एमसीसी का भाकपा(माले) में विलय : अतीत की विरासत से भविष्य का निर्माण

(भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता का. केडी यादव के साथ हुई बातचीत पर आधारित)

मासस (मार्क्सवादी समन्वय समिति) के भाकपा(माले) में विलय की आधिकारिक घोषणा विगत 10 अगस्त को रांची में हो गई. 9 सितंबर को धनबाद में भाजपा हटाओ-लूट मिटाओ नारे के साथ ‘एकता रैली’ होने वाली है. इस तरह देश और खासतौर पर झारखंड की वामपंथी राजनीति में एक नए अध्याय की शुरूआत हो जाएगी.

सीतापुर : भाकपा(माले) की अगुआई में लिखा जा रहा संघर्ष का नया अध्याय

कामरेड अर्जुन लाल सन जो भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी के सदस्य और सीतापुर जिला के सचिव हैं, विगत कई वर्षों से जिले की सवर्ण-सांप्रदायिक सामंती ताकतों और उनकी संरक्षक भाजपा और योगी सरकार के निशाने पर हैं. लेकिन विगत वर्ष 2021 में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में 12,000 वोट पाकर और अपने निकटतम प्रतयाशी को करीब 8,000 मतों के अंतर से पराजित करने के बाद से वे उनकी आंखों में बुरी तरह से चुभने लगे. उल्लेखनीय यह भी है कि वे एक अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं लेकिन उन्होंने यह जीत एक सामान्य घोषित सीट पर हासिल की.

अब नीतीश सरकार के ‘विकास’ की भेंट चढ़ेगी ऐतिहासिक धरोहर खुदाबख्श ओरियंटल लाइब्रेरी!

 

बिहार की नीमीश कुमार सरकार ने पटना में कारगिल चौक से लेकर एनआइटी तक ‘फ्लाई ओवर निर्माण के लिए’ ऐतिहासिक धरोहर खुदाबख्श ओरियंटल लाइब्रेरी के गार्डेन व कुछ हिस्सों को तोड़ने का फसला लिया है.

रुद्रपुर में किसान महापंचायत

 

मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में किसानों की भागीदारी बढ़ती जा रही है. देशभर में हो रहीं किसान पंचायतों में किसान नेताओं को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है.

बेखौफ आजादी

[ लिबरेशन की सम्पादक कविता कृष्णन की नई किताब फियरलेस फ्रीडम (बेखौफ आजादी), जिसे पेंग्विन रैंडम हाउस इंडिया ने प्रकाशित किया है, के दो अंश ]

असमिया कवि सनंत तांती की नई कविता

 

फिर आया है फासीवाद
फिर आया है घिनौना फासीवाद हमारे घर में
नया हिटलर समय पर फटकार रहा है चाबुक
दर्द से बोझिल हो गई है चारों तरफ की हवा
मौसम बेरंग होकर दुःख से रुठ गए हैं
हृदय की भाषाएं उन्मुक्त होने के लिए रो-रोकर हृदय में मर रही हैं
आंखों में सूख चुके हैं आंसू अपने आप ही
फिर आया है घिनौना फासीवाद हमारे घर में
हमारे समय को तहस-नहस कर हमारे ही आंगन में
आकर खड़ा हुआ है नया हिटलर
हत्या करने के लिए इंसानियत की.

(अनुवाद-दिनकर कुमार)