वर्ष - 28
अंक - 44
19-10-2019

किंवदंती नायक क्रांतिकारी नेता नागभूषण पटनायक के 21वें स्मृति दिवस के अवसर पर 9 अक्टूबर 2019 को देश के विभिन्न स्थानों पर उनको याद करते हुए श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किये गये. इनमें उपस्थित कामरेडों ने स्मरण किया कि नागभूषण नक्सलबाड़ी एवं भारतीय क्रांति की अजेय भावना के सच्चे प्रतीक थे और अपने जीवित रहते ही अंतिम दशकों में वे किंवदंतीनायक बन चुके थे. वे लम्बे अरसे तक जेल में रहे और प्रतिक्रियावादी सरकार ने उनको फांसी की सजा भी सुनाई थी. इसके खिलाफ उनको रिहा कराने के लिये देश भर में बड़े अभियान चले जो इमरजेन्सी के बाद लोकतंत्र की वापसी के संघर्ष में गोलबंदी का केन्द्र बने. और अगले दो दशकों के दौरान उन्होंने जन-प्रतिरोध की अदम्य भावना का जीवंत प्रतीक की हैसियत से प्रतिनिधित्व किया.

इस दिन उड़ीसा के भुवनेश्वर स्थित नागभूषण भवन में एक कन्वेंशन आयोजित किया गया जिसको भाकपा(माले) के केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. युधिष्ठिर महापात्र, राधााकांत सेठी एवं अन्य नेताओं ने सम्बोधित किया, जिनमें वाम दलों के नेतागण भी शामिल हैं. रायागढ़ा जिले के गुनुपुर में उनके स्मारक पर एकता रैली आयोजित की गई और उसके बाद एक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें बड़ी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया. इस रैली को केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. तिरुपति गोमांग, बृन्दाबन बेदिका, कैलाश सबर, वी वेंकट राव एवं ऐक्टू नेता फणिभूषण पटनायक ने सम्बोधित किया.

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भाकपा(माले) के बिहार राज्य कार्यालय में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई जिसमें बिहार राज्य सचिव का. कुणाल, लोकयुद्ध के सम्पादक का. बृज बिहारी पांडे, केन्द्रीय कमेटी सदस्य का. सरोज चौबे, राज्य कमेटी सदस्य का. प्रकाश कुमार आदि शामिल थे. सभा में वक्ताओं ने कहा कि कामरेड नागभूषण पटनायक का जीवन और उनके संघर्ष हम सबके लिये एक ऐसे समय में सर्वोच्च प्रेरणादायक हैं जब फासीवादी शक्तियों ने लोकतंत्र के खिलाफ सुनियोजित हमला छेड़ दिया है.