वर्ष - 29
अंक - 6
01-02-2020

 पूरे राज्य में लंबी लाइनें लगाकर लोगों ने सरकार को चेताया

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ वाम दलों के आह्वान पर आयोजित मानव शृंखला में 25 जनवरी 2020 के दिन पूरे राज्य में लाखों की संख्या में लोग लाइन में खड़े हुए. दिन के 1.30 बजे से 2.30 बजे तक आयोजित इस शृंखला जरिए आम लोगों ने सरकार से इन काले कानूनों को रद्द करने व अविलंब वापस लेने की मांग दुहराई. उन्होंने यह भी मांग उठाई कि बिहार की नीतीश सरकार एनपीआर को खारिज करे और बिहार विधान सभा से सीएए व एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित करवाए.

मानव शृंखला में दलित-गरीबों की बड़ी गोलबंदी के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदाय व छात्र-नौजवानों की भी व्यापक भागीदारी रही. 19 जनवरी की सरकारी मानव शृंखला के बरक्स जनता ने अपनी पहलकदमी पर जगह-जगह लंबी मानव शृंखलाओं का निर्माण किया और काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया. राजधानी पटना में बुद्धा स्मृति पार्क से रेडियो स्टेशन, स्टेशन गोलबंर से जीपओ गोलबंर, राजाबाजार, पटना विवि, लालबाग, समनपुरा, महावीर कैंसर संस्थान, फुलवारीशरीफ सहित अन्य इलाकों में मानव शृंखला आयोजित की गई.

मपोगल

 

बुद्धा स्मृति पार्क से आरंभ हुई मानव शृंखला डाकबंगला चौराहा होते हुए रेडियो स्टेशन पार कर गई. लोग सीएए-एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ हाथों में तख्तियां लिए हुए लाइनों में खड़े हुए. वे नागरिकता, संविधान व देश बचाने वाले कार्डबोर्ड टांगे हुए थे. बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं.

बुद्धा स्मृति पार्क से आरंभ आयोजित मानव शृंखला में भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, माकपा की पोलितब्यूरो सदस्य सुभाषिणी अली, भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, भाकपा(माले) के राज्य सचिव कुणाल, धीरेन्द्र झा, राजाराम सिंह, मीना तिवारी, शशि यादव, राजाराम, केडी यादव, अभ्युदय, भाकपा के रामलला सिंह, मोहन प्रसाद, विश्वजीत कुमार, माकपा के अरुण मिश्रा, सर्वाेदय शर्मा, मनोज चंद्रवंशी, कांग्रेस विधायक शकील अहमद सहित ‘हम’, रालोसपा, जन अभियान और अन्य सांस्कृतिक-राजनीतिक-छात्र संगठनों के नेता-कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.

समनपुरा में आयोजित मानव शृंखला का नेतृत्व भाकपा(माले) की राज्य कमिटी सदस्य समता राय, लालबाग के इलाके में आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार, राजाबाजार में इनौस के बिहार राज्य सचिव सुधीर कुमार, फुलवारीशरीफ में भाकपा(माले) के गुरुदेव दास व साधुशरण आदि नेताओं ने किया.

इस अवसर पर माले महासचिव ने कहा कि सीएए-एनआरसी व एनपीआर को वापस लेने की मांग पर आज की मानव शृंखला में न केवल अल्पसंख्यक समुदाय, बल्कि व्यापक पैमाने पर दलित-गरीबों की भागीदारी हो रही है. इन काले कानूनों की असलियत धीरे-धीरे विभिन्न तबके के लोग समझने लगे हैं और वे संघर्ष के मैदान में कूद रहे हैं. आज की मानव शृंखला बता रही है कि भाजपा व नीतीश कुमार के खिलाफ व्यापक एकजुटता का निर्माण हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी लड़ाई नागरिकता, संविधान व देश बचाने की लड़ाई है. नीतीश जी को एनपीआर पर तत्काल रोक लगानी चाहिए. उनके भ्रम फैलाने की कवायदों को जनता अच्छे से समझ रही है.

पहसोल

 

आज मोदी सरकार ने शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शनों व प्रदर्शनकारियों को चुप कराने के लिए पुलिस को अंधाधुंध शक्तियां दे दी हैं. नीतीश जी संविधान व धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की रक्षा का दावा करते आए हैं, लेकिन आज उनका यह दावा पूरी तरह तार-तार हो चुका है. सीएए-एनआरसी व एनपीआर एक ही पैकेज प्रोग्राम है. यह नहीं चल सकता कि आप एनआरसी की मुखालफत करते हों और सीएए का समर्थन का कर रहे हों. एनपीआर पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है.

इस अवसर पर माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा कि आज के कार्यक्रम में पटना से लेकर सिवान, चंपारण, मधुबनी, गया, आरा हर जगह आम लोगों की व्यापक भागीदारी हुई. यह बेहद स्वागतयोग्य है. ये काले कानून देश में नहीं चलने वाले हैं. देश की जनता फासीवादी सरकार को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सड़कों पर उतर आई है.

जिलों की रिपोर्ट: बेतिया में 10 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला बनाई गई, जिसमें हजारों की भगीदारी हुई. एनएच-27 पर मनुआपुल से बेलदारी तक यह शृंखला बनाई गई. जहानाबाद शहर में काको मोड़ से लेकर डीएम आवास तक 5 किलोमीटर लंबी मानव बनाई गई. इसके बाद अरवल मोड़ से गौतम बुद्ध स्कूल तक 2 किलोमीटर लंबी शृंखला बनी. गया में समाहरणालय से जीबी रोड, कोतवाली होते हुए यह शृंखला बनाई गई.

सो्पह

 

मधुबनी में समाहरणालय, थाना चौक, वाटसन स्कूल तक यह शृंखला बनाई गई. पूर्णिया, नवादा, अररिया, दरभंगा आदि जगहों पर मानव शृंखला बनाई गई. जमुई में आयोजित मानव शृंखला में तकरीबन 4000 लोगों की भागीदारी हुई.  बेगूसराय में लोगों ने हाथों में हाथ डाले मानव जंजीर बनाई. मुंगेर में माले की केंद्रीय कमेटी सदस्य सरोज चौबे ने 3 किलोमीटर लंबी मानव शृंखला का नेतृत्व किया. आइसा के कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय, दरभंगा आदि जगहों पर मानव शृंखला बनाई. भागलपुर में घंटा घर से स्टेशन चौक तथा नाथनगर में दो किलोमीटर की मानव शृंखला आयोजित की गई. सिवान में मजहरूल बस स्टैंड से तरवारा तक चार किलोमीटर की शृंखला बनी. बिहारशरीफ में रांची रोड, सोगरा काॅलेज से अस्पताल चौक, एतवारी बाजार, खंदकपर, दायरापर एवं अन्य मुहल्लों में शृंखला बनी. आरा में माले विधायक सुदामा प्रसाद व अन्य नेताओं के नेतृत्व में शृंखला बनी. वहीं अगिआंव में इसका नेतृत्व भाकपा(माले) के केंद्रीय कमिटी सदस्य मनोज मंजिल ने किया. पूर्णिया में आरएनसाह चौक से गिरिजा चौक तक इसे आयोजित किया गया. अरवल में भगत सिंह चौक पर यह शृंखला बनाई गई जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. कैमूर, बक्सर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नवादा आदि अन्य जिलों से भी मानव शृंखला बनने की खबरें हैं.

– कुमार परवेज