद्धू, शिवकुमार उरांव, इलियास हेम्ब्रम, अलमा खलखो आदि शामिल हुए. अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की नेत्री एती तिर्की, सिंघी खलखो, गीता तिर्की और सुषमा, फादर स्टेन स्वामी न्याय मोर्चा की प्रियंका सोरेन और टीना सोरेन, आइसा के राज्य अध्यक्ष तरुण राज सिंह, भाकपा(माले) नेता सुरेंद्र राणा, भीम साहु व राजेंद्र पंडित तथा झारखण्ड आन्दोलनकारी नेता पुष्कर महतो सहित दर्जनों लोग कार्यक्रम में शामिल हुए.

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बिहार

मोदी शासन में लोकतंत्र पर जारी हमलों की अगली कड़ी में राहुल गांधी की आनन-फानन में लोकसभा सदस्यता से बर्खास्तगी के खिलाफ विगत 24 मार्च 2023 को राजधानी पटना के कारगिल चौक पर आयोजित प्रतिरोध सभा में भाकपा(माले) के कई वरिष्ठ नेता, विधायक, कार्यकर्ता और नागरिक समुदाय के लोग जुटे.

प्रतिरोध सभा को भाकपा(माले) के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा और राजाराम सिंह, वरिष्ठ नेता केडी यादव, भाकपा(माले) विधायक दल नेता महबूब आलम, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, भाकपा(माले) विधायकों – सुदामा प्रसाद, गोपाल रविदास, मनोज मंजिल, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, अरूण सिंह तथा खेग्रामस के राज्य सचिव शत्रुघ्न सहनी, एआइपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा, ऐपवा नेत्री अनीता सिन्हा, पत्रकार पुष्पराज आदि ने संबोधित कियामौके पर ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव व अध्यक्ष सरोज चौबे और भाकपा(माले) नेता जितेन्द्र कुमार तथा मुर्तजा अली सहित कई लोग उपस्थित थे.

माले नेताओं ने कहा कि अडाणी घोटाले में घिरी मोदी सरकार के दबाव में राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म की गई है. संसदीय परंपरा में यह पहली दफा है जब सत्ता पक्ष ही संसद नहीं चलने दे रहा है. उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष अडाणी घोटाले की जेपीसी जांच की लगातार मांग उठा रहा है. अडाणी को बचाने में लगी मोदी सरकार ने उलटे राहुल गांधी की सदस्यता ही खत्म करवा दी. यह देश के लोकतंत्र का मजाक है.

नेताओं ने कहा कि 23 मार्च को कथित मोदी मानहानि मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन सजा को 30 दिनों तक स्थगित रखा गया था और राहुल गांधी को उच्चतर न्यायालय में अपील का अधिकार दिया गया था. कोर्ट की इस बात को खारिज करते हुए एक दिन बाद ही आनन-फानन में उनको लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. इससे जाहिर होता है कि मोदी सरकार विपक्ष से कितना भयभीत है. यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक काला अध्याय है.

वक्ताओं ने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों के दमन में न्यायालयों से लेकर ईडी-सीबीआई सबका दुरूपयोग कर रही है. दूसरी ओर, देश में महंगाई-बेरोजगारी अपने चरम पर है. लोगों में गुस्सा है. देश के लोकतंत्र और आम लोगों के जीवन पर जब-जब संकट आया है, बिहार की धरती से प्रतिरोध की आंधी उठ खड़ी हुई है. एक बार फिर बिहार देश के इस निरंकुश-फासीवादी शासन माॅडल को शिकस्त देगा और देश में लोकतंत्र की पुनर्बहाली का रास्ता खोलेगा. 

(अरुण कुमार/नन्दिता भट्टाचार्य/कुमार परवेज)


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मोदी सरकार का पुतला दहन

‘राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्यवाही नहीं चलेगी’, ‘विपक्ष मुक्त भारत बनाने की साजिश मुर्दाबाद’, ‘राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त करने वाली मोदी सरकार मुर्दाबाद’, ‘भूमि खरीद नियमों में संशोधन वापस लो’, ‘संविधान विरोधी मोदी सरकार होश में आओ’, ‘बेमौसम बरसात से बर्बाद फसलों का पूरा दाम दो’, ‘मनरेगा में 200 दिन काम दो, 600 रूपये दैनिक मजदूरी दो’, ‘दशकों से आबाद सलेमपुर के मजदूरों का नाम खसरा-खतौनी में दर्ज करो’, ‘पट्टे के नाम पर वसूली बंद करो’, ‘600 मीटर रोड के लोकार्पण का क्या हुआ? एसडीएम जवाब दो’, मनरेगा में 50 हजार रूपये बकाए मजदूरी का भुगतान करो’ आदि नारों के साथ सलेमपुर, सकलडीहा में चल रहे रहा धरना के 5वें दिन धरना स्थल पर ही भाकपा(माले) के राष्ट्रीय आह्वान पर मोदी सरकार का पुतला दहन कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने का विरोध हुआ.

धरना में तूफानी गोंड, राजू चौहान, शिवपूजन कवि, रामजीत चौहान, मदन चौहान, चिखुरी, दुलारी देवी, अतवरी, नगीना देवी, कलावती, गुड्डी, चंपा देवी, सुशीला देवी, दुलारी देवी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे. धरना की अध्यक्षता मुन्नीलाल व संचालन उमानाथ चौहान ने किया.

धरना को संबोधित करते हुए का. शशिकांत सिंह ने कहा कि सूरत कोर्ट के द्वारा राहुल गांधी पर फैसला सुनाते समय 30 दिन के अंदर जवाब प्रस्तुत करने की बात कहने के बाद भी विपक्ष से डरी मोदी सरकार ने कानून का उल्लंघन करते हुए राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दिया. मोदी सरकार की यह कार्यवाही राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है.