अपील - तमिलनाडु बाढ़ राहत कोष में सहयोग करें!

तमिलनाडु के कई दक्षिणी जिले कई दिनों तक बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूबे रहे. इतनी भारी बारिश 1871 के बाद पहली बार देखी गई, लेकिन इसका पूर्वानुमान मौसम विभाग या कोई भी सरकारी एजेन्सी नहीं लगा पायी. अब तक 40 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और दो लाख एकड़ से अधिक भूमि जलमग्न है. कई दिनों तक बाढ़ का पानी वहीं जमा रहा.

फसल नुकसान का मुआवजा दे सरकार

लखनऊ, 21 मार्च. भाकपा(माले) ने बेमौसम की बरसात व ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का किसानों को मुआवजा देने की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि कई जिलों में कृषि को हुई व्यापक क्षति के चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं और सरकारी राहत जमीन पर उतारने के बजाय अभी फाइलों में ही कैद है.

भाजपा विरोधी वोटों के बिखराब को रोकने पर महागठबंधन गंभीरतापूर्वक विचार करे

भाकपा(माले) ने कुढ़नी उपचुनाव परिणाम को अप्रत्याशित बताते हुए कहा कि महागठबंधन को खुशफहमी से बचना चाहिए. भाजपा गहरी साजिश रचने वाली पार्टी है, उसे किसी भी सूरत में हलके में नहीं लेना चाहिए. राज्य में भाजपा विरोधी राजनीतिक व सामाजिक आधार के बिखराब को रोकने के लिए गंभीर कोशिश चलाने की जरूरत है.

राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि उपचुनाव का परिणाम दिखलाता है कि अब भी भाजपा विरोधी वोटों में बिखराव है. विकासशील इंसान पार्टी, एमआईएम और अन्य कुछ स्वतंत्र उम्मीदवारों को मिले तकरीबन 26 हजार वोट जदयू उम्मीदवार के हार का बड़ा कारण बना.

कारपोरेट पक्षधर वन संरक्षण नियम 2022 की प्रतियां जलायें! 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती मनायें!

भारत सरकार वनों और वन भूमि को बड़े कारपोरेट्स और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सौंपने के लिए वन भूमि के विशाल क्षेत्रों से आदिवासियों और अन्य वन्यजीवी समुदायों को उखाड़ फेंकने और विस्थापित करने के लिए एक और हिंसक हमला शुरू करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए उसने वन संरक्षण नियम 2022 को संसद के सामने रखा है. यह संभावना है कि ये बजट सत्र 2023 के दौरान अनुमोदित हो जाएंगे.

नियमित संवाद की व्यवस्था करें, संभावित तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी शुरू करें


[ बिहार विधान सभा अध्यक्ष को माले विधायक दल का स्मारपत्र (29.05.2021)]

महाशय,

कोविड महामारी की अप्रत्याशित कठिन स्थितियों में विधायकों से बातचीत की पहल के लिए हम आपका आभार प्रकट करते हैं. विधान सभा के विगत सत्र में चरम अपमान झेलने के बावजूद कोविड महामारी के दौर में जनहित में आपके बुलावे पर बैठक में शामिल होना हमलोगों ने जरूरी समझा.