वर्ष - 32
अंक - 34
19-08-2023

भोजपुर जिले में बंद पड़े सभी सरकारी नलकूपों (स्टेट बोरिंग) को चालू करने, नहरों के अंतिम छोर तक पानी देने, गांवो में पेयजल की संकट को दूर करने आदि मांगों को लेकर भोजपुर जिले के 12 प्रखंडों पर अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा(माले) द्वारा विगत 7 अगस्त 2023 को करीब 4 घंटे से ज्यादा चक्का जाम हुआ. इस दौरान किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए और नुक्कड़ सभा कर नाराजगी जताई.

धान रोपनी का समय बीत रहा है लेकिन वर्षा न होने व नहरों में पानी की किल्लत से जिले भर में धीमी गति से रोपाई चल रही है. अभी बड़े पैमाने में रोपनी करना बाकी है. किसान मायूस हैं, किसी तरह बोरिंग के सहारे रोपाई कर रहे हैं. उधर वाटर लेवल भी नीचे चला गया है जो किसानों का परेशानी का कारण बना है, जिले में इंद्रपुरी बराज से मुख्य नहर (आरा लाइन) निकली हुई है लेकिन मुख्य नहर में ही पानी की मात्रा बहुत कम है. शाखा नहरों में थोड़ा-बहुत पानी मिल जाता है लेकिन वितरणी नहरों में जो गांवो तक जाती हैं, पानी नही आने से कठिनाइयां बढ़ी हैं, पानी न आने की बड़ी समस्या बिहार में सोन नदी पर अपना डैम नही होना है. अभी 1972 में केंद्रीय जल आयोग के समक्ष तीन राज्यों के साथ हुए समझौते के अनुरूप पानी मिलना था. बाणसागर और रिहंद डैम से लेकिन खेती के जरूरत पड़ने पर समय से पानी मिल नही पाता है.

जिले में सरकारी नलकूप (स्टेट बोरिंग) किसी न किसी कारण से लगभग बंद हो गए हैं. वे एक जमाने में किसानों के लिए वरदान थे, आज उनपर ताले लटक गए हैं. भोजपुर जिले में कुल 87 नलकूप हैं जिनमें मात्र 20 प्रतिशत चालू हालत में है और उनसे सिंचाई का काम हो रहा है. लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं का कहना है कि ये सभी यांत्रिक और विद्युत् दोष के कारण बंद हुए हैं. अगर इन्हें दुरूस्त कर चालू किया जाए तो किसानो को बड़ी सहूलियत होगी और बड़े भू-भाग में सिंचाई की जा सकेगी. बावजूद इसके सरकार और जिले के अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं. जलस्तर कम होने से गांव-गांव में पेयजल की भी संकट बन गया है. चापाकल से पानी नही आ रहा है, जिससे आम अवाम बुरी तरह से परेशान हैं. सरकार द्वारा गांवो में चल रही ‘नल-जल योजना’ फेल साबित हो चुकी है.

किसानो की दिक्कतों को देखते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा(माले) ने जिले भर में आंदोलन करने का फैसला लेते हुए चक्का जाम किया. पूरे जिले में अमूमन किसानो की भागीदारी अच्छी रही. पीरो बाजार के लोहिया चौक पर किसान महासभा के जिला सचिव सह पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह, दुदूल सिंह, मनीर आलम, कुणाल सिंह व श्री भगवान राम के नेतृत्व में घंटो जाम रहा, आंदोलनकारी बारिश में भींगते हुए भी जाम स्थल पर डटे रहे, वही जगदीशपुर प्रखंड के नया टोला मोड़ पर एनएच 30 पर 4 घंटे जाम रहा, इसे आम लोगों का समर्थन भी मिला व गाड़ियो की लंबी कतार लगी रही. वहां आयोजित नुक्कड़ सभा को किसान महासभा के राज्य नेता बिनोद कुशवाहा, इंदू देवी, कमलेश यादव, गणेश कुशवाहा, उमेन्द्र राम, शाहनवाज खान आदि ने संबोधित किया.

अगियावं बाजार पर स्थानीय विधायक मनोज मंजिल, रघुबर पासवान, भोला यादव व अखिलेश कुमार के नेतृत्व में आरा-सहार रोड को घंटो जाम किया गया. इसमें भी  किसानों की उपस्थिति अच्छी रही. नहरों में पानी नहीं मिलने से इस इलाके में धान की रोपनी बहुत प्रभावित हुई है. इसी विधानसभा क्षेत्र के गड़हनी बाजार पर रामछपित राम, अवधेश पासवान, प्रद्युमन व निर्माेही जी के नेतृत्व में जाम किया गया, चरपोखरी बाजार पर महेश व मकबूल आलम के नेतृत्व में घंटो जाम रहा. 

सहार मे किसान महासभा के जिला कमेटी सदस्य राम किशोर राय, किसान नेता मुन्ना कुशवाहा, प्रखंड सचिव उपेंद्र भारती व पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धनाथ राम के नेतृत्व मे सहार-अरवल पुल को घंटो जाम किया गया. संदेश प्रखंड में किसान नेता सह वर्तमान मुखिया भरत सिंह, अनुग्रह नारायण सिंह, भगवती चौधरी, नीलकमल, भाकपा(माले) प्रखंड सचिव संजय सिंह के नेतृत्व में सकड्डी-नासरीगंज रोड को जाम कर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए गए. कोईलवर प्रखंड में विष्णु ठाकुर, दशरथ कुशवाहा व भोला यादव के नेतृत्व में जाम किया गया. उदवंतनगर प्रखंड में राजू यादव और निरंजन कुमार केसरी, के नेतृत्व में जाम किया गया.

– बिनोद कुशवाहा