वर्ष - 28
अंक - 44
19-10-2019

उत्तर प्रदेश के जाने-माने मजदूर नेता कामरेड हरी सिंह की स्मृति सभा 10 अक्टूबर 2019 को कानपुर में डिप्टी पड़ाव के निकट इकबाल लाइब्रेरी हाल में हुई. इसका आयोजन भाकपा(माले) व एक्टू जिला इकाई ने संयुक्त रूप से किया. का. हरी सिंह का निधन लंबी बीमारी के बाद 80 साल की उम्र में बीते 25 सितंबर 2019 को हो गया था.

स्मृति सभा के आरंभ में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर भाकपा(माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, उत्तर प्रदेश के प्रभारी रामजी राय, राज्य सचिव सुधाकर यादव व अन्य वाम दलों व ट्रेड यूनियनों के नेताओं सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

स्मृति सभा को संबोधित करते हुए का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि ट्रेड यूनियन आंदोलन में ऐसे बहुतेरे नेता मिलेंगे जो मजदूर आंदोलन के लिए बहुत जुझारू होते हैं, किंतु इसके बाहर वे राजनीतिक और सामाजिक रूप से बहुत सीमित होते हैं. का. हरी सिंह इसके अपवाद थे. जनता के किसी हिस्से पर दमन हो, छात्र आंदोलन का दमन हो, महिलाओं का उत्पीड़न हो, सांप्रदायिकता का प्रश्न हो, माॅब लिंचिंग का प्रश्न हो या देश को बचाने का सवाल हो, वे बिना सोच-विचार में पड़े उस पर पहलकदमी ले लेते थे. का. हरी सिंह दिल और दिमाग दोनों से ही भरपूर ऊर्जा से भरे हुए थे. उनमें विचार करने और उसे हौसले के साथ व्यवहार में लागू करने की अद्भुत क्षमता थी. हरी सिंह जैसे नेता एक दिन में और एक आंदोलन से नहीं बनते, बल्कि लगातार एक रास्ते पर बढ़ते हुए बनते हैं. इतने जिंदादिल और लंबे आंदोलन से पैदा हुए नेता जब जाते हैं, तो समाज पर गहरा असर छोड़ कर जाते हैं.

का. दीपंकर ने कहा कि आज ऐसा दौर है जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था. इस दौर ने अतिरिक्त बेचैनी पैदा की है. आरएसएस को देश की आजादी से कोई मतलब नही था. उस समय संघ हाशिये की ताकत था जो हिटलर से प्रेरणा ले रहा था. जनता ने उसे नकार दिया था. उसी गुस्से में उन्होंने गांधी की हत्या करवाई. आज उन्माद पर सवार होकर वह सत्ता में हैं. आज दमन व विभाजन के सारे हथियार उनके पास हैं. आज सारा सार्वजनिक क्षेत्र तबाह किया जा रहा है. देश के सारे पूंजीपति जो कहते हैं वह उसे लागू कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि देश में मंदी केवल किसानों मजदूरों की ही आफत नहीं है, अब देश में व्यापार करना भी मुश्किल है. आज चौतरफा दिन-रात राष्ट्रवाद के नारे लगाए जा रहे हैं किंतु उनसे पूछिए की देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए राष्ट्रवाद की बात क्यों नही की जा रही है. इनका राष्ट्रवाद जब अर्थव्यवस्था का निजीकरण है, तब हमें देश की समस्त पूंजी के सार्वजनिकीकरण की आवाज बुलंद करनी चाहिए. यह जनता का राष्ट्रवाद होगा.

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए मजदूरों की मजदूरी कम-से-कम दो गुनी बढ़ानी होगी. ग्रामीण पेंशन की राशि तीन हजार रु. करनी होगी. सभी सार्वजनिक खर्चों को बढ़ाने का उपाय करना होगा. मनरेगा में सबको दो सौ दिन काम व पांच सौ रुपए मजदूरी देनी होगी. मनरेगा की तरह शहरी रोजगार की गारंटी देनी होगी. बेरोजगारों को सम्मानजनक भत्ता के साथ रोजगार के लिए व बंद कारखानों को चालू करने के लिए पूंजी की व्यवस्था करनी होगी. अगर आरबीआई से लिया 1.76 लाख करोड़ रु. मजदूरों-किसानों के लिए खर्च किया जायेगा, तो हम मंदी से निपट सकते हैं. किंतु मंदी से निपटने के लिए सरकार उल्टा काम कर रही है. आरबीआई से लिया गया लगभग पूरा धन पूंजीपतियों को रियायत देने व कारपोरेट की टैक्स माफी में किया गया. यह रास्ता देश को और बड़े संकट की तरफ ले जायेगा.

उन्होंने कहा कि आज महंगाई सहित तमाम प्रश्नों पर जनता को जागरूक करने की जरूरत है और गहरे संवाद की जरूरत है. जनता से कश्मीर, एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता पंजी) जैसे प्रश्नों पर बात करने की जरूरत है. यह (संघ वाले) देश में जनता के बीच नफरत पैदा कर रहे हैं. लिंचिंग का विरोध करने वालों को भारत-विरोधी कह रहे हैं. मोहन भागवत कहते हैं कि लिंचिंग की हमारी संस्कृति में कोई अवधारणा नहीं है. उनके लिए यह कोई मुद्दा नहीं है. अगर आज हरी सिंह होते तो वह चुप नहीं रहते, निराश नहीं होते, क्योंकि उनको जनता पर अटूट भरोसा था. उनके सपनों को पूरा करने के लिए हमें लड़ाई को आगे बढ़ाना होगा.

स्मृति सभा में सबसे पहले भाकपा(माले) के कानपुर जिला प्रभारी का. विजय कुमार ने हरी सिंह के जीवन व संघर्ष के समग्र पहलुओं को रखा. सभा को केन्द्रीय कमेटी सदस्य व ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, माले राज्य स्थायी समिति के सदस्य रमेश सिंह सेंगर, वरिष्ठ नेता अनंतराम वाजपेई, मजदूर नेता विजय विद्रोही, फारवर्ड ब्लाक के रामदुलारे, एसयूसीआई के का. इलाजरस, सीटू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भगवान मिनरल व मोहम्मद वसीम, जल निगम के नेता प्रताप शाही, एक्टू के राम सिंह, सुलेखा तिवारी, कमल किशोर, हरी सिंह की पुत्री ऊषा सिंह, पुत्र राना सिंह आदि लोगों ने संबोधित किया. सभा की अध्यक्षता ऐपवा जिलाध्यक्ष शिवानी वर्मा तथा संचालन पार्टी जिला नेतृत्वकारी टीम के सदस्य एडवोकेट अजय सिंह ने किया.