वर्ष - 28
अंक - 45
26-10-2019

रसोइया संघ के बैनर तले विगत 19 अक्टूबर 2019 को 10-सूत्री मांगों को लेकर राजधानी रांची में  राज्यपाल के समक्ष धरना दिया गया. राज्य में मध्याह्न भोजन कर्मी (रसोइया) यूनियन गठित होने के बाद यह यह राज्य स्तर पर लिया गया पहला कार्यक्रम था. धरना में देवघर, दुमका, रांची, रामगढ़, पलामू व गिरिडीह जिले से 300 से भी अधिक की संख्या में रसोइयों ने हिस्सा लिया.

उनकी प्रमुख मांगें थीं – रसोइयों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और जब तक यह दर्जा नहीं मिलता उन्हें प्रति माह 18 हजार रुपये का मानदेय देने की गारंटी की जाए, मध्याह्न भोजन योजना के निजीकरण या ठेकाकरण की प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक लगे, रसोइयों को नियुक्ति पत्र और पोशाक दी जाए तथा मानदेय का नियमित भुगतान करने की गारंटी की जाए, रसोइया संयोजिका को भी मानदेय दिया जाए, प्रत्येक रसोइया का सरकार अपनी तरफ से 5 लाख रु. का जीवन बीमा कराए और सेवा अवधि में मृत्यु होने पर उन्हें तत्काल यह राशि प्रदान की जाए, विभाग हर माह संकुल या प्रखंड स्तर पर उनकी बैठक आयोजित कर उनकी समस्याओं को सुने एवं मध्याह्न भोजन योजना की समग्र (मीनू सहित) जानकारी दे और रसोइया समेत सभी स्कीम वर्कर्स के हितों की रक्षा के लिए एक विशेष कानून बनाया जाए .

का. शेखर राय के संचालन में आयोजित धरना को ऐक्टू के राज्य सचिव का. भुवनेश्वर केवट, ऐपवा राज्य अध्यक्ष का. सविता सिंह रसोइया संघ की राज्य अध्यक्ष का. गीता मंडल, राज्य सचिव का. अनिता देवी, ऐपवा नेत्री का. आईती तिर्की व रसोइया नेता का. भुण्डा बास्की आदि ने संबोधित किया. राज्यपाल महोदया को 10-सूत्री मांगपत्र सौंपने के बाइ इसका समापन हुआ.