वर्ष - 29
अंक - 9
15-02-2020
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देश की चर्चित महिला नेत्री व भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. कविता कृष्णन ने विगत 13 फरवरी से 17 फरवरी 2020 तक बिहार राज्य का दौरा कर विभिन्न जिलों में सीएए-एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ चल रहे आंदोलनों व कार्यक्रमों को संबोधित किया. का. कविता कृष्णन ने 13 फरवरी को हाजीपुर के टाउन हाल में आयोजित जन एकता सम्मेलन में संबोधित करने के आद उसी दिन नवादा जिले के दोस्तली बिगहा (पकरीबरामां) तथा नवादा शहर के बुंदेलाबाद में आयोजित धरना को भी संबोधित किया. अगले दिन 14 फरवरी को उन्होंने बेगुसराय जिला के पार्टी कार्यकर्ता कन्वेंशन के अलावा बेगूसराय शहर के नवाब चैक आयोजित धरना तथा खगड़िया जिले के मारर में आयोजित धरना को भी संबोधित किया.

अगले दिन उन्होंने भागलपुर के कदवा में आयोजित जन एकता सम्मेलन को संबोधित किया. वे उसी दिन पूर्णियां व अररिया जिलों में पहुंची जहां उन्होंने धरनास्थलों पर जाकर सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ भारी तादाद में जुटकर धरना दे रहे लोगों को संबोधित किया. 16 फरवरी 2020 को का. कविता कृष्णन ने बक्सर जिले के डुमरावं के नगर परिषद हाल में आयोजित जन एकता सम्मेलन को संबोधित किया. उसी दिन उन्होंने भोजपुर जिले के गड़हनी व रोहतास जिले के सासाराम में चल रहे अनिश्चितकालीन धरनों को भी संबोधित किया. उनकी यात्रा का समापन 17 फरवरी की दोपहर प. चंपारण जिले के बगहा में आयोजित जन एकता सम्मेलन को संबोधित करने के साथ हुआ.

kavita

 

इस दौरान अपने संबोधनों में का. कविता कृष्णन ने आगामी 25 फरवरी को एनपीआर के खिलाफ भाकपा(माले) के विधानसभा मार्च को ऐतिहासिक बनाने की अपील की

कामरेड कविता ने कहा कि सीएए-एनआरसी व एनपीआर से मुस्लिम ही नहीं, गैर मुस्लिम लोगों को भी खतरा है. एनपीआर के तहत सरकारी बाबू या तहसीलदार किसी को भी संदिग्ध नागरिक घोषित कर सकता है. इससे भारी भ्रष्टाचार की जगह बनेगी, और सरकार के पास सत्ता होगी कि वह सरकार से सवाल करने वाले, अपने अधिकार मांगने वाले किसी को भी वोटर लिस्ट से संदिग्ध कह कर हटा सकती है, या हटाने की धमकी से उन्हें खामोश कर सकती है.

17 फरवरी को चंपारण दौरे पर पहुचीं का. कविता कृष्णन ने सबसे पहले बगहा स्थित विमल बाबू मैदान में जन एकता सम्मेलन को संबोधित किया, इस संमेलन में आदिवासी, (थारू व उरांव) और दलित समुदाय की महिलाओं की संख्या अधिक थी जिन्हें नहीं मालूम कि सीएए, एनआरसी और एनआरपी से उन्हें कया नुकसान होगा, शाम 5बजे  देवराज में (परसौनी चौक) और रात्रि 7 बजे  बेतिया के राजदेवडी में चल रहे सीएए, एनआरसी, एनपीआर के खिलाफ अनिश्चित कालीन धरना को संबोधित करते हुए का. कविता ने कहा कि मोदी जी कह रहे हैं कि अभी हाल फिलहाल एनआरसी नहीं करना है. तब वे एनपीआर काहे करने पर तुले हुए हैं. जब रोटियां नहीं बनानी हैं तो आटा काहे गूंथते जा रहे हैं.