लखीमपुर खीरी जनसंहार का देशव्यापी विरोध


लखीमपुर खीरी में 4 किसानों के जनसंहार के खिलाफ विगत 4 अक्टूबर को पूरे देश में प्रतिवाद दिवस मनाते हुए योगी-मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया. भाकपा(माले) और अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले पूरे देश भर में आयोजित प्रतिवाद सभाओं में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया.

हत्या का यह जश्न मानवता के लिए शर्मनाक


असम के दरांग में मुस्लिम समुदाय के गांव को उजाड़ने और निर्दोघ लोगों की हत्या कर उनके शव पर जश्न मनाने की हैवानियत के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिक प्रतिवाद आयोजित हुआ. लोगों ने इस हत्याकांड को भाजपा सरकार प्रायोजित बताते हुए असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वसरमा से तत्काल इस्तीफा देने और उनके भाई दरांग के एसपी को पद से हटाकर कार्रवाई करने की मांग की.

आग लगने पर कुआं खोदने चले योगी, भाकपा(माले) का राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन

 

ऑक्सीजन के अभाव में लखनऊ समेत प्रदेश में कोरोना मरीजों की लगातार हो रही मौतों के बीच मुख्यमंत्री योगी द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश जारी करने पर भाकपा(माले) की राज्य कमेटी ने यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री योगी की अगुआई में प्रदेश सरकार आग लगने पर कुआं खोदने वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है, विगत 25 मई को राज्यव्चाी विरोध प्रदर्शन किए.

न्यूनतम मजदूरी 808 रु. की मांग पर प्रदर्शन

 

कमरतोड़ महंगाई व कोरोना महामारी के दौर में देश मे रिकार्डतोड़ बेरोजगारी से मजदूरों के समक्ष उपजे संकट के बीच नीतीश सरकार द्वारा 1 अप्रैल से बिहार में मात्र 7900 रु मासिक (26 दिन) की दर से 304 रु. प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी घोषित किए जाने के खिलाफ ऐक्टू व इससे जुड़े सुधा डेयरी के सप्लाई डिवीजन के मजदूरों ने 808 रु. न्यूनतम मजदूरी घोषित करने की मांग पर प्रदर्शन किया.

मजदूरों पर दासता थोपने वाले 4 श्रम कोड की प्रतियां जलाईं

 

आजादी के दौर से देश के मजदूरों को हासिल 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर पहली अप्रैल से पूरे देश मे 4 श्रम कोड को मोदी सरकार द्वारा लागू करने की घोषणा के विरोध में और इन 4 श्रम कोड को मजदूरों की दासता का काला कानून बताते हुए ऑल इंडिया सेंट्रल काॅउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) ने देशव्यापी विरोध संगठित किया.

ठेका मजदूरों का धरना-प्रदर्शन

 

27 मार्च 2021 को इफको फुलपुर ठेका मजदूर संघ सम्बद्ध ऐक्टू से जुड़े सैकड़ों मजदूरों ने फुलपुर तहसील में लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से धरना-प्रदर्शन किया और इफको फुलपुर में प्रबंधन की लापरवाही से हो रही मजदूरों-कर्मचारियों की मौत की उच्च स्तरीय न्यायिक समिति बनाकर जांच कराने और इसके दोषी लोगों पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग की.