वर्ष - 32
अंक - 20
13-05-2023

प. चंपारण जिले के वरिष्ठ भाकपा(माले) नेता और भाकपा(माले) प. चंपारण जिला कमिटी के पूर्व सदस्य कामरेड केदार प्रसाद (उम्र - 74 वर्ष) का आज सुबह करीब सात बजे नेपाल के जीतपुर में हार्ट अटैक से निधन हो गया है. वे सन 1980 -81में भूमिगत दौर में पार्टी से जुड़े थे. संयुक्त चंपारण में गरीब-भूमिहीन किसानों और खेत मजदूरों के आंदोलन को संगठित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वे जब से पार्टी से जुड़े तब से पूर्णकालिक कार्यकर्ता के बतौर काम करते रहे. 1983-84 में जब पूर्वी चंपारण में अराजकतवादी तत्व विभाजन कर पार्टी को खत्म करने का प्रयास कर रहे थे उस दौर में पार्टी की अधिकृत लाइन पर डटे रह कर उसको जनता के बीच मजबूती से स्थापित करने का काम उन्होंने किया. जब पार्टी जनसंगठनों के निर्माण और खुली राजनीतिक कार्यवाहियों के तरफ बढ़ रही थी तब उन्होंने बिहार प्रदेश किसान सभा और आईपीएफ के निर्माण व उनको जनता के बीच स्थापित करने का काम किया. 1990 से वे लगातार पश्चिम चंपारण में कार्यरत रहे. सामाजिक जांच पड़ताल और कहीं भी जाकर जनता से एकरूप हो जाने में उन्हें महारत हासिल थी.पार्टी में साथी लोग उन्हें सामाजिक सर्वेक्षक भी कहते थे.

शारीरिक रूप से चलने-फिरने में कठिनाई होने पर पिछले करीब 10 वर्षों से वे अपने भतीजे के साथ  नेपाल के जीतपुर शहर में रह रहे थे क्योंकि उनके ऊपर संघर्षों के दौर में अनेक मुकदमों में वारंट था. इसके बावजूद पार्टी के कार्यक्रमों में आते-जाते रहते थे. अभी हाल ही में 29 अप्रैल को कामरेड फूलदेव कुशवाहा की श्रद्धांजलि सभा में वे उनके गांव महछी (चनपटिया प्रखंड) में आए थे और सभी साथियों से मिलकर लौटे थे. कामरेड केदार प्रसाद इतनी जल्दी चले जायेंगे, किसी ने नहीं सोचा होगा. वे पार्टी, जनता और क्रांति के प्रति निःस्वार्थ समर्पण की मिसाल थे चंपारण के क्रांतिकारी कम्युनिस्टों की युवा पीढ़ी हमेशा उनके जीवन से प्रेरणा ग्रहण करते रहेगी. उनके अधूरे सपने को पूरा करने का संघर्ष जारी रहेगा.

कामरेड केदार प्रसाद अमर रहें!