वर्ष - 32
अंक - 20
13-05-2023

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक विगत 6-7 मई 2023 बगोदर (गिरिडीह, झारखंड) में संपन्न हुई.

बैठक में देश भर से महिला नेत्रियों की शिरकत हुई. बैठक में पहले दिन मुख्य रूप से भारत में हिन्दू फासीवाद के खिलाफ महिलाओं के प्रतिरोध और शिक्षा का संप्रदायीकरण पर चर्चा की गई. न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर चर्चा के दौरान यह बात सामने आयी कि मोदी सरकार देश की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से दूर कर देना चाहती है. वह युवाओं पर राष्ट्रवाद का झूठा बोझ लाद कर उन्हें बुनियादी मुद्दों से दूर कर देना चाहती है.

ऐपवा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हुई चर्चा में यह भी सामने आया कि भाजपा और आरएसएस ने हमेशा से ही महिला मुक्ति का ढोंग रचा है. उसने धर्म के नाम पर महिलाओं का इस्तेमाल किया है और उनको गुलाम बनाए रखने में पुरूष सत्तात्मक समाज की भरपूर सहायता ही की है. शुरुआती दौर से लेकर आज तक – आरएसएस द्वारा हिंदू कोड बिल के विरोध से लेकर आज के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे तक – संघ-भाजपा ने महिलाओं और बच्चियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर उन्हें पीछे ढकेलने का प्रयास  ही किया है. महिलाओं को संगठित करने के नाम पर दुर्गा वाहिनी और रणचंडी जैसे संगठनों को खड़ा कर धार्मिक उन्माद फैलाने में महिलाओं को गोलबंद करना उसकी एक सोची-समझी रणनीति है. दरअसल, आरएसएस और भाजपा इस बात को बखूबी समझती है कि महिलाएं काफी आगे बढ़ चुकी है. इसलिए वह उनको प्रगतिशील राजनीति में आने से रोकने के लिए ऐसे महिला संगठनों को खड़ा कर उन्हें राजनैतिक जागरूकता से दूर रखना चाहती हैं. 2025 में आरएसएस के 100 साल पूरे होने के अवसर को वह इसी रूप में मनाना चाहती है.

बैठक के दूसरे दिन बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, असम, तेलंगाना, कर्नाटक व राजस्थान सहित सभी राज्यों समेत पूरे देश में ऐपवा के कामकाज का एक लेखा-जोखा रखा गया. देश में चल रहे फासीवाद विरोधी आंदोलन में ऐपवा की भूमिका व भागीदारी पर पर भी विस्तार से चर्चा की गई और हिंदू राष्ट्र के नाम पर महिलाओं की आजादी और उनके अधिकारों पर लगायी जानेवाली पाबंदियों के खिलाफ संघर्ष की रणनीति बनाई.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में आगामी 9 से 11 मई के बीच पूरे देश में महिला कुश्ती खिलाड़ियों के समर्थन में प्रदर्शन करने, रानी लक्ष्मीबाई के जन्म दिवस के अवसर पर युवा महिलाओं के बीच भारतीय इतिहास की वीरांगनाओं बारे में बताने तथा 1-2 अक्टूबर 2023 को देश की राजधानी दिल्ली में ऐपवा का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लेते हुए महिलाओं के बीच बहनापा को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया.


भारतीय कुश्ती संघ के अधयक्ष बृजभूषण सिंह अविलंब गिरफ्तार हों!

ऐपवा राष्ट्रीय परिषद के बैठक की शुरुआत में देश की राजधानी दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर बैठी महिला पहलवानों के समर्थन में एकजुटता और भाजपाई सांसद तथा कुश्ती संघ के अधयक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग और इस मसले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी के खिलाफ प्रतिवाद मार्च के साथ हुई.

प्रतिवाद मार्च को संबोधित करते हुए ऐपवा की राष्ट्रीय अधयक्ष ई. रति राव जी ने कहा कि देश में बढ़ते फासीवाद और महिलाओं के अधिकारों पर हो रहे हमले का एक उदाहरण आज हमें दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठी महिला कुश्ती खिलाड़ियों और सरकार की मणिपुर सहित सभी मामले पर चुप्पी से पता चल रहा है. 
ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि आज देश के किसी भी क्षेत्र में कोई भी सुरक्षित नहीं है, यहां तक कि देश के लिए मेडल लाने वाली बेटियां भी नहीं. हर तरफ दंगा-फसाद का माहौल है. छात्र-युवा व महिलाएं, मजदूर, किसान, दलित-पिछड़ा व अल्पसंख्यक समुदाय कोई भी सुरक्षित नहीं है.

प्रतिवाद सभा को कृष्णा अधिकारी (उत्तर प्रदेश), इंद्राणी दत्ता (प. बंगाल), सुधा चौधरी (राजस्थान), शशि यादव (बिहार) और गीता मंडल (झारखंड) सहित कई महिला नेताओं ने संबोधित किया.