वर्ष - 32
अंक - 25
17-06-2023

झारखंड में भाकपा(माले) और आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने विगत 9 जून 2023 को शहीद बिरसा मुंडा के शहादत दिवस को पुूरे राज्य में समारोहपूर्वक मनाया. रांची स्थित शहीद बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर भाकपा(माले) राज्य सचिव कामरेड मनोज भक्त और केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड शुभेन्दू सेन ने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ फूल-माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

रामगढ़ जिला के पतरातू प्रखंड अंतर्गत घुटूवा गांव में शहीद भगत सिंह पुस्तकालय (सामुदायिक भवन) में धरती आबा को श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम का संचालन पुस्तकालय सचिव सुरेंद्र कुमार बेदिया ने किया. शहीद बिरसा के चित्र पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया सहित सभी लोगों ने फूल-माला अर्पित कर एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी. उपस्थित लोगों ने ‘बिरसा मुंडा का उलगुलान जिंदाबाद’, ‘जल-जंगल-जमीन के लिए संघर्ष तेज करो’, ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’, ‘कारपोरेट कंपनियों के खिलाफ आंदोलन तेज करो’, ‘सांप्रदायिक जहर फैलाना बंद करो’, ‘संविधान बचाओ, देश बचाओ’, ‘बिरसा मुंडा के अबुआ दिसुम अबुआ राज का सपना पूरा कौन करेगा? हम करेंगे, हम करेंगे’ आदि नारों ने समारोह में  ऊर्जा भर दिया.

समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं – देवकीनंदन बेदिया, सुरेंद्र कुमार बेदिया, नागेश्वर मुंडा, नीता बेदिया, रामदेव बेदिया और मोतीलाल बेदिया ने कहा कि बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद और उनके देशी दलालों – जमींदारों व सूदखोर महाजनों – के अंतहीन शोषण के  खिलाफ जल, जंगल व जमीन  की सुरक्षा और ‘अपना देश में अपना राज’ के नारे के साथ संघर्ष तेज किया था और 1892 में  गोरे अंग्रेजों द्वारा लागू किया गये फाॅरेस्ट एक्ट कीे, जिसके द्वारा आदिवासी समुदाय को हमेशा के लिए जंगल के संसाधनों के उपभोग से वंचित कर दिया था, पुरजोर मुखालफत करते हुए अपने समुदाय की व्यापक गोलबंदी की थी. बिरसा मुंडा द्वारा दिया गया शब्द ‘उलगुलान’ आज भी जारी है क्योंकि उनका सपना आज भी अधुरा है. जल, जंगल, जमीन, खनिज संसाधन व अन्य प्राकृतिक संसाधनों का भूमाफिया व कारपोरेट कंपनियों द्वारा लूट-खसोट का सिलसिला थमा नहीं है. बिरसा मुंडा से प्रेरणा लेकरद देश के विभिन्न प्रांतों में आदिवासी समाज का उलगुलानी संघर्ष जारी है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक शोषणकारी शक्तियां जड़-मूल से खत्म नहीं हो जातीं. मोतीलाल बेदिया, इलाचो देवी, हेमंती देवी, किरण कुमारी, कुंती देवी, अमित बेदिया और बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी कार्यक्रम में सम्मिलित थे.

रामगढ़ के अरगड्डा चौक पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बिरसा मुंडा शहादत दिवस मनाया गया. सबसे पहले आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक देवकीनंदन बेदिया, कुलदीप बेदिया भाकपा(माले) के रामगढ़ जिला सचिव भुनेश्वर बेदिया, पंस लालचंद बेदिया, सुभाष बेदिया, मुखिया करण बेदिया और लाली बेदिया ने माल्यार्पण किया. मौके पर मौजूद अन्य दर्जनों लोगों फासीवाद के खिलाफ लोकतंत्र बचाने और कारपोरेट लूट के खिलाफ जल-जंगल-जमीन-खनिज की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया.

संकल्प सभा में वक्ताओं ने अरगड्डा क्षेत्र में सीसीएल द्वारा आदिवासी संघर्ष मोर्चा के साथ पिछले वर्ष किए गए समझौते को लागू करने की मांग की. विदित हो कि अरगड्डा कोयला खदान के लिए जमीन अधिग्रहित किए आठ साल हो गए हैं लेकिन अभी तक ग्रामीण रैयतों को नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास का वादा पूरा नहीं किया गया है. वक्ताओं ने अरगड्डा टोंगी अवस्थित स्वतंत्रता सेनानी शहीद जीतराम बेदिया मूर्ति स्थल के सुंदरीकरण के लिए आबंटित बीस लाख रुपए की राशि में हुए घोटाला के खिलाफ आगामी 14 जून 2023 को अरगड्डा सीसीएल महाप्रबंधक के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की गई.

शहीद बिरसा मुंडा के 124वें शहादत दिवस पर पतरातू प्रखंड के मांझी थान (भुरकुंडा, हुरुमगढ़ा) सेे सैकड़ों की संख्या में महिलाओं, पुरुषों व नौजवानों ने आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले तीर-धनुष से सुसज्जित होकर और टमक बजाते हुए एक रैली निकाली जो फोरलेन होते हुए मतकमा चौक तक गई. वहां सिधू-कान्हू की मूर्ति पर पुष्पांजलि देने के बाद नारा लगाते हुए यह जुलूस बिरसा चौक, भुरकुन्डा पहुंचा. बिरसा चौक में स्थापित बिरसा मुंडा के आदमकद प्रतिमा पर भाकपा(माले) के पतरातू प्रखंड सचिव नरेश बड़ाईक, नेता नागेश्वर मुंडा व मनोज मांझी समेत सभी लोगों द्वारा पुष्पांजलि के बाद मौन श्रद्धांजलि दी गई. मनोज मांझी की अध्यक्षता में आयोजित सभा को नरेश बड़ाईक नागेश्वर मुण्डा, मनोज मांझी, ब्रह्मदेव मुर्मू आदि नेताओं ने संबोधित किया.

दोहाकातु पंचायत के पीठा दापैन के मुंडा टोला में गांव के बुजुर्ग बिशेश्वर महतो के द्वारा माल्यार्पण कर शहीद बिरसा मुंडा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. यह कार्यक्रम झाखण्ड निर्माण मजदूर यूनियन, झामस और आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आयोजित हुआ. इस मौके पर अमल घोषाल, बिगेंद्र ठाकुर, कामेश्वर मुंडा, मनोज मुंडा, पूनम देवी, खुशबू कुमारी, संतोष मुंडा, रमेश मुंडा, सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.

बुंडू में बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस के अवसर पर ‘रायसा जलाशय रद्द करो’ के नारे के साथ एक उलगुलान मार्च निकाला और धुर्वा मोड़ स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें एक मिनट का मौन श्रद्धांजलि दी गई. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के नेता सुखदेव मुंडा ने कहा कि हेमंत कैबिनेट से प्रस्तावित रायसा जलाशय परियोजना को चालू करने से यह पूरा क्षेत्र डूब जाएगा. क्षेत्र के विभिन्न पेड़-पौधों व जीव-जंतुओं पर इसका विपरीत असर पड़ेगा. ग्रामसभा व ग्रामीणों की सहमति के बिना और खुंटकटी कानून का उल्लंघन कर डैम बनाना बिरसा मुंडा के सपनों की हत्या है. भाकपा(माले) के जिला सचिव जगमोहन महतो ने कहा कि चार लेबर कोड के जरिए देश में जंगल, जमीन की लूट और कंपनी राज थोपने के खिलाफ एक बार फिर से उलगुलान खड़ा कर कारपोरेट-फासीवादी निजाम को पिछे धकेलने का संकल्प लेना होगा. कार्यक्रम में भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य मोहन दत्ता तथा दिलीप मांझी, सिमैला मुंडा, नुनीबाला मुंडा और अमलकांत महतो समेत अन्य दर्जनों लोग शामिल थे.

कांके प्रखंड के चामा बुकरु बाजार चौक में आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राज्य संयोजक जगरनाथ उरांव ने बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण किया. उन्होंने कहा कि रांची शहर व कांके प्रखंड में स्थानीय दलाल-विचैलियों द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज बनाकर आदिवासियों की जमीन हड़पने की साजिश चल रही है. यह सीएनटी एक्ट का खुला उल्लंघन है. आदिवासी संघर्ष मोर्चा इसके खिलाफ संघर्ष तेज करने का संकल्प लेता है. सभा को शिवशंकर उरांव, बारहू पंचायत के पूर्व मुखिया रामेश्वर मसली, अजय मुंडा, दिनेश पाहन, परण मुंडा व जयमंगल उरांव आदि ने संबोधित किया.

मांडर प्रखंड में आदिवासी संघर्ष मोर्चा की महिला नेत्री अलमा खलखो व महावीर मुंडा अन्य सैकड़ों महिला-पुरुषों की भागीदारी के साथ एक पेड़ के नीचे बिरसा मुंडा का चित्र रखकर उस पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सभा आयोजित की गई. अलमा खलखो ने कहा कि पिछले दिनों से मांडर प्रखंड के हातमा और चामा आदि गांवों में आदिवासियों की भूमि कंपनियों के द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने के प्रयास के खिलाफ चल रहे संघर्ष में दर्जनों आदिवासी महिला-पुरूषों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में इसके खिलाफ थाने का घेराव किया जाएगा और पूरे क्षेत्र में जंगल-जमीन बचाओ आंदोलन तेज किया जाएगा.

अड़की प्रखंड के हितडीह गांव में बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर एक मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी गई. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के नेता गौतम मुंडा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट व पेशा एक्ट आदिवासियों के लिए बने हैं. लेकिन आदिवासियों के स्वशासन व्यवस्था के तहत सामुदायिक जीवन निर्णय से जीवन का विकास तथा जल-जंगल-जमीन व खनिजों का संरक्षण नहीं हो रहा है. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के नेता रोहिन मुंडा ने कहा कि पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को लागू करने से ही आदिवासियों का विकास संभव होगा. गुरुवा मुंडा, लखीमनी मुंडा, रामसिंह मुंडा, महावीर मुंडा और यशोमती देवी ने भी सभा को संबोधित किया.

पलामू जिले के विषयपुर (छत्तरपुर प्रखंड) में भाकपा(माले) के बैनर तले शहीद बिरसा मुंडा का शहादत दिवस मनाया गया. अध्यक्षता मंजूराम और संचालन रामचन्द्र सिंह खरवार ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्पांजलि और दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई.

गुमला जिले में भाकपा(माले) जिला सचिव गजेन्द्र सिंह के नेतृत्व मे बिरसा मुंडा एग्रो पार्क में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई. गजेन्द्र सिंह ने कहा कि देश में सांप्रदायिक फासीवादी हमले बढ़े हैं, लोकतंत्र व सविधान खतरे में हैं, राष्ट्रीय संपत्ति को निजी हाथों में बेचा जा रहा है और नागरिक अधिकार छीने जा रहे हैं. ऐसे समय में बिरसा मुंडा के क्रांतिकारी उलगुलान की जरूरत है. कार्यक्रम में मजदूर नेता महेन्द्र, जैक्सन उरांव, भिखराम उरांव, सुखराम उरांव, विद्यासागर खेस, दर्शन उरांव, जुगल मुंडा, लक्ष्मण उरांव, मुस्तकीम अंसारी आदि उपस्थित थे.

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