वर्ष - 32
अंक - 19
06-05-2023

राजस्थान

उदयपुर में टाउन हाॅल से दिल्ली गेट होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय, बापू बाजार, तक रैली निकाली गई जिसमें सैकड़ों मजदूरों, कर्मचारियों, व महिलाओ ने भागीदारी की. रैली के बाद कलेक्टर कार्यालय पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष शंकरलाल चौधरी ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठी मोदी सरकार आजाद भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा गरीब मजदूर विरोधी सरकार साबित हो रही हैं. किसान आंदोलन के चलते किसान विरोधी कृषि कानूनों को लागू करने में विफल रहने के बाद भी भाजपा सरकार पूंजीपतियों के दबाव में मजदूर विरोधी चार श्रम कोड को वापस लेने को तैयार नहीं, उल्टे, निजीकरण कर सरकारी उपक्रमों को बेचने पर उतारू है.

इससे पहले टाउन हाॅल पर रैली के शुरू होने के मौके पर इंटक के राज्य अध्यक्ष जगदीश श्रीमाली ने कहा कि आज जब किसान-मजदूर देश की अर्थव्यवस्था के दायां-बांया हाथ हैं. केंद्र में बैठी भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था के इन दोनों हाथों को काटने पर उतारू हैं. महंगाई आसमान छू रही है. मोदी सरकार ने हालिया बजट में मनरेगा के आवंटन में भी कटौती कर दी है.

केंद्रीय श्रमिक संगठनो के समन्वय समिति के संयोजक पीएस खींची ने कहा कि आज जब मजदूर मई दिवस मना रहे हैं, दुनिया में आर्थिक संकट के बादल मंडरा रहे हैं. फ्रांस जैसे विकसित देश का मजदूर भी अपनी पेंशन और सामाजिक सुरक्षा को बचाने के लिए सड़कों पर हैं. सीटू के जिला अध्यक्ष राजेश सिंघवी ने कहा कि आज हम दुनिया उन मजदूर साथियों को याद करते हैं, जिन्होंने आठ घंटे का कार्यदिवस करने के लिए अमेरिका के शिकागो शहर में चले आन्दोलन में अपनी जानें गंवा दी थीं. वहीं आज हमारे देश में 9 साल से सत्ता में बैठी भाजपा सरकार कार्यदिवस को 12 घंटे करने की तैयारी कर रही हैं.

एलआईसी के नेता मोहनलाल शियाल ने कहा कि मजदूरों के यूनियन बनाने के अधिकार का दमन किया जा रहा हैं. प्रशासन के साथ मिलकर पूंजीपति या ठेकेदार यूनियन बनाने में सक्रिय मजदूरो को तुरंत बाहर का रास्ता दिखा देते हैं. बैंक, बीमा और तमाम सार्वजनिक सेक्टर को काॅरपोरेट के हवाले किया जा रहा हैं. इंटक के सेमसंग भगोरा ने कहा कि समान काम का समान वेतन जैसे सिद्धांत बीते कल की बात हो जाएंगे. ठेका व्यवस्था को निरंतरता से चलने वाले उत्पादन प्रक्रिया में लाने के लिए कानून बदला जा रहा हैं. फिक्स्ड टर्म एम्प्लाॅयमेंट के नाम पर स्थाई रोजगार की अवधारणा को ही मिटाने की कोशिश हैं.

समता संवाद के हिम्मत सेठ ने कहा कि मोदी सरकार लाकतंत्र  विरोधी है. वह जनता की मांगों को सुनने को तैयार नही हैं. ऐपवा की फरहत बानो ने कहा कि परिवहन, बैंक, बीमा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं निजी हाथों से जाने से इनके दाम बढ़ेंगे. निजीकरण और अमीरपरस्त नीतियों के चलते भाजपा के शासनकाल में महंगाई आसमान छू रही है. गरीब-अमीर के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा हैं. रसोई गैस से लेकर पेट्रोल, डीजल, आटा, डाटा, खाद्य तेल, दाल आदि सब महंगा होता जा रहा है. आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपैया वाली स्थिति है.

सभा के बाद केन्द्रीय श्रमिक संगठन समन्वय समिति के सयोजक पीएस खींची के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम सिटी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया. इस मौके पर इंटक के नारायण लाल गुर्जर, मोहनलाल शर्मा, प्रो. हेमेंद्र चंडालिया, प्रो. सुधा चौधरी, अधिवक्ता अरुण व्यास, चंद्रदेव ओला, प्रो. एलआर पटेल, रुखसाना, रमेश मीणा, पूरणमल मीणा, पार्षद राजेन्द्र वसीटा, हीरालाल सालवी, आदि मौजूद थे.

जयपुर और चुरू में भी मजदूर दिवस कार्यक्रम आयोजित किए गये. जयपुर में का. मंजुलता के नेतृत्व में जिला कार्यालय पर झंडारोहण व गोष्ठी का आयोजन हुआ. चूरू में कामरेड राजवीर कुलडिया के नेतृत्व में निर्माण मजदूर संगठन द्वारा लेबर ऑफिस पर प्रदर्शन किया गया.

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बिहार 

भागलपुर में ऐक्टू और उससे सम्बद्ध यूनियनों – बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन, असंगठित कामगार महासंघ आदि के द्वारा भारत में मजदूर दिवस के 100वें वर्ष के मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित कर   फासीवादी मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के अभियान को तेज करने का संकल्प दोहराया गया. सुरखीकल स्थित यूनियन कार्यालय, स्थित जगदीश-बौधी स्मृति आवास (मोहनपुर), ऐक्टू कार्यालय (हनुमाननगर -आदमपुर) व भीखनपुर गुमटी नं-12 स्थित मजदूर चौक पर झंडोतोलन किया गया और मजदूर आंदोलन के तमाम शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी. इसके अलावे बिहपुर प्रखंड के झंडापुर, शाहकुंड के हाजीपुर, जगदीशपुर के फतेहपुर व नाथनगर के कजरेली में भी मजदूर दिवस मनाया गया.

कार्यक्रमों का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वएआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा, ऐक्टू के राज्य सचिव व असंगठित कामगार महासंघ के राज्य महासचिव मुकेश मुक्त, ऐक्टू के जिला उपाध्यक्ष व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ-गोपगुट के विष्णु कुमार मंडल और बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य कमिटी सदस्य चंचल पंडित व मो. सुदीन ने किया.

मौके पर एआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव व निर्माण मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष एसके शर्मा ने मजदूरों की स्थिति और वर्तमान फासीवादी मोदी सरकार की मजदूर विरोधी-देश विरोधी नीतियों की विस्तृत चर्चा की.

शाम में संयुक्त जुलूस: बढ़ती बेरोजगारी व छंटनी, मजदूरी में भीषण गिरावट, निजीकरण, गुलामी के चार लेबर कोड और दमनकारी राज के खिलाफ, संविधान व लोकतंत्र बचाने के संघर्ष के साथ एकजुट होने का आह्वान करते हुए संध्या में वामपंथी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों – ऐक्टू, एटक, सीटू व एआईयूटीयूसी ने शाम में स्थानीय घंटाघर चौक से जुलूस निकाला. नारों को बुलन्द करते हुए यह जुलूस खलीफाबाग व मुख्य बाजार के रास्ते स्टेशन चौक स्थित डाॅ. अंबेदकर स्मारक गोलम्बर पहुंचा और उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद सभा आयोजित हुई.

जुलूस का नेतृत्व ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा, राज्य परिषद सदस्य विष्णु कुमार मंडल, ऐटक के जिला महासचिव डाॅ. सुधीर शर्मा, सीटू के जिला सचिव दशरथ प्रसाद व एआईयूटीयूसी के रौशन कुमार रवि ने किया.

पटना के ऐक्टू राज्य कार्यालय में आशा, आंगनवाड़ी व घरेलू कामगारों समेत हर क्षेत्र के मजदूरों की भागीदारी के साथ मई दिवस मनाया गया. ऐक्टू महासचिव आरएन ठाकुर द्वारा झंडोत्तोलन के बाद मई दिवस आह्वान का पाठ किया गया. इस मौके पर आशा कार्यकर्ता संघ की नेता शशि यादव व बिहार राज्य रसोइया संघ नेता सरोज चैबे समेत कई मजदूर नेता मौजूद थे.

गुजरात 

अहमदाबाद में एसोसिएशन ऑफ ट्रेड यूनियंस की बैनर तले सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों तथा स्वतंत्र यूनियनों की संयुक्त रैली निकाली गई. रैली के नारों में केंद्र सरकार की फासीवादी मजदूर विरोधी नीतियों, खासकर, 4 श्रम कोड बिल के खिलाफ आम मजदूरों का रोष व्यक्त हो रहा था.

ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का. रंजन गांगुली ने रैली को संबोधित करते हुए भारत में मई दिवस की 100 वीं वर्षगांठ पर भारतीय मजदूर वर्ग की सैकड़ों लड़ाइयों की उपलब्धियों व जीतों को हड़पने की और मजदूरों को फिर से गुलाम बनाने की मोदी सरकार की साजिशों की मुहतोड़ जवाब देने का आह्वान किया. रैली की अंत में मजदूरों की एक शिष्ट मंडल ने श्रम भवन जाकर डिप्टी लेबर कमिश्नर (सेंट्रल)  को  मजदूरों की मांग संबलित एक ज्ञापन सौंपा.

रैली में ऐक्टू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य का. अमित पाटनवाडिया व का. दशरथ सिंहाली, मजदूर नेता नरेंद्र सिंह सिसोदिया, आरवाइए नेता केतन प्रजापति, एटीयू नेता प्रह्लाद वाघेला, सीटू के राज्य सचिव सतीश परमार, ऐटक की नेता परिहार आदि ने रैली का नेतृत्व किया.

झारखंड

रामगढ़ में हेसला स्पंज फैक्ट्री, आरा व केदला सीसीएल कोलियरी, ब्रह्मणी स्पंज फैक्ट्री और रामगढ़ शहर के निर्माण मजदूरों ने ऐक्टू के बैनर तले मई दिवस मनाया.

अरगड्डा हेसला स्पंज फैक्ट्री गेट के बाहर में दर्जनों मजदूर एकत्रित हुए जहां मजदूर नेता महादेव राम ने झंडोतोलन किया. ‘दुनिया के मजदूरों एक हों’ और ‘मई दिवस जिंदाबाद’ के नारों के बीच संघर्षों में शहीद हुए तमाम साथियों को एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई. राशिद अंसारी के संचालन में हुई सभा को संबोधित करते हुए ऐक्टू नेता भुवनेश्वर बेदिया ने मई दिवस का इतिहास बताते हुए निजीकरण पर रोक लगाने, असंगठित और निर्माण मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी करने, मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 600 रु. करने व काम 12 घंटे नहीं बल्कि 8 घंटे के कानून को जारी रखने की मांग की.

केदला में दिनेश रजवार व जगदेव रजवार, आरा में महादेव मांझी व शिवशंकर उरांव, ब्रह्मणी में विगेन्द्र ठाकुर व दिवाकर भोक्ता और रामगढ़ शहर में भुवनेश्वर बेदिया के नेतृत्व में मई दिवस मनाया गया.

तोपा सीएमडब्ल्यूयू कर्यालय और विस्थापित कार्यालय में भी मजदूर दिवस मनाया गया. इस कार्यक्रम में इन्कलाबी नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष जयबीर हंसदा, भाकपा(माले) के मांडू प्रखंड सचिव लाली बेदिया, मानकी टुडू, मूनिस टुडू, सुनीलाल मांझी, अनिल हांसदा, अशोक गुप्ता, रुपा बेसरा, किशोर करमाली, शंकर प्रसाद, अशरफ अंसा समेत दर्जनों लोग शामिल हुए.

घुटुवा में सीएमडब्ल्यूयू नेता सुरेंद्र कुमार बेदिया, देवकीनंदन बेदिया, नागेश्वर मुंडा, मोतीलाल बेदिया, धनमति देवी और नीता बेदिया अगुआई में मई दिवस मनाया गया.

बोकारो के ललपनिया मजदूर मैदान में ऐक्टू से संबद्ध झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन, टीटीपीएस ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया. झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन की अध्यक्ष शोभा देवी ने झंडोतोलन किया. उसके बाद शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित कर अमर शहीदों श्रद्धांजलि दी गई.

यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष उमेश ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन में शहीद मजदूरों के संघर्ष व कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता है. मजदूरों को चट्टानी एकता बनाकर अपने हक की लड़ाई तेज करनी होगी.

यूनियन के सचिव सुरेन्द्र प्रसाद यादव और अध्यक्ष शोभा देवी ने टीटीपीएस ललपनिया के ठेका श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी व अन्य सुविधाएं देने की मांग करते हुए मंहगाई, बेरोजगारी, शिक्षा आदि सवालों पर संघर्ष तेज करने का आह्वान किया.

चंदनकियारी हटिया मैदान में भाकपा(माले), एसयूसीआई और सीपीआइ(एम) ने संयुक्त रूप से सभा आयोंजित किया. सभा की शुरुआत शहीद वेदी पर माल्यार्पण और सहीदों के याद में एक मिनट का मौन रखते हुए किया गया. इसकी अध्यकक्षता विश्वनाथ बनर्जी एवं संचालन कुमुद महतो ने किया.

सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले). राज्य कमिटी सदस्य दुलाल प्रमाणिक ने मजदूर दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मोदी सरकार देश में कंपनी राज कायम करने के लिए श्रम कानूनों को खत्म करने पर आमादा दिख रही है जिसे किसी भी हाल में भारत का मजदूर बर्दास्त नहीं करेगा.

सभा को हरिपद महतो, गोपाल महतो, उत्तम राॅय, भजोहरि महतो, नान्हु बाउरी, इंद्रजीत महतो आदि ने भी संबोधित किया गौउर दास, मनु सूत्राधार, मनोज गोराई, शंकर रजवार, धर्मेंद्र प्रमाणिक, दुलाल महतो, कलाम अंसारी समेत दर्जनों लोग सभा में उपस्थित थे.

धनबाद में श्रमिक चैक, गोविन्दपुर, निरसा, एग्यारकुंड, बलियापुर आदि प्रखंडो में झंडोतोलन और मजदूर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद ऐतिहासिक मई दिवस आंदोलन में शहीद हुए मजदूरों को 2 मिनट की मौन श्रद्धांजलि देते हुए सभा आयोजित की गई.

सीएमडब्लुयू व झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन ने बीसीसीएल एरिया 12 में मई दिवस मनाया. सबसे पहले दहीबाड़ी प्रोजेक्ट कार्यालय पर यूनियन का झंडा फहराया गया. उसके बाद जुनकुदर युनियन कार्यालय और अंत में परियोजना पदाधिकारी कार्यालय पर झंडा फहराया गया.

इस अवसर पर झारखंड जेनरल मजदूर यूनियन के जिला सचिव मनोरंजन मल्लिक, एरिया सचिव लक्ष्मीनारायण दास, नगेन महतो, मानिक मंडल, सत्येंद्र चौहान, मुन्ना चौहान, जमाल अंसारी आदि समेत भारी संख्या में मजदूर मौजूद थे.

रांची में ऐक्टू और झारखंड निर्माण मजदूर यूनियन ने मजदूर अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ महेन्द्र सिंह भवन रांची और तिलता रातु ओवर ब्रिज से मजदूर अधिकार रैली निकाली. रातु फन कैशल पार्क के सामने सांस्कृतिक कार्यक्रम व सभा आयोजित हुई जिसमें बड़ी संख्या में निर्माण मजदूर शामिल हुए.

चतरा में आरवाइए नेता शिव सिंह के नेतृत्व में गरीबों, व किसान-मजदूरों की बड़ी गोलबंदी के साथ सभा आयोजित की गई. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि इस देश को कोई कारपोरेट या पूंजीपति नहीं, बल्कि देश की तमाम फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर और धूप, जाड़ा व बरसात में खेतों में अपना पसीना बहाने वाले किसान चला रहे हैं. सभा में जिले में  भूदान की जमीन पर वर्षों पूर्व बसाये गए भूमिहीन-दलितों को भूमाफियाओं फर्जी पट्टा बनाकर बेदखल करने की साजिश का विरोध किया गया.

आरवाइए के जिला संयोजक मनोज प्रजापति, विनोद कुमार तथा भावेश गंजू ने सभा का संचालन किया. मौके पर विनोद भारती, सरजू भारती, रामदास गंजू, सुनीता देवी, सोमर उरांव, रीना देवी, अंकिता कुमारी, तेतरी देवी, सीमा देवी, गुंजा भारती आदि समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.

लोहरदगा के पेंशनर भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर एक्टू नेता महेश कुमार सिंह ने कहा कि मोदी राज में मनरेगा योजना से लेकर आशा आंगनबाड़ी, मिड-डे-मील जैसी तमाम सरकारी योजनाओं के लिए बजट आवंटन में भारी कटौती की गई है. देश के मजदूर किसान समस्त आवाम मेहनतकश त्रस्त हैं. इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने के साथ ही सारे मेहनतकशों की एकता को मजबूत करने की जरूरत है.

झापसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र सुमन ने कहा कि आज नई शिक्षा नीति के नाम पर शिक्षकों और कर्मचारियों के ऊपर दमन बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार शिक्षक-कर्मचारियों का 18 महीना का डीए को लटकाए हुए ह जो न्यायसंगत नहीं है.

शिक्षक नेता मुमताज अहमद ने कहा कि देश में सेवाकर्मियों के वेतनमान में फेरबदल के साथ सर्विस टैक्स में अपार वृद्धि की जा रही है. आज कर्मचारियों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है.

डीवाईएफआई के बच्चुनारायण सिंह और सीटू नेता दिलीप कुमार वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. किसान नेता जगदीश महतो ने कहा कि केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान का हालत बद से बदतर होती जा रही है. कर्मचारी संघ के सुधीर उरांव एवं जफर आलम ने मोदी सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध किया.

सभा को अन्य लोगों के अलावा किशुन दास, देवेंद्र लाल दास, इंदुवाला मिंज, जयगोविंद साहू, फुलदेव कुजूर, देवधारी शाह, विजय गिरी, सुशीला तिग्गा, सूर्यमुखी कुजूर, तेतरा उरांव ने भी संबोधित किया.

गिरिडीह में भाकपा(माले) की ओर से पपरवाटांड़ स्थित पार्टी कार्यालय के समक्ष मई दिवस कार्यक्रम आयोजित कर मौजूदा केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया.

कार्यक्रम की शुरुआत शहीद वेदी पर माल्यार्पण करके की गई. बाद में मई दिवस जिंदाबाद, शहीद मजदूरों को लाल सलाम, मजदूर विरोधी मोदी सरकार मुर्दाबाद, मजदूरों के रोजगार और अधिकार के लिए संघर्ष तेज करो, आदि नारों के साथ ‘मई दिवस संकल्प मार्च’ भी निकाला गया.

संकल्प मार्च को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) नेता व अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव व शंकर कुमार पांडेय ने गांव-गांव में मेहनतकशों का संगठन मजबूत कर जनविरोधी सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया. सभा को प्रीति भास्कर व मेहताब अली मिर्जा ने भी संबोधित किया.

मई दिवस कार्यक्रम में राजेश सिन्हा, पप्पू खान, शिवनंदन यादव, फौदार सिंह, शंभू ठाकुर, मनोज कुमार यादव, राजेंद्र मंडल, रामलाल मुर्मू, रामलाल मंडल, निशांत भास्कर, कटिलाल सोरेन, पोरान सोरेन, लीलावती देवी, अंजली देवी, संझली देवी, मंझली देवी सहित अन्य लोग मौजूद थे.

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